गया: कोरोना महामारी से पूरा देश प्रभावित है. ऐसे में सरकार के साथ-साथ कई सामाजिक संगठन भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए कोरोना (CORONA) पीड़ितों की मदद कर रहे हैं. ऐसे में गया शहर में स्वजन समाज के लोगों द्वारा कोरोना पीड़ित मरीजों के परिजनों को प्रतिदिन 100 खाने का पैकेट मुहैया कराया जा रहा है. ऐसे में लोगों ने स्वयं कम्युनिटी सेंटर की शुरुआत कर पीड़ितों को प्रतिदिन खाना मुहैया कराने का निर्णय लिया है.
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बैठक कर लिया गया निर्णय
'कोरोना महामारी की दूसरी लहर से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. जो लोग इस बीमारी की चपेट में आए उनके परिजन भी हताश हो गए. मगध प्रमंडल के इकलौते अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल को कई जिलों का कोविड-19 अस्पताल बना दिया गया है. ऐसे में हमने देखा कि दूरदराज से आने वाले परिजन भोजन के लिए भटक रहे हैं. वे हताश की स्थिति में हैं. इस कारण कोरोना पीड़ित मरीजों के परिजनों को खाने का पैकेट मुहैया कराने का निर्णय लिया. स्वजन समाज का हमारा पूर्व से व्हाट्सएप ग्रुप चल रहा है. समाज के लोगों से बैठक कर यह निर्णय लिया कि मरीजों के परिजनों को मदद की जाएगी. वर्तमान समय में हमलोग प्रतिदिन मगध मेडिकल अस्पताल एवं शहर के अन्य अस्पतालों में 100 खाने का पैकेट मुहैया करा रहे हैं.' -रंजीत कुमार, सदस्य, स्वजन समाज
काफी दूर से आए होते हैं परिजन
'साथ ही अन्य लोग जिनका लॉक डाउन में रोजगार छिन गया है और उनके समक्ष खाने की समस्या उत्पन्न हो गई है, ऐसे लोगों को भी चिन्हित कर प्रतिदिन खाने का पैकेट स्वजन समाज की ओर से दिया जा रहा है. हमलोगों ने यह देखा कि जो मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं, उन्हें तो भोजन मिल जा रहा है. लेकिन उनके परिजन दर-दर भटक रहे हैं. गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल में औरंगाबाद, चतरा, नवादा, जहानाबाद आदि जिलों के कोविड-19 के मरीज भर्ती हैं. उनके परिजन काफी दूर से आए हैं, उन्हें भोजन नहीं मिल रहा है. ऐसे में हम लोगों ने कम्युनिटी किचेन की शुरुआत की.' -सुमन कुमार, सदस्य, स्वजन समाज
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आम लोग भी दे रहे हैं साथ
'पैकेट के साथ एक बोतल पानी और इम्युनिटी सिस्टम बनाए रखने को लेकर नींबू भी दे रहे हैं. इसके अलावा अन्य लोग भी फोन पर अगर हम से मदद मांगते हैं, तो उन्हें भी खाने का पैकेट दे रहे हैं.
प्रतिदिन खाद्य सामग्री में पूड़ी, सब्जी के अलावा सत्तू की पूड़ी, कभी-कभी बिरयानी या अन्य चीज भी फूड पैकेट के माध्यम से मरीज के परिजनों को उपलब्ध करा रहे हैं. विगत 9 मई से इसकी शुरुआत की गई है. जब तक लॉकडाउन जारी रहेगा. तब तक हम लोग भोजन सामग्री उपलब्ध कराते रहेंगे. इसमें समाज एवं आम लोगों की भी सहभागिता दी जा रही है.' -सुधीर कुमार सिन्हा, स्थानीय निवासी
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