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गया में प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण का गंदा खेल, भंडाफोड़ होते ही हुआ हंगामा

बिहार के धार्मिक नगरी गया में इन दिनों धर्मांतरण (Proselytization) का गंदा खेल जारी है. जिले के शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में धर्मांतरण का खेल चल रहा है. अंधविश्वास की आड़ में और मदद के नाम पर हिन्दूओंं का धर्मांतरण किया जा रहा है. पढ़िए पूरी खबर..

religion conversion in bihar
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Published : Aug 21, 2021, 1:12 PM IST

गया: बिहार के गया में धर्मांतरण (Proselytization) का खेल पुराना है. अब तक कई गांवों के सैकड़ों लोगों ने धर्मांतरण (Religion conversion) कर ईसाई धर्म ( (Christianity) अपना लिया है. एक बार फिर से धर्मांतरण करने का मामला बोधगया के भागलपुर गांव से सामने आया है. हालांकि किसी के धर्मांतरण करने की खबर नहीं मिली है.

यह भी पढ़ें- धर्मांतरण पर सियासत: डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद ने कहा जबरदस्ती और प्रलोभन से धर्मांतरण सही नहीं

बोधगया के भागलपुर मोहल्ले में एक घर में प्रार्थना सभा चल रही थी. प्रार्थना सभा का स्थानीय लोगों ने जोरदार विरोध किया और पुलिस को सूचना दी. सूचना के बाद पुलिस मौके पर तो पहुंची लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

देखें वीडियो

कोरोना काल में जहां लोग एक दूसरे की मदद करने की मिसाल पेश कर रहे हैं वहीं कुछ लोग इस काल में भी अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहे हैं. बिहार में ईसाई मिशनरी लॉकडाउन के दौरान गरीबों को मदद का प्रलोभन देकर धर्मांतरण का गंदा खेल खेल रही है. जानकारी के मुताबिक अब तक गया के नैली पंचायत के दुबहल गांव के महादलित टोले के सैकड़ों लोगों का मदद के बदले धर्मांतरण करवाया गया है.

स्थानीय लोगों को पहल से शक था कि भागलपुर गांव के एक घर में धर्मांतरण का गंदा खेल खेला जा रहा है. आए दिन इस घर में लोगों की भीड़ होती है. प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है और उसके बाद लोगों का धर्मांतरण कर दिया जाता है. एक बार फिर से इस गंदे खेल को अंजाम देने की कोशिश की जा रही थी. दर्जनों महिलाएं एक हॉल में प्रार्थना सभा कर रहीं थीं. स्थानीय लोगों को जैसे ही इस बात की भनक लगी सभी इकट्ठा हो गए और इसका विरोध करने लगे.

लोगों ने इसकी सूचना फौरन पुलिस को दी. सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घर में मौजूद महिलाओं से पूछताछ भी की गई. इस दौरान महिलाओं ने बताया कि वे अपनी मर्जी से यहां आईं हैं. उन्हें यहां आने के लिए किसी ने न तो जोर जबदस्ती की है और न किसी तरह का लालच ही दिया गया है. बोधगया पुलिस ने पूरे मामले की जांच के साथ वीडियो रिकार्डिंग भी की है. लेकिन इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

इस घर में बने एक बड़े हॉल में दर्जनों महिलाएं अपने बच्चों के साथ आईं हुईं थीं. यहां प्रार्थना सभा चल रही थी. हम लोगों को यकीन है कि यहां धर्म परिवर्तन किया जाता है. प्रार्थना सभा के नाम पर लोगों को बरगलाने का काम किया जाता है. यह सिलसिला पिछले 2 साल से चल रहा है. सप्ताह में 2 दिन यहां प्रार्थना सभा की जाती है.- प्रभात, स्थानीय

इधर बोधगया के इंस्पेक्टर रूपेश कुमार के मुताबिक इस मामले की सूचना पर उनकी टीम मौके पर गई थी, जांच की गई है. जांच में प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन की बात सामने नहीं आई है. सभी के बयान दर्ज किए गए हैं. इन सारी चीजों से जिले के वरीय अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है.

बता दें कि गया जिले में पिछले 10 सालों से धर्मांतरण का खेल चल रहा है. गया शहर से सटे नैली पंचायत में धर्मांतरण के गंदे खेल का भंडाफोड़ हुआ था. उसके बाद से तो लगातार गया शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक से धर्मांतरण की खबरें आ रही हैं.

कानून के मुताबिक धर्म परिवर्तन से पहले प्रशासन को इसकी जानकारी देना जरूरी होता है. प्रशासन को यह बताना जरूरी है कि किस वजह से धर्म परिवर्तन किया जा रहा है और धर्मांतरण कौन करवा रहा है. लेकिन लॉकडाउन के दौरान प्रशासन को जानकारी दिए बिना यह सारा खेल चलता रहा जो आज तक जारी है. अब देखने वाली बात होगी कि आखिर कब तक धर्मांतरण के इस गंदे खेल को रोका जाएगा.

यह भी पढ़ें- धर्मांतरण : 'बजंगरबली' करा रहे 'घर वापसी'!

यह भी पढ़ें- धर्मांतरण केस: मुजफ्फरपुर में मूक बधिर शिक्षक को यूपी ATS ने थमाया नोटिस

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बोधगया के भागलपुर मोहल्ले में एक घर में प्रार्थना सभा चल रही थी. प्रार्थना सभा का स्थानीय लोगों ने जोरदार विरोध किया और पुलिस को सूचना दी. सूचना के बाद पुलिस मौके पर तो पहुंची लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

देखें वीडियो

कोरोना काल में जहां लोग एक दूसरे की मदद करने की मिसाल पेश कर रहे हैं वहीं कुछ लोग इस काल में भी अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहे हैं. बिहार में ईसाई मिशनरी लॉकडाउन के दौरान गरीबों को मदद का प्रलोभन देकर धर्मांतरण का गंदा खेल खेल रही है. जानकारी के मुताबिक अब तक गया के नैली पंचायत के दुबहल गांव के महादलित टोले के सैकड़ों लोगों का मदद के बदले धर्मांतरण करवाया गया है.

स्थानीय लोगों को पहल से शक था कि भागलपुर गांव के एक घर में धर्मांतरण का गंदा खेल खेला जा रहा है. आए दिन इस घर में लोगों की भीड़ होती है. प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है और उसके बाद लोगों का धर्मांतरण कर दिया जाता है. एक बार फिर से इस गंदे खेल को अंजाम देने की कोशिश की जा रही थी. दर्जनों महिलाएं एक हॉल में प्रार्थना सभा कर रहीं थीं. स्थानीय लोगों को जैसे ही इस बात की भनक लगी सभी इकट्ठा हो गए और इसका विरोध करने लगे.

लोगों ने इसकी सूचना फौरन पुलिस को दी. सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घर में मौजूद महिलाओं से पूछताछ भी की गई. इस दौरान महिलाओं ने बताया कि वे अपनी मर्जी से यहां आईं हैं. उन्हें यहां आने के लिए किसी ने न तो जोर जबदस्ती की है और न किसी तरह का लालच ही दिया गया है. बोधगया पुलिस ने पूरे मामले की जांच के साथ वीडियो रिकार्डिंग भी की है. लेकिन इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

इस घर में बने एक बड़े हॉल में दर्जनों महिलाएं अपने बच्चों के साथ आईं हुईं थीं. यहां प्रार्थना सभा चल रही थी. हम लोगों को यकीन है कि यहां धर्म परिवर्तन किया जाता है. प्रार्थना सभा के नाम पर लोगों को बरगलाने का काम किया जाता है. यह सिलसिला पिछले 2 साल से चल रहा है. सप्ताह में 2 दिन यहां प्रार्थना सभा की जाती है.- प्रभात, स्थानीय

इधर बोधगया के इंस्पेक्टर रूपेश कुमार के मुताबिक इस मामले की सूचना पर उनकी टीम मौके पर गई थी, जांच की गई है. जांच में प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन की बात सामने नहीं आई है. सभी के बयान दर्ज किए गए हैं. इन सारी चीजों से जिले के वरीय अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है.

बता दें कि गया जिले में पिछले 10 सालों से धर्मांतरण का खेल चल रहा है. गया शहर से सटे नैली पंचायत में धर्मांतरण के गंदे खेल का भंडाफोड़ हुआ था. उसके बाद से तो लगातार गया शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक से धर्मांतरण की खबरें आ रही हैं.

कानून के मुताबिक धर्म परिवर्तन से पहले प्रशासन को इसकी जानकारी देना जरूरी होता है. प्रशासन को यह बताना जरूरी है कि किस वजह से धर्म परिवर्तन किया जा रहा है और धर्मांतरण कौन करवा रहा है. लेकिन लॉकडाउन के दौरान प्रशासन को जानकारी दिए बिना यह सारा खेल चलता रहा जो आज तक जारी है. अब देखने वाली बात होगी कि आखिर कब तक धर्मांतरण के इस गंदे खेल को रोका जाएगा.

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