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गया : पिंडदान में उपयोग होने वाली सामग्री से बनाया जायेगा जैविक खाद

जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि पितृपक्ष मेला के अवसर पर कम्पोस्ट मशीन पिंडदान देने वाले घाटों पर लगाया गया है. अभी पांच कम्पोस्ट मशीन ही काम में लगी है. जहां ज्यादा पिंडदान की सामाग्री चढ़ायी जा रही है. वहीं, इस मशीन को लगाया गया है. जल्द ही शहर के अन्य हिस्सों में पांच और मशीन लगाए जाएंगे.

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Published : Sep 18, 2019, 11:50 PM IST

पितृ पक्ष में लगाया गया खाद बनाने की मशीन

गया: मोक्ष की नगरी गया में पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए श्रद्धालु पिंडवेदियों पर पिंडदान करते हैं. सबसे ज्यादा पिंडदान विष्णुपद और देवघाट पर होता है. वहीं, पिंडदान में प्रयोग होने वाली सामग्री से पहले काफी गंदगी फैलती थी. लेकिन नगर निगम इसे कम करने के लिए नयी पहल की है. इन घाटों पर पड़ने वाले पिंडदान की सामाग्री को मशीन के द्वारा जैविक खाद बनाया जा रहा है. इसके लिए अभी तत्काल में 5 मशीन लगाई गयी हैं और जल्द ही कई और मशीन लगाने की योजना है.

gaya news
लगाया गया मशीन

1 घंटे में बनेगा 200 किलो खाद
बताया जा रहा है कि मशीन से 1 घंटे में दो सौ किलो जैविक खाद तैयार होगा. इस खाद को मशीन से निकालने के बाद थोड़ी देर के लिए धूप में सुखाया जाता है. उसके बाद इसे पैक कर कृषि विभाग को दे दिया जाएगा. वहीं, नगर निगम कृषि विभाग को यह खाद 6 रुपये प्रति किलो की दर से बेचेगी. पितृ पक्ष के शुरू होने के बाद चार दिनों में अभी तक कुल 1 हजार किलो पिंड प्राप्त हुआ है. एक-दो दिन में मशीन पिंडदान की सामाग्री से भर जाएगा. उसके बाद जैविक खाद बनने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.

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मशीन में डाला जा रहा पिंडदान सामाग्री

जल्द ही शहर के अन्य हिस्सों में भी लगेगी मशीन- जिलाधिकारी
जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि पितृ पक्ष मेला के अवसर पर कम्पोस्ट मशीन को पींडदान देने वाले घाटों पर लगाया गया है. अभी पांच कंपोस्ट मशीन ही काम में लगी हुई है. जहां ज्यादा पिंडदान की सामाग्री चढ़ायी जा रही है. वहीं इस मशीन को लगाया गया है. जल्द ही शहर के अन्य हिस्सों में पांच और मशीन लगाए जाएंगे. कचरे से जैविक खाद बनाने वाली मशीन नगर निगम 6 माह पहले 50 लाख में खरीदी थी. ये मशीन 6 माह से यूं ही पड़ी हुई थी. जिसका उपयोग पितृ पक्ष मेला शुरू होने पर किया जा रहा है.

जानकारी देते जिलाधिकारी

इस मशीन से उच्च क्वालिटी का बनेगा खाद
डीएम ने जानकारी देते हुए बताया कि पितृ पक्ष के बाद इन मशीनों को शहर के सब्जी मंडी और फल मंडियों में लगाया जाएगा. कचरे से खाद पहले भी बनाया जाता था.
जिसमें काफी वक्त लगता था और उसकी क्वालिटी भी बढ़िया नहीं होती थी. लेकिन इस मशीन में मैन्युल तरीके से खाद बनाया जाता है और यह मशीन कम समय में उत्तम खाद तैयार करके देगी.

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पिंडदान सामग्री में मिलाया जाता है भूसा

नगर निगम के प्रयास से पिंडदान सामाग्री को मिला सम्मान
गया नगर निगम के उप मेयर मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि दो वर्ष पहले तक पिंडदान की सामाग्री को कचरा में फेंक दिया जाता था. पितृपक्ष में
पिंडदान की सामाग्री के कचरे का अंबार लग जाता था. वहीं, इस बार नगर निगम के प्रयास से पिंडदान की सामाग्री को सम्मान मिल गया है. इस प्रयास से कचरा भी नहीं फैलेगा और किसानों को सस्ते दर पर खाद भी मिलेगा.

गया: मोक्ष की नगरी गया में पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए श्रद्धालु पिंडवेदियों पर पिंडदान करते हैं. सबसे ज्यादा पिंडदान विष्णुपद और देवघाट पर होता है. वहीं, पिंडदान में प्रयोग होने वाली सामग्री से पहले काफी गंदगी फैलती थी. लेकिन नगर निगम इसे कम करने के लिए नयी पहल की है. इन घाटों पर पड़ने वाले पिंडदान की सामाग्री को मशीन के द्वारा जैविक खाद बनाया जा रहा है. इसके लिए अभी तत्काल में 5 मशीन लगाई गयी हैं और जल्द ही कई और मशीन लगाने की योजना है.

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लगाया गया मशीन

1 घंटे में बनेगा 200 किलो खाद
बताया जा रहा है कि मशीन से 1 घंटे में दो सौ किलो जैविक खाद तैयार होगा. इस खाद को मशीन से निकालने के बाद थोड़ी देर के लिए धूप में सुखाया जाता है. उसके बाद इसे पैक कर कृषि विभाग को दे दिया जाएगा. वहीं, नगर निगम कृषि विभाग को यह खाद 6 रुपये प्रति किलो की दर से बेचेगी. पितृ पक्ष के शुरू होने के बाद चार दिनों में अभी तक कुल 1 हजार किलो पिंड प्राप्त हुआ है. एक-दो दिन में मशीन पिंडदान की सामाग्री से भर जाएगा. उसके बाद जैविक खाद बनने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.

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मशीन में डाला जा रहा पिंडदान सामाग्री

जल्द ही शहर के अन्य हिस्सों में भी लगेगी मशीन- जिलाधिकारी
जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि पितृ पक्ष मेला के अवसर पर कम्पोस्ट मशीन को पींडदान देने वाले घाटों पर लगाया गया है. अभी पांच कंपोस्ट मशीन ही काम में लगी हुई है. जहां ज्यादा पिंडदान की सामाग्री चढ़ायी जा रही है. वहीं इस मशीन को लगाया गया है. जल्द ही शहर के अन्य हिस्सों में पांच और मशीन लगाए जाएंगे. कचरे से जैविक खाद बनाने वाली मशीन नगर निगम 6 माह पहले 50 लाख में खरीदी थी. ये मशीन 6 माह से यूं ही पड़ी हुई थी. जिसका उपयोग पितृ पक्ष मेला शुरू होने पर किया जा रहा है.

जानकारी देते जिलाधिकारी

इस मशीन से उच्च क्वालिटी का बनेगा खाद
डीएम ने जानकारी देते हुए बताया कि पितृ पक्ष के बाद इन मशीनों को शहर के सब्जी मंडी और फल मंडियों में लगाया जाएगा. कचरे से खाद पहले भी बनाया जाता था.
जिसमें काफी वक्त लगता था और उसकी क्वालिटी भी बढ़िया नहीं होती थी. लेकिन इस मशीन में मैन्युल तरीके से खाद बनाया जाता है और यह मशीन कम समय में उत्तम खाद तैयार करके देगी.

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पिंडदान सामग्री में मिलाया जाता है भूसा

नगर निगम के प्रयास से पिंडदान सामाग्री को मिला सम्मान
गया नगर निगम के उप मेयर मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि दो वर्ष पहले तक पिंडदान की सामाग्री को कचरा में फेंक दिया जाता था. पितृपक्ष में
पिंडदान की सामाग्री के कचरे का अंबार लग जाता था. वहीं, इस बार नगर निगम के प्रयास से पिंडदान की सामाग्री को सम्मान मिल गया है. इस प्रयास से कचरा भी नहीं फैलेगा और किसानों को सस्ते दर पर खाद भी मिलेगा.

Intro:पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए गया जी मे पुत्र (संतान) पितृयज्ञ करते हैं, यानी विभिन्न पिंडवेदी पर पिंडदान करते हैं। सबसे ज्यादा पिंडदान विष्णुपद और देवघाट पर होता है। पिंडदान में प्रयोग होने वाले सामग्री से पहले गन्दगी का अंबार लगता था ,लेकिन नगर निगम के पहल से मशीन द्वारा पिंडदान के सामग्री से जैविक खाद बनाया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा अभी पांच मशीन चालू है जल्द ही शहर के अन्य हिस्सों पांच और मशीन लगाए जायेंगे।


Body:कचरे से जैविक खाद बनाने वाली मशीन नगर निगम 6 माह पहले 50 लाख में खरीदी थी। ये मशीन 6छः माह से यू ही पड़ा था। पितृपक्ष मेला शुरू होने पर पांचों मशीन काम करने लगा। अभी इस मशीन में कर्मकांड का पिंड और पूजा सामग्री डाला जा रहा है। तीन मशीन विष्णुपद के निकट श्मशान घाट में और दो मशीन अक्षयवट में रखा गया है।

मशीन से 1 घंटे में दो सौ किलो जैविक खाद तैयार होगी।मशीन से खाद बनने के बाद थोड़ी देर तक धूप में सुखाया जाएगा। उसके बाद पैक करके कृषि विभाग को दिया जाएगा, नगर निगम कृषि विभाग को ₹6 प्रति किलो खाद बेचेगा, अभी बीते चार दिनों में कुल एक हजार किलो पिंड प्राप्त हुआ है एक-दो दिन में मशीन पिंड से भर जाएगा,उसके बाद पिंड से जैविक खाद बनने लगेगा।

जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा पितृपक्ष मेला के अवसर पर कम्पोस्ट मशीन काम करना शुरू कर दिया है। अभी पांच मशीन है। जहां ज्यादा पिंड निकल रहा है वहां लगाया गया है। आगे और पांच मशीन खरीदने का योजना है जिसको शहर के सब्जी मंडी और फल मंडियों में लगाया जाएगा। पिंड दान सामग्री से जो जैविक खाद तैयार हो रही है उससे कृषि कार्य के उपयोग में ला ला सकते हैं। कचरे से खाद पहले भी बनाया जाता था लेकिन मैन्युल तरीके से बनाया जाता था जिसमे वक़्त भी बहुत लगता था और उसकी क्वालिटी उच्च नही रहती थी। ये मशीन बहुत कम समय मे कचरा से खाद बना देता है। और ये उत्तम खाद तैयार करता है।




Conclusion:गया नगर निगम के उप मेयर मोहन श्रीवास्तव ने बताया दो वर्ष पहले तक पिंड को कचरा में फेंका जाता था। पिंड का पितृपक्ष में अंबार लग जाता था। जो लोग जानते थे पिंड को कचरा में फेंका जाएगा तो उसे फल्गू नदी में गाड़ देते थे। इस वर्ष हमलोग पहले से प्लानिंग बना लिए थे उसके तहत पांच आधुनिक मशीन जो घण्टो में पिंड से कचरा बना दे उसकी खरीददारी कर लिए थे। पांचों मशीन काम कर रहा है। नगर निगम के प्रयास से पिंड का सम्मान मिल गया, कचरा भी नही फैला और किसानों को सस्ते दर पर खाद मिलेगा।


सर जुखाम हो गया है इसलिए vo नही किया हूं पीटीसी है और डीएम और उपमेयर का बाइट है ।
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