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प्रतिदिन कम से कम 20 किसानों से बात करें कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार- डाॅ प्रेम कुमार

कृषि मंत्री प्रेम कुमार नें कहा कि प्रत्येक कर्मी प्रतिदिन कम से कम 20 किसानों से फोन पर बात करें. उनके फसल कटनी की स्थिति, गरमा फसल लगाने की स्थिति, खाद, बीज, कीटनाषी, कृषि यंत्रों की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त करें. साथ ही इसे जिला एवं राज्य मुख्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराएं.

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Published : Apr 10, 2020, 12:12 AM IST

गया: बिहार सरकार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने गया परिसदन में गुरुवार को जिला कृषि पदाधिकारी से बैठक कर लॉक डाउन के दौरान प्रभावित खेती से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों कि जानकारी ली. उन्होंने कृषि पदाधिकारी से कृषि समन्वयकों द्वारा किसानों को फसल कटनी, बुआई, खाद, बीज, कीटनाषक तथा कृषि यंत्रों की उपलब्धता के बारे में दी गई जानकारियों का फीडबैक भी लिया.

जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि इस संबंध में प्रखण्ड कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है. लेकिन अभी तक किसी भी प्रखण्ड से फीडबैक प्राप्त नहीं हुआ है. हालांकि यांत्रिकीकरण के दो डीलरों ने कहा है कि लॉक डाउन से कृषि कार्य को मुक्त रखने का पत्र निर्गत तो कर दिया गया था. लेकिन सक्षम प्राधिकार से पहचान पत्र एवं वाहन के पास निर्गत नहीं होने के कारण वे कार्य करने में असमर्थ हैं. इसपर कृषि मंत्री ने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देष दिया कि वे इस प्रकार की समस्या को तुरंत जिला पदाधिकारी एवं जिला प्रशासन के संबंधित पदाधिकारियों के संज्ञान में लाएं एवं समस्या का निराकरण कराएं.

गेहूं के फसल की कटाई हो अविलंब
उन्होंने निर्देश देते हुए कहा है कि जिला, प्रखण्ड एवं पंचायत स्तरीय कृषि उपादान विक्रेताओं तथा डीलरों को अपने प्रतिष्ठान खोलना सुनिश्चित कराएं. मंत्री ने कहा कि विगत एक दो दिनों से राज्य के कुछ एक हिस्सों से गेहूं की फसल को आग से नुकसान होने की सूचना मिल रही है. ऐसे में गेहूं की पकी हुई फसल को आग से नुकसान से बचाने के लिये आवश्यक है कि फसल की कटाई अविलंब करायी जाए. इसके लिए विभाग के मुख्यालय, जिला, अनुमण्डल, प्रखंड एवं पंचायत स्तर तक के सभी कर्मियों को सरकार के निर्देषानुसार सामाजिक दूरी तथा सेनेटाईजेशन के नियमों का पालन करते हुए किसानों को मदद करें.

किसानों को व्हाट्सऐप से जोडे़
उन्होने जिला कृषि पदधिकारी को पुनः निर्देश देते हुए कहा है कि वे प्रखण्ड कृषि पदाधिकारियों, कृषि समन्वयकों, किसान सलाहकारों को स्पष्ट निर्देष दे कि वे व्हाट्सऐप के माध्यम से किसानों को सरकार के दिशा निर्देषों से अवगत कराएं. किसानों को कृषि कार्य करने में अगर किसी भी तरह की समस्या आ रही है तो उसे नोट कर वरीय पदाधिकारियों को निराकरण करने हेतु उपलब्ध कराएं.

रोज करें कम से कम 20 किसानों से बात
उन्होने कहा कि प्रत्येक कर्मी प्रतिदिन कम से कम 20 किसानों से फोन पर बात करें. उनके फसल कटनी की स्थिति, गरमा फसल लगाने की स्थिति, खाद, बीज, कीटनाषी एवं अन्य रसायनों की उपलब्धता, कृषि यंत्रों की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त करें. साथ ही इसे जिला एवं राज्य मुख्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराएं. मंत्री ने इस संबंध में कृषि सचिव, बिहार, पटना एन॰ श्रवण कुमार से बात कर उन्हें पत्र निर्गत करने का आदेश दिया है.

गया: बिहार सरकार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने गया परिसदन में गुरुवार को जिला कृषि पदाधिकारी से बैठक कर लॉक डाउन के दौरान प्रभावित खेती से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों कि जानकारी ली. उन्होंने कृषि पदाधिकारी से कृषि समन्वयकों द्वारा किसानों को फसल कटनी, बुआई, खाद, बीज, कीटनाषक तथा कृषि यंत्रों की उपलब्धता के बारे में दी गई जानकारियों का फीडबैक भी लिया.

जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि इस संबंध में प्रखण्ड कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है. लेकिन अभी तक किसी भी प्रखण्ड से फीडबैक प्राप्त नहीं हुआ है. हालांकि यांत्रिकीकरण के दो डीलरों ने कहा है कि लॉक डाउन से कृषि कार्य को मुक्त रखने का पत्र निर्गत तो कर दिया गया था. लेकिन सक्षम प्राधिकार से पहचान पत्र एवं वाहन के पास निर्गत नहीं होने के कारण वे कार्य करने में असमर्थ हैं. इसपर कृषि मंत्री ने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देष दिया कि वे इस प्रकार की समस्या को तुरंत जिला पदाधिकारी एवं जिला प्रशासन के संबंधित पदाधिकारियों के संज्ञान में लाएं एवं समस्या का निराकरण कराएं.

गेहूं के फसल की कटाई हो अविलंब
उन्होंने निर्देश देते हुए कहा है कि जिला, प्रखण्ड एवं पंचायत स्तरीय कृषि उपादान विक्रेताओं तथा डीलरों को अपने प्रतिष्ठान खोलना सुनिश्चित कराएं. मंत्री ने कहा कि विगत एक दो दिनों से राज्य के कुछ एक हिस्सों से गेहूं की फसल को आग से नुकसान होने की सूचना मिल रही है. ऐसे में गेहूं की पकी हुई फसल को आग से नुकसान से बचाने के लिये आवश्यक है कि फसल की कटाई अविलंब करायी जाए. इसके लिए विभाग के मुख्यालय, जिला, अनुमण्डल, प्रखंड एवं पंचायत स्तर तक के सभी कर्मियों को सरकार के निर्देषानुसार सामाजिक दूरी तथा सेनेटाईजेशन के नियमों का पालन करते हुए किसानों को मदद करें.

किसानों को व्हाट्सऐप से जोडे़
उन्होने जिला कृषि पदधिकारी को पुनः निर्देश देते हुए कहा है कि वे प्रखण्ड कृषि पदाधिकारियों, कृषि समन्वयकों, किसान सलाहकारों को स्पष्ट निर्देष दे कि वे व्हाट्सऐप के माध्यम से किसानों को सरकार के दिशा निर्देषों से अवगत कराएं. किसानों को कृषि कार्य करने में अगर किसी भी तरह की समस्या आ रही है तो उसे नोट कर वरीय पदाधिकारियों को निराकरण करने हेतु उपलब्ध कराएं.

रोज करें कम से कम 20 किसानों से बात
उन्होने कहा कि प्रत्येक कर्मी प्रतिदिन कम से कम 20 किसानों से फोन पर बात करें. उनके फसल कटनी की स्थिति, गरमा फसल लगाने की स्थिति, खाद, बीज, कीटनाषी एवं अन्य रसायनों की उपलब्धता, कृषि यंत्रों की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त करें. साथ ही इसे जिला एवं राज्य मुख्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराएं. मंत्री ने इस संबंध में कृषि सचिव, बिहार, पटना एन॰ श्रवण कुमार से बात कर उन्हें पत्र निर्गत करने का आदेश दिया है.

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