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गया : पीने के पानी के लिए हाहाकार, 250 आरओ वाटर प्लांट के कर्मचारी हड़ताल पर

शहर के सभी 250 आरओ वाटर प्लांट को बंद करके प्लांट एसोसिएशन से जुड़े लोग प्रशासन के खिलाफ हड़ताल पर चले गए हैं.

हड़ताल पर बैठे लोग
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Published : Jun 26, 2019, 9:04 AM IST

गयाः मगध प्रमण्डल आयुक्त के फरमान के बाद शहर के 250 आरओ वाटर प्लांट के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. शहर के 250 आरओ प्लांट को बंद कर दिया गया है. वाटर प्लांट के कर्मचारियों ने प्रमंडलीय आयुक्त के खिलाफ सड़क पर उतरने की धमकी दी है. वहीं, वाटर प्लांट बंद होने से शहर में पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है.

नोटिस के बिना की गई कार्रवाई
आरओ वाटर प्लांट एसोसिएशन से जुड़े लोगों ने बताया कि बिना नोटिस और जानकारी दिए रातो-रात दो आरओ प्लांट को जिला प्रशासन ने सील कर दिया है. इसी के विरोध में शहर के सभी 250 आरओ प्लांट को बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि अब हमलोग प्रमंडलीय आयुक्त के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे. हमारी मांग हैं कि हम अवैध नहीं हैं. जिला प्रशासन एक नियम कानून बना दे जिसको हमलोग अमल करेंगे. आज लाखों शहरवासी प्यासे तड़प रहे हैं, इसका दोषी जिला प्रशासन है.

'आयुक्त को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए'
स्थानीय लोगों का कहना है साहेब पीने लायक पानी तो देते नही हैं. जब हमलोग खुद से स्वच्छ पानी खरीद कर पी रहे हैं तो उसको भी बन्द करवा रहे हैं. क्या हमलोग प्यासे रहें? आरओ प्लांट बन्द करने के पहले मगध आयुक्त को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी. गया कॉलेज के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष ने बताया कि गया जिले का पानी पीने के लायक नहीं है. गया के पानी में फ्लोराइड समेत कई हानिकारक तत्व हैं. इस तरह का पानी लगातार पीने से लोग बीमार पड़ जाते हैं.

हड़ताल पर बैठे लोग और बयान देते स्थानीय लोग व नेता

'सोच समझकर जारी करना चाहिए फरमान'
वहीं, जिला जदयू के वरीय नेता चंदन यादव कहते हैं प्रमंडलीय आयुक्त को सहानुभूति रखनी चाहिए थी. आरओ प्लांट लघु उद्योग के तहत आता है. बहुत सारे आरओ प्लांट वाले लघु उद्योग के तहत सरकार की सब्सिडी पर व्यवसाय चला रहे हैं. प्रमंडलीय आयुक्त को सोच समझकर कोई फरमान जारी करना चाहिए. इसकी शिकायत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से करूंगा.

ऑन कैमरा नहीं बोले आयुक्त
जब इन विषयों को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त पंकज कुमार पाल का पक्ष जानने की कोशिश की गई तो ऑन कैमरा उन्होंने कुछ भी बोलने से माना कर दिया. ऑफ कैमरा उन्होंने बताया मुझे शिकायत प्राप्त हुई थी. आरओ प्लांट से भूमिगत जल स्तर तेजी से निचे घट रहा है. जिस आरओ प्लांट के खिलाफ शिकायत थी उन पर कार्रवाई की गई है. मैं गया को रेगिस्तान नहीं बनने दूंगा. आरओ प्लांट की वजह से भूमीगत जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है. उन पर कार्रवाई नियम के तहत की गई है.

क्या है जिले की परेशानी
मालूम हो कि जिले में भोगौलिक कारणों से पानी की घोर समस्या है. भूमिगत पेयजल पीने के लिए उपयुक्त नहीं है. जिला प्रशासन और नगर निगम शहर के सभी इलाकों में स्वच्छ पानी नहीं पहुंचा पाता है. लिहाजा मजबूरन लोग पानी खरीदकर पीते हैं. लेकिन प्रशासन के भूमीगत पेयजल बचाने के लिए आरओ प्लांट को सील करने का फरमान जारी कर दिया है. जिसके बाद लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कभी जिला प्रशासन गर्मी के बचाव के लिए धारा 144 लगाती है तो कभी आरओ प्लांट को सील करती है.

गयाः मगध प्रमण्डल आयुक्त के फरमान के बाद शहर के 250 आरओ वाटर प्लांट के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. शहर के 250 आरओ प्लांट को बंद कर दिया गया है. वाटर प्लांट के कर्मचारियों ने प्रमंडलीय आयुक्त के खिलाफ सड़क पर उतरने की धमकी दी है. वहीं, वाटर प्लांट बंद होने से शहर में पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है.

नोटिस के बिना की गई कार्रवाई
आरओ वाटर प्लांट एसोसिएशन से जुड़े लोगों ने बताया कि बिना नोटिस और जानकारी दिए रातो-रात दो आरओ प्लांट को जिला प्रशासन ने सील कर दिया है. इसी के विरोध में शहर के सभी 250 आरओ प्लांट को बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि अब हमलोग प्रमंडलीय आयुक्त के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे. हमारी मांग हैं कि हम अवैध नहीं हैं. जिला प्रशासन एक नियम कानून बना दे जिसको हमलोग अमल करेंगे. आज लाखों शहरवासी प्यासे तड़प रहे हैं, इसका दोषी जिला प्रशासन है.

'आयुक्त को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए'
स्थानीय लोगों का कहना है साहेब पीने लायक पानी तो देते नही हैं. जब हमलोग खुद से स्वच्छ पानी खरीद कर पी रहे हैं तो उसको भी बन्द करवा रहे हैं. क्या हमलोग प्यासे रहें? आरओ प्लांट बन्द करने के पहले मगध आयुक्त को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी. गया कॉलेज के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष ने बताया कि गया जिले का पानी पीने के लायक नहीं है. गया के पानी में फ्लोराइड समेत कई हानिकारक तत्व हैं. इस तरह का पानी लगातार पीने से लोग बीमार पड़ जाते हैं.

हड़ताल पर बैठे लोग और बयान देते स्थानीय लोग व नेता

'सोच समझकर जारी करना चाहिए फरमान'
वहीं, जिला जदयू के वरीय नेता चंदन यादव कहते हैं प्रमंडलीय आयुक्त को सहानुभूति रखनी चाहिए थी. आरओ प्लांट लघु उद्योग के तहत आता है. बहुत सारे आरओ प्लांट वाले लघु उद्योग के तहत सरकार की सब्सिडी पर व्यवसाय चला रहे हैं. प्रमंडलीय आयुक्त को सोच समझकर कोई फरमान जारी करना चाहिए. इसकी शिकायत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से करूंगा.

ऑन कैमरा नहीं बोले आयुक्त
जब इन विषयों को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त पंकज कुमार पाल का पक्ष जानने की कोशिश की गई तो ऑन कैमरा उन्होंने कुछ भी बोलने से माना कर दिया. ऑफ कैमरा उन्होंने बताया मुझे शिकायत प्राप्त हुई थी. आरओ प्लांट से भूमिगत जल स्तर तेजी से निचे घट रहा है. जिस आरओ प्लांट के खिलाफ शिकायत थी उन पर कार्रवाई की गई है. मैं गया को रेगिस्तान नहीं बनने दूंगा. आरओ प्लांट की वजह से भूमीगत जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है. उन पर कार्रवाई नियम के तहत की गई है.

क्या है जिले की परेशानी
मालूम हो कि जिले में भोगौलिक कारणों से पानी की घोर समस्या है. भूमिगत पेयजल पीने के लिए उपयुक्त नहीं है. जिला प्रशासन और नगर निगम शहर के सभी इलाकों में स्वच्छ पानी नहीं पहुंचा पाता है. लिहाजा मजबूरन लोग पानी खरीदकर पीते हैं. लेकिन प्रशासन के भूमीगत पेयजल बचाने के लिए आरओ प्लांट को सील करने का फरमान जारी कर दिया है. जिसके बाद लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कभी जिला प्रशासन गर्मी के बचाव के लिए धारा 144 लगाती है तो कभी आरओ प्लांट को सील करती है.

Intro:गया में भूगौलिक कारणों से पानी का घोर समस्या है। भूमिगत पेयजल पीने के लिए उपयुक्त नही हैं।जिला प्रशासन और नगर निगम शहर के सभी इलाको में स्वच्छ पानी नही पहुँचा पाता हैं। लिहाजा मजबूरन लोग पानी खरीदकर पीते हैं। लेकिन मगध प्रमण्डल आयुक्त के फरमान बाद शहर के 250 आरओ वाटर प्लांट ने हड़ताल पर चले गए है। जिसे शहर आमजन के बीच पीने का पानी का हाहाकार मचा हुआ है।


Body:इस वर्ष की गर्मी का तपशी से लोगो का जीना मुहाल कर दिया है ,वही गया के जिला प्रशासन के फरमान लोगो की जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। कभी जिला प्रशासन गर्मी के बचाव के लिए धारा 144 लगाती है तो कभी भूमीगत पेयजल बचाने के लिए आरओ प्लांट को सील करती है। प्रशासन को इससे कोई बड़ी सफलता नही मिलती है। बस आम नागरिक को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

लोगो का कहना है साहेब पानी पीने लायक देते नही हैं। जब हमलोग खुद से स्वच्छ पानी खरीद कर पी रहे हैं उसको भी बन्द करवा दिए हैं। हमलोग प्यासे रहे। बन्द करने के पहले मगध आयुक्त को वैकल्पिक व्यवस्था करना चाहिए।

गया कॉलेज के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष ने बताया गया जिले का पानी पीने के लायक नही है। गया के पानी मे फ्लोराइड सहित कई हानिकारक तत्व हैं। इस तरह के पानी लगातार पीने से बीमार पड़ जायेगा। यहां के पानी का टीडीएस का बहुत ज्यादा है अन्य जगहों के अपेक्षा।

जिला के जदयू के वरीय नेता चंदन यादव कहते हैं प्रमंडलीय आयुक्त को सहानुभूति रखना चाहिए था। आरओ प्लांट लघु उद्योग के तहत आता है। बहुत सारे आरओ प्लांट वाले लघु उद्योग के तहत सरकार के सब्सिडी पर व्यवसाय चला रहे है। प्रमंडलीय आयुक्त को सोच समझकर कोई फरमान जारी करना चाहिए। इसका शिकायत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से करूंगा।



Conclusion:आरओ वाटर प्लांट एसोसिएशन से जुड़े लोगों ने बताया बिना नोटिस और जानकारी दिए रात को दो आरओ प्लांट को जिला प्रशासन ने सील कर दिया है। इसके विरोध में शहर जे 250 आरओ प्लांट को बंद कर दिया गया है। कल हमलोग प्रमंडलीय आयुक्त के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे। हमारी मांग हैं हम अवैध नही है। दूसरी बात जिला प्रशासन एक नियम कानून बना दे जिसको हमलोग अमल करेगे। आज लाखो शहर वासी प्यासे तड़प रहा है इसका दोषी जिला प्रशासन हैं।

जब इन विषयों को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त पंकज कुमार पाल का पक्ष जानने गया तो ऑन कैमरा उन्होंने कुछ भी बोलने से माना कर दिया। ऑफ कैमेरा उन्होंने ने बताया मुझे शिकायत प्राप्त हुआ था आरओ प्लांट से भूमिगत जल स्तर तेजी से निचे घट रहा है। जिन दोनो आरओ प्लांट का शिकायत उन पर करवाई कीया गया है। मैं गया को रेगिस्तान नही बने दूँगा। आरओ प्लांट के वजह से तेजी से भूमीगत जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है। उन पर करवाई नियम के तहत किया गया है।
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