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Pitru Paksha 2023: रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों का गया में होगा पिंडदान, विदेशी निभाएंगे सदियों पुरानी परंपरा

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 28, 2023, 7:26 PM IST

Updated : Sep 28, 2023, 9:30 PM IST

पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए बिहार के गया में तीर्थ यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. ऐसे में बिहार की मोक्ष नगरी गया पूरी दुनिया को वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देगी. दरअसल सात समुंदर पार कर रूस-यूक्रेन के अलावा अन्य देशों के कुल 62 विदेशी तीर्थ यात्री यहां पहुंचेंगे और पितरों का पिंडदान करेंगे.

गया में विदेशियों का पिंडदान
गया में विदेशियों का पिंडदान

गया: बिहार के गया से वसुधैव कुटुंबकम का संदेश पूरी दुनिया को जाएगा. दरअसल पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है और मोक्ष भूमि गयाजी में पिंडदान करने के लिए लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है. ऐसे में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पितरों की आत्मा की शांति के लिए यहां पहुंचेंगे. साथ ही काफी संख्या में इस बार विदेशी पिंडदानी भी पहुंचेंगे. भारत के पड़ोसी देशों की छोड़ दें, तो अब सात समुंदर पार से विदेशी पिंडदानी गया जी को आएंगे. रूस -यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों के मोक्ष की कामना को लेकर रूस और यूक्रेन के 48 और अन्य देशों को मिलाकर 62 विदेशी गयाजी पहुंचेंगे.

पढ़ें- Pitru Paksha Mela 2023: गया में विश्व प्रसिद्ध पितृ पक्ष मेला आज से शुरू, पहले दिन पटना और गया के इस जगह होता है पिंडदान

रूस यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों का गयाजी में होगा पिंडदान: गयाजी पहुंचने के बाद रूस यूक्रेन युद्ध में मारे गए परिजनों का निमित्त और पितरों का पिंडदान किया जाएगा. वहीं रसिया मास्को की लेडी गुरु नतालिया सात्रानोवा सामूहिक पिंडदान करेंगी, ताकि रूस और यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों की आत्मा को शांति मिल सके और वह मोक्ष की प्राप्ति कर सकें. इस दौरान भगवान विष्णु नारायण से रूस यूक्रेन युद्ध के थमने और विश्व में शांति होने की प्रार्थना भी यहां विदेशी करेंगे.

रूस यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों का गया में होगा पिंडदान
रूस यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों का गया में होगा पिंडदान

वसुधैव कुटुंबकम का गयाजी से संदेश: रूस, यूक्रेन, जर्मनी, यूएस, अफ्रीका, इंग्लैंड आदि देशों से विदेशी पिंडदानी गयाजी को पहुंचेंगे. इनका अक्टूबर माह के पहले सप्ताह की तारीख से आना शुरू हो जाएगा. इनमें से कुछ पिंडदानी ऐसे हैं, जिनके परिजन रूस- यूक्रेन युद्ध का शिकार हो गए. वहीं, कुछ ऐसे पिंडदानी हैं, जो कि अपने पितरों का पिंडदान करेंगे. वहीं इसके बीच मास्को की लेडी गुरु नतालिया गयाजी में पहुंचकर रूस यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों के आत्म शांति के लिए सामूहिक पिंडदान का कर्मकांड करेंगी और विश्व में युद्ध थमने और विश्व शांति की प्रार्थना गयाजी पहुंचकर करेंगी.

3 अक्टूबर से आना होगा शुरू: इन विदेशियों का 3 अक्टूबर से भारत में आगमन शुरू हो जाएगा. अलग-अलग तिथियों में उनके आने और पिंडदान करने की बात बताई गई है. बताया जा रहा है, कि रूस से 32, यूक्रेन से 12, अफ्रीका से तीन, जर्मनी से 6, यूएस से चार और इंग्लैंड से विदेशी पिंडदान का कर्मकांड करने गयाजी को आएंगे. इसके लिए वीजा पासपोर्ट आदि की सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं.

रूस और यूक्रेन के 48 और अन्य देशों को मिलाकर 62 विदेशी गयाजी पहुंचेंगे
रूस और यूक्रेन के 48 और अन्य देशों को मिलाकर 62 विदेशी गयाजी पहुंचेंगे

इस्कॉन के धर्म प्रचारक लोकनाथ गौड़ से विदेशियों ने साधा था संपर्क: इस्कॉन के धर्म प्रचारक भारत के रहने वाले लोकनाथ गौड़ से विभिन्न देशों के विदेशियों ने संपर्क साधा है. काफी पहले से विदेशियों ने संपर्क साध रखा था. विदेशियों के संपर्क साधने के बाद लोकनाथ गौड़ ने उन्हें विस्तृत तौर पर सारी जानकारियां दे दी है. चूंकि विदेश में भी सनातन धर्म का वे प्रचार करते हैं. ऐसे में हजारों विदेशी ऐसे हैं, जिनका झुकाव सनातन धर्म के प्रति और पिंडदान कर्मकांड के प्रति हुआ है. अब यही वजह है कि पिंडदान कर्मकांड के बारे में विस्तृत जानकारी पाकर विदेशी हर हाल में भारत के गया जी में आकर पिंडदान करना चाहते हैं और अपने परिजन पितर के मोक्ष की कामना गयाजी जाकर करेंगे. इसके लिए सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली है.

लेडी गुरु नतालिया ने भी किया मार्गदर्शन: रूस के मास्को में लेडी गुरु नतालिया सात्रानोवा रहती हैं. यह सनातन धर्म से काफी प्रभावित महिला है और उनके लाखों शिष्य भी हैं. नतालिया को सनातन धर्म से काफी लगाव है और यही वजह है कि अब वह सनातन धर्म के प्रति विदेशियों में मार्गदर्शन करती हैं. इस बीच विदेशी नतालिया से प्रभावित होकर भारत के इस्कॉन मंदिर के प्रचारक लोकनाथ गौड़ से संपर्क साधा और फिर अब उन सभी विदेशियों का आना निश्चित हो गया है. गौर करने वाली बात यह है, कि नतालिया मूल रूप से दक्षिण भारत की रहने वाली बताई जाती है. वह विदेश में सनातन और नारी शक्ति के बारे में महिलाओं को काफी सशक्त कर रही है. लोकनाथ गौड़ के मुताबिक उनके 5 लाख शिष्य हैं.

विदेशियों का सनातन संस्कृति की ओर झुकाव
विदेशियों का सनातन संस्कृति की ओर झुकाव

यूक्रेनी युवती यूरिया जीतो मेरठ के पिता युद्ध के दौरान मारे गए: यूक्रेनी युवती यूडिया जितो मेरप के पिता रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान मारे गए थे. अब उनका पिंडदान करने यूडिया भारत के गयाजी आ रही हैं. इसी प्रकार कई और ऐसे विदेशी हैं, जिनके परिजन रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान मारे गए और अब उनका पिंडदान आत्मा शांति को लेकर मोक्ष भूमि गया जी में किया जाएगा. वहीं, कुछ ऐसे विदेशी भी आ रहे हैं, जो अपने पितरों के लिए पिंडदान का कर्मकांड करेंगे.

विदेशियों का सनातन संस्कृति की ओर झुकाव: लोकनाथ गौड़ बताते हैं कि "विदेशियों का सनातन संस्कृति की ओर झुकाव हो रहा है. विदेशी पिंडदान के बारे में जानने लगे हैं और इसमें रुचि भी लेने लगे हैं. ऐसे में हमारे गयाजी की पहचान मोक्ष भूमि के रूप में पूरे विश्व में है. गयाजी पहुंचने वालों में यूक्रेन की यूडिया, यूक्रेन की मरीना, रसिया की एकक त्रिना, रसिया की अन्ना डेवी सोवा समेत अन्य शामिल हैं. कुल 62 विदेशी पिंडदानी गयाजी को पहुंचेंगे, जिसमें रूस यूक्रेन के अलावे जर्मनी, अफ्रीका, यूूएस, इंग्लैंड के भी विदेशी शामिल होंगे. बड़ी बात यह है, कि इसमें से ज्यादातर युवतियां- महिलाएं होंगी."

गया: बिहार के गया से वसुधैव कुटुंबकम का संदेश पूरी दुनिया को जाएगा. दरअसल पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है और मोक्ष भूमि गयाजी में पिंडदान करने के लिए लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है. ऐसे में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पितरों की आत्मा की शांति के लिए यहां पहुंचेंगे. साथ ही काफी संख्या में इस बार विदेशी पिंडदानी भी पहुंचेंगे. भारत के पड़ोसी देशों की छोड़ दें, तो अब सात समुंदर पार से विदेशी पिंडदानी गया जी को आएंगे. रूस -यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों के मोक्ष की कामना को लेकर रूस और यूक्रेन के 48 और अन्य देशों को मिलाकर 62 विदेशी गयाजी पहुंचेंगे.

पढ़ें- Pitru Paksha Mela 2023: गया में विश्व प्रसिद्ध पितृ पक्ष मेला आज से शुरू, पहले दिन पटना और गया के इस जगह होता है पिंडदान

रूस यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों का गयाजी में होगा पिंडदान: गयाजी पहुंचने के बाद रूस यूक्रेन युद्ध में मारे गए परिजनों का निमित्त और पितरों का पिंडदान किया जाएगा. वहीं रसिया मास्को की लेडी गुरु नतालिया सात्रानोवा सामूहिक पिंडदान करेंगी, ताकि रूस और यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों की आत्मा को शांति मिल सके और वह मोक्ष की प्राप्ति कर सकें. इस दौरान भगवान विष्णु नारायण से रूस यूक्रेन युद्ध के थमने और विश्व में शांति होने की प्रार्थना भी यहां विदेशी करेंगे.

रूस यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों का गया में होगा पिंडदान
रूस यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों का गया में होगा पिंडदान

वसुधैव कुटुंबकम का गयाजी से संदेश: रूस, यूक्रेन, जर्मनी, यूएस, अफ्रीका, इंग्लैंड आदि देशों से विदेशी पिंडदानी गयाजी को पहुंचेंगे. इनका अक्टूबर माह के पहले सप्ताह की तारीख से आना शुरू हो जाएगा. इनमें से कुछ पिंडदानी ऐसे हैं, जिनके परिजन रूस- यूक्रेन युद्ध का शिकार हो गए. वहीं, कुछ ऐसे पिंडदानी हैं, जो कि अपने पितरों का पिंडदान करेंगे. वहीं इसके बीच मास्को की लेडी गुरु नतालिया गयाजी में पहुंचकर रूस यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों के आत्म शांति के लिए सामूहिक पिंडदान का कर्मकांड करेंगी और विश्व में युद्ध थमने और विश्व शांति की प्रार्थना गयाजी पहुंचकर करेंगी.

3 अक्टूबर से आना होगा शुरू: इन विदेशियों का 3 अक्टूबर से भारत में आगमन शुरू हो जाएगा. अलग-अलग तिथियों में उनके आने और पिंडदान करने की बात बताई गई है. बताया जा रहा है, कि रूस से 32, यूक्रेन से 12, अफ्रीका से तीन, जर्मनी से 6, यूएस से चार और इंग्लैंड से विदेशी पिंडदान का कर्मकांड करने गयाजी को आएंगे. इसके लिए वीजा पासपोर्ट आदि की सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं.

रूस और यूक्रेन के 48 और अन्य देशों को मिलाकर 62 विदेशी गयाजी पहुंचेंगे
रूस और यूक्रेन के 48 और अन्य देशों को मिलाकर 62 विदेशी गयाजी पहुंचेंगे

इस्कॉन के धर्म प्रचारक लोकनाथ गौड़ से विदेशियों ने साधा था संपर्क: इस्कॉन के धर्म प्रचारक भारत के रहने वाले लोकनाथ गौड़ से विभिन्न देशों के विदेशियों ने संपर्क साधा है. काफी पहले से विदेशियों ने संपर्क साध रखा था. विदेशियों के संपर्क साधने के बाद लोकनाथ गौड़ ने उन्हें विस्तृत तौर पर सारी जानकारियां दे दी है. चूंकि विदेश में भी सनातन धर्म का वे प्रचार करते हैं. ऐसे में हजारों विदेशी ऐसे हैं, जिनका झुकाव सनातन धर्म के प्रति और पिंडदान कर्मकांड के प्रति हुआ है. अब यही वजह है कि पिंडदान कर्मकांड के बारे में विस्तृत जानकारी पाकर विदेशी हर हाल में भारत के गया जी में आकर पिंडदान करना चाहते हैं और अपने परिजन पितर के मोक्ष की कामना गयाजी जाकर करेंगे. इसके लिए सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली है.

लेडी गुरु नतालिया ने भी किया मार्गदर्शन: रूस के मास्को में लेडी गुरु नतालिया सात्रानोवा रहती हैं. यह सनातन धर्म से काफी प्रभावित महिला है और उनके लाखों शिष्य भी हैं. नतालिया को सनातन धर्म से काफी लगाव है और यही वजह है कि अब वह सनातन धर्म के प्रति विदेशियों में मार्गदर्शन करती हैं. इस बीच विदेशी नतालिया से प्रभावित होकर भारत के इस्कॉन मंदिर के प्रचारक लोकनाथ गौड़ से संपर्क साधा और फिर अब उन सभी विदेशियों का आना निश्चित हो गया है. गौर करने वाली बात यह है, कि नतालिया मूल रूप से दक्षिण भारत की रहने वाली बताई जाती है. वह विदेश में सनातन और नारी शक्ति के बारे में महिलाओं को काफी सशक्त कर रही है. लोकनाथ गौड़ के मुताबिक उनके 5 लाख शिष्य हैं.

विदेशियों का सनातन संस्कृति की ओर झुकाव
विदेशियों का सनातन संस्कृति की ओर झुकाव

यूक्रेनी युवती यूरिया जीतो मेरठ के पिता युद्ध के दौरान मारे गए: यूक्रेनी युवती यूडिया जितो मेरप के पिता रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान मारे गए थे. अब उनका पिंडदान करने यूडिया भारत के गयाजी आ रही हैं. इसी प्रकार कई और ऐसे विदेशी हैं, जिनके परिजन रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान मारे गए और अब उनका पिंडदान आत्मा शांति को लेकर मोक्ष भूमि गया जी में किया जाएगा. वहीं, कुछ ऐसे विदेशी भी आ रहे हैं, जो अपने पितरों के लिए पिंडदान का कर्मकांड करेंगे.

विदेशियों का सनातन संस्कृति की ओर झुकाव: लोकनाथ गौड़ बताते हैं कि "विदेशियों का सनातन संस्कृति की ओर झुकाव हो रहा है. विदेशी पिंडदान के बारे में जानने लगे हैं और इसमें रुचि भी लेने लगे हैं. ऐसे में हमारे गयाजी की पहचान मोक्ष भूमि के रूप में पूरे विश्व में है. गयाजी पहुंचने वालों में यूक्रेन की यूडिया, यूक्रेन की मरीना, रसिया की एकक त्रिना, रसिया की अन्ना डेवी सोवा समेत अन्य शामिल हैं. कुल 62 विदेशी पिंडदानी गयाजी को पहुंचेंगे, जिसमें रूस यूक्रेन के अलावे जर्मनी, अफ्रीका, यूूएस, इंग्लैंड के भी विदेशी शामिल होंगे. बड़ी बात यह है, कि इसमें से ज्यादातर युवतियां- महिलाएं होंगी."

Last Updated : Sep 28, 2023, 9:30 PM IST
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