गया: मोक्ष की नगरी गया में पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए श्रद्धालु पिंडवेदियों पर पिंडदान करते हैं. सबसे ज्यादा पिंडदान विष्णुपद और देवघाट पर होता है. वहीं, पिंडदान में प्रयोग होने वाली सामग्री से पहले काफी गंदगी फैलती थी. लेकिन नगर निगम इसे कम करने के लिए नयी पहल की है. इन घाटों पर पड़ने वाले पिंडदान की सामाग्री को मशीन के द्वारा जैविक खाद बनाया जा रहा है. इसके लिए अभी तत्काल में 5 मशीन लगाई गयी हैं और जल्द ही कई और मशीन लगाने की योजना है.
1 घंटे में बनेगा 200 किलो खाद
बताया जा रहा है कि मशीन से 1 घंटे में दो सौ किलो जैविक खाद तैयार होगा. इस खाद को मशीन से निकालने के बाद थोड़ी देर के लिए धूप में सुखाया जाता है. उसके बाद इसे पैक कर कृषि विभाग को दे दिया जाएगा. वहीं, नगर निगम कृषि विभाग को यह खाद 6 रुपये प्रति किलो की दर से बेचेगी. पितृ पक्ष के शुरू होने के बाद चार दिनों में अभी तक कुल 1 हजार किलो पिंड प्राप्त हुआ है. एक-दो दिन में मशीन पिंडदान की सामाग्री से भर जाएगा. उसके बाद जैविक खाद बनने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.
जल्द ही शहर के अन्य हिस्सों में भी लगेगी मशीन- जिलाधिकारी
जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि पितृ पक्ष मेला के अवसर पर कम्पोस्ट मशीन को पींडदान देने वाले घाटों पर लगाया गया है. अभी पांच कंपोस्ट मशीन ही काम में लगी हुई है. जहां ज्यादा पिंडदान की सामाग्री चढ़ायी जा रही है. वहीं इस मशीन को लगाया गया है. जल्द ही शहर के अन्य हिस्सों में पांच और मशीन लगाए जाएंगे. कचरे से जैविक खाद बनाने वाली मशीन नगर निगम 6 माह पहले 50 लाख में खरीदी थी. ये मशीन 6 माह से यूं ही पड़ी हुई थी. जिसका उपयोग पितृ पक्ष मेला शुरू होने पर किया जा रहा है.
इस मशीन से उच्च क्वालिटी का बनेगा खाद
डीएम ने जानकारी देते हुए बताया कि पितृ पक्ष के बाद इन मशीनों को शहर के सब्जी मंडी और फल मंडियों में लगाया जाएगा. कचरे से खाद पहले भी बनाया जाता था. जिसमें काफी वक्त लगता था और उसकी क्वालिटी भी बढ़िया नहीं होती थी. लेकिन इस मशीन में मैन्युल तरीके से खाद बनाया जाता है और यह मशीन कम समय में उत्तम खाद तैयार करके देगी.
नगर निगम के प्रयास से पिंडदान सामाग्री को मिला सम्मान
गया नगर निगम के उप मेयर मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि दो वर्ष पहले तक पिंडदान की सामाग्री को कचरा में फेंक दिया जाता था. पितृपक्ष में पिंडदान की सामाग्री के कचरे का अंबार लग जाता था. वहीं, इस बार नगर निगम के प्रयास से पिंडदान की सामाग्री को सम्मान मिल गया है. इस प्रयास से कचरा भी नहीं फैलेगा और किसानों को सस्ते दर पर खाद भी मिलेगा.