गया: बिहार के गया में बालू खनन पर रोक की मांग (Demand for ban on sand mining in Gaya) को लेकर ग्रामीणों ने हंगामा किया. इस दौरान आगजनी भी की गयी. करीब आधा दर्जन जेसीबी और ट्रकों के शीशे तोड़ डाले. उसके बाद ग्रामीण धरने पर बैठ गए. उनका कहना था, कि जब तक बालू उठाव यहां से नहीं रोका जाता है, तब तक वे धरना पर बैठे रहेंगे. हंगामे के दौरान बड़ी संख्या में पुरुष और महिला शामिल थे.
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ग्रामीणों की क्या थी मांगः हंगामा कर रहे ग्रामीणों का कहना था कि बालू उठाव के लिए 20 फीट तक बालू होना जरूरी है, लेकिन यहां 5 फीट बालू ही है. यदि बालू का उठाव होता है, तो भविष्य में पानी की किल्लत होगी. बालू नहीं रहने के कारण नदी में पानी का ठहराव नहीं हो पाता है. वहीं कृषि कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो जाएगा और हमारे समक्ष बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी. ग्रामीणों का कहना था कि किसी भी सूरत में वे लोग यहां से बालू का उठाव नहीं होने देंगे.
धरना पर बैठे ग्रामीणः गया जिले के इमामगंज थाना अंतर्गत विशनबिघा बालू घाट पर (Ruckus at Gaya Vishanbigha sand ghat) राजस्थान की कंपनी को टेंडर मिला है. बालू उठाव करने कई ट्रक घाट पर आया था. जेसीबी से बालू लोड किया जा रहा था. ग्रामीण इस घाट से बालू उठाव रोकने की मांग कर रहे थे. किंतु जब बालू उठाव नहीं रोका गया तो आक्रोशित ग्रामीणों ने बवाल करना शुरू कर दिया. बालू घाट के कर्मियों के लिए बनी झोपड़ीनुमा आवास में आग लगा दी. जेसीबी और आधा दर्जन ट्रकों के शीशे तोड़ डाले गए. इसके अलावा ट्रक ड्राइवरों से भी मारपीट की गई. इसके बाद वे लोग घरने पर बैठ गये.
छिनतई का आरोपः घटना की जानकारी के बाद इमामगंज थाना की पुलिस मौके पर पहुंची. अग्रतर करवाई कर रही है. इस संबंध में इमामगंज डीएसपी से दूरभाष पर संपर्क साधने की कोशिश की गई, किंतु उनसे संपर्क नहीं हो सका. ग्रामीणों का कहना है कि वे किसी भी सूरत में बालू का उठाव नहीं होने देंगे. वहीं, ट्रक ड्राइवरों ने बताया कि उनके साथ मारपीट करते हुए रुपए की छिनतई की गयी. वाहनों के भी शीशे तोड़ डाले गए हैं.