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गया में महिला को जिंदा जलाने का मामला: आरोपित जनप्रतिनिधियों का नाम केस से हटाने की मांग को लेकर सत्याग्रह

गया में महिला को जिंदा जलाने के मामले (Woman Burnt Alive In Gaya) में नामजद जनप्रतिनिधि को आरोप मुक्त करने की मांग को लेकर सत्याग्रह शुरू हुआ है. लोगों का कहना है कि इस पर जांच कर वैसे लोग जो दोषी हैं. उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए. वहीं, जो लोग निर्दोष हैं. उन्हें केस से मुक्त कर दिया जाए

महिला को जिंदा जलाने का मामला
महिला को जिंदा जलाने का मामला
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Published : Dec 4, 2022, 10:54 PM IST

गयाः बिहार के गया में बीते माह 5 नवंबर को पचमा गांव में एक महिला को कथित रूप से डायन बताकर (Woman Burnt Alive In Allegations Of Witch) उसे घर के अंदर जिंदा जलाने का मामला आया था. इस मामले में करीब 70 लोगों पर केस दर्ज कराया गया है, जिसमें 14 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. अन्य ग्रामीण गांव छोड़कर फरार हैं. बता दें कि पिछले महीने मैगरा थाना अंतर्गत पचमह गांव में एक महिला के घर में घुसकर उसे जिंदा जला देने की सनसनीखेज वारदात सामने आई थी.

ये भी पढ़ेंः गया में डायन का आरोप लगाकर महिला को जिंदा फूंका, बचाने पहुंची पुलिस टीम को भी पीटा

पंचायती के दिन हुई थी घटना: मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में कई जनप्रतिनिधियों को भी इस केस में आरोपित बनाया गया है. जो खुद को निर्दोष बताते हैं. वहीं, निर्दोष जनप्रतिनिधियों को केस से मुक्त करने की मांग को लेकर स्थानीय कई जनप्रतिनिधि और उनके परिजन मैगरा बाजार में सत्याग्रह-धरना पर बैठ गए हैं. लोगों का कहना है कि इस पर जांच कर वैसे लोग जो दोषी हैं, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए. वहीं, जो लोग निर्दोष हैं, उन्हें केस से मुक्त कर दिया जाए. परिजनों का कहना है कि जिस दिन घटना हुई थी. उस दिन पंचायती बुलाई गई थी.


भीड़ बेकाबू होने के बाद पुलिस को दी सूचना: आरोपित बनाए गए जनप्रतिनिधियों के समर्थन में आए अन्य जनप्रतिनिधि और परिजनों ने बताया कि उस पंचायती में लोग वहां गए थे, लेकिन वहां एक हजार की भीड़ उमड़ गई और बिना पंचायती के ही लोग और भीड़ बेकाबू हो रही थी. इसे देखते हुए इसकी सूचना हम लोगों ने पुलिस को दी, लेकिन पुलिस जैसे हीं पुलिस पहुंची उन पर भी ग्रामीणों ने पथराव कर दिया. पथराव के बाद पुलिस भाग गई थी.

"उस पंचायती में लोग वहां गए थे, लेकिन वहां एक हजार की भीड़ उमड़ गई और बिना पंचायती के ही लोग और भीड़ बेकाबू हो रही थी. इसे देखते हुए इसकी सूचना हम लोगों ने पुलिस को दी, लेकिन पुलिस जैसे हीं पुलिस पहुंची उन पर भी ग्रामीणों ने पथराव कर दिया. पथराव के बाद पुलिस भाग गई थी." :- आरोपित के परिजन



चुनावी रंजिश के तहत फंसाने का आरोप: आरोप लगाया गया है, कि जिन जनप्रतिनिधियों को फंसाया गया है, उसके पीछे चुनावी रंजिश है. मांग की है कि वरीय अधिकारी इसकी निष्पक्षता से जांच कराएं, तो वास्तविकता सामने आ जाएगी. गुहार लगायी है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर न्याय दिलाया जाए, ताकि निर्दोष जनप्रतिनिधि आरोप मुक्त हों.

गयाः बिहार के गया में बीते माह 5 नवंबर को पचमा गांव में एक महिला को कथित रूप से डायन बताकर (Woman Burnt Alive In Allegations Of Witch) उसे घर के अंदर जिंदा जलाने का मामला आया था. इस मामले में करीब 70 लोगों पर केस दर्ज कराया गया है, जिसमें 14 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. अन्य ग्रामीण गांव छोड़कर फरार हैं. बता दें कि पिछले महीने मैगरा थाना अंतर्गत पचमह गांव में एक महिला के घर में घुसकर उसे जिंदा जला देने की सनसनीखेज वारदात सामने आई थी.

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पंचायती के दिन हुई थी घटना: मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में कई जनप्रतिनिधियों को भी इस केस में आरोपित बनाया गया है. जो खुद को निर्दोष बताते हैं. वहीं, निर्दोष जनप्रतिनिधियों को केस से मुक्त करने की मांग को लेकर स्थानीय कई जनप्रतिनिधि और उनके परिजन मैगरा बाजार में सत्याग्रह-धरना पर बैठ गए हैं. लोगों का कहना है कि इस पर जांच कर वैसे लोग जो दोषी हैं, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए. वहीं, जो लोग निर्दोष हैं, उन्हें केस से मुक्त कर दिया जाए. परिजनों का कहना है कि जिस दिन घटना हुई थी. उस दिन पंचायती बुलाई गई थी.


भीड़ बेकाबू होने के बाद पुलिस को दी सूचना: आरोपित बनाए गए जनप्रतिनिधियों के समर्थन में आए अन्य जनप्रतिनिधि और परिजनों ने बताया कि उस पंचायती में लोग वहां गए थे, लेकिन वहां एक हजार की भीड़ उमड़ गई और बिना पंचायती के ही लोग और भीड़ बेकाबू हो रही थी. इसे देखते हुए इसकी सूचना हम लोगों ने पुलिस को दी, लेकिन पुलिस जैसे हीं पुलिस पहुंची उन पर भी ग्रामीणों ने पथराव कर दिया. पथराव के बाद पुलिस भाग गई थी.

"उस पंचायती में लोग वहां गए थे, लेकिन वहां एक हजार की भीड़ उमड़ गई और बिना पंचायती के ही लोग और भीड़ बेकाबू हो रही थी. इसे देखते हुए इसकी सूचना हम लोगों ने पुलिस को दी, लेकिन पुलिस जैसे हीं पुलिस पहुंची उन पर भी ग्रामीणों ने पथराव कर दिया. पथराव के बाद पुलिस भाग गई थी." :- आरोपित के परिजन



चुनावी रंजिश के तहत फंसाने का आरोप: आरोप लगाया गया है, कि जिन जनप्रतिनिधियों को फंसाया गया है, उसके पीछे चुनावी रंजिश है. मांग की है कि वरीय अधिकारी इसकी निष्पक्षता से जांच कराएं, तो वास्तविकता सामने आ जाएगी. गुहार लगायी है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर न्याय दिलाया जाए, ताकि निर्दोष जनप्रतिनिधि आरोप मुक्त हों.

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