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अब फल्गु नदी में सालों भर रहेगा पानी! कैबिनेट ने DPR को दी मंजूरी

वर्तमान में फल्गु नदी की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है. इसका जलस्तर काफी नीचे चला गया है. जल संसाधन विभाग ने राज्य सरकार को फल्गु नदी में सालों भर पानी रखने का प्रस्ताव भेजा था. जिसे 13 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल गई.

फल्गु नदी में अब सालो भर रहेगा पानी
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Published : Nov 19, 2019, 12:17 PM IST

गया: विश्व प्रसिद्ध मोक्षधाम गया जी की महत्ता विदेशों तक फैली हुई है. मोक्ष और ज्ञान की इस भूमि पर स्थित मोक्षदायिनी फल्गु नदी में अब सालों भर पानी रहेगा. जल संसाधन विभाग ने राज्य सरकार को फल्गु नदी में सालों भर पानी रखने का प्रस्ताव भेजा था. जिसे 13 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल गई. आठ महीने के अंदर डीपीआर तैयार करने के लिए एक करोड़ 50 लाख रुपये भी दिए गए हैं.

नदी को मिला था मां सीता से श्राप
फल्गु नदी के बारे में सनातन धर्म कई कथाएं हैं. एक कथा के अनुसार माता सीता ने भगवान राम और लक्षमण की गैर मौजूदगी में बालू से राजा दशरथ का यहीं पिंडदान किया था. जिसकी गवाह फल्गु नदी भी थी. लेकिन भगवान राम और लक्षमण के लौटने पर फल्गु झूठ बोल देती हैं. जिस पर क्रोधित होकर मां सीता ने नदी को श्राप दे दिया. इसी वजह से तीन नदियों के संगम से बने होने के बावजूद भी यह जमीन के अंदर से बहती है.

फल्गु नदी में अब सालो भर रहेगा पानी

ये भी पढ़ेः सोनपुर मेले में लोगों को काफी पसंद आ रहा है रेल ग्राम, टॉय ट्रेन में जमकर मस्ती कर रहे हैं बच्चे

बह रहा नालों का गंदा पानी
वर्तमान में फल्गु नदी सूखकर कीचड़ से लथपथ हो गई है. शहर के तमाम नालों का गंदा पानी इसमें बह रहा है. देवघाट से लेकर रामशिला घाट तक नदी की दशा बहुत ही खराब हो चुकी है. नगर निगम की योजनाएं भी इसे साफ नहीं रख पा रही हैं.

gaya
फल्गु नदी

पितरों को मोक्ष की प्राप्ति
मान्यता है फल्गु नदी में कदम पड़ने भर से पितरो को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. इसका जलस्तर काफी नीचे चले जाने से 2019 के पितृपक्ष में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं को फल्गु नदी का पानी खरीदकर तर्पण करना पड़ा था.

gaya
फल्गु नदी का तट

दो प्रोजेक्ट पर हो रहा काम
जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि जल संसाधन विभाग और नगर विकास विभाग ने दो प्रोजेक्ट तैयार किए हैं. पहला गंगा का पानी फल्गु नदी में लाकर स्टोर करना. जिससे शहरी क्षेत्र में पानी का किल्लत दूर हो. वहीं दूसरा विष्णुपद मंदिर इलाके में सालो भर पानी रहे. जिससे श्रद्धालुओं को पिंडदान करने में परेशानी नहीं हो.

गया: विश्व प्रसिद्ध मोक्षधाम गया जी की महत्ता विदेशों तक फैली हुई है. मोक्ष और ज्ञान की इस भूमि पर स्थित मोक्षदायिनी फल्गु नदी में अब सालों भर पानी रहेगा. जल संसाधन विभाग ने राज्य सरकार को फल्गु नदी में सालों भर पानी रखने का प्रस्ताव भेजा था. जिसे 13 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल गई. आठ महीने के अंदर डीपीआर तैयार करने के लिए एक करोड़ 50 लाख रुपये भी दिए गए हैं.

नदी को मिला था मां सीता से श्राप
फल्गु नदी के बारे में सनातन धर्म कई कथाएं हैं. एक कथा के अनुसार माता सीता ने भगवान राम और लक्षमण की गैर मौजूदगी में बालू से राजा दशरथ का यहीं पिंडदान किया था. जिसकी गवाह फल्गु नदी भी थी. लेकिन भगवान राम और लक्षमण के लौटने पर फल्गु झूठ बोल देती हैं. जिस पर क्रोधित होकर मां सीता ने नदी को श्राप दे दिया. इसी वजह से तीन नदियों के संगम से बने होने के बावजूद भी यह जमीन के अंदर से बहती है.

फल्गु नदी में अब सालो भर रहेगा पानी

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बह रहा नालों का गंदा पानी
वर्तमान में फल्गु नदी सूखकर कीचड़ से लथपथ हो गई है. शहर के तमाम नालों का गंदा पानी इसमें बह रहा है. देवघाट से लेकर रामशिला घाट तक नदी की दशा बहुत ही खराब हो चुकी है. नगर निगम की योजनाएं भी इसे साफ नहीं रख पा रही हैं.

gaya
फल्गु नदी

पितरों को मोक्ष की प्राप्ति
मान्यता है फल्गु नदी में कदम पड़ने भर से पितरो को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. इसका जलस्तर काफी नीचे चले जाने से 2019 के पितृपक्ष में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं को फल्गु नदी का पानी खरीदकर तर्पण करना पड़ा था.

gaya
फल्गु नदी का तट

दो प्रोजेक्ट पर हो रहा काम
जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि जल संसाधन विभाग और नगर विकास विभाग ने दो प्रोजेक्ट तैयार किए हैं. पहला गंगा का पानी फल्गु नदी में लाकर स्टोर करना. जिससे शहरी क्षेत्र में पानी का किल्लत दूर हो. वहीं दूसरा विष्णुपद मंदिर इलाके में सालो भर पानी रहे. जिससे श्रद्धालुओं को पिंडदान करने में परेशानी नहीं हो.

Intro:मोक्षदायिनी फल्गू नदी में अब सालो भर पानी रहेगा, इसके डीपीआर को 13 नवम्बर को हुए कैबिनेट के बैठक में मंजूरी दे दिया गया है। जल संसाधन विभाग ने राज्य सरकार को फल्गु नदी में सालोभर पानी रखने का प्रस्ताव भेजा था उसे मंजूर कर , आठ माह के अंदर डीपीआर तैयार करने के लिए एक करोड़ 50 लाख की मंजूरी दी है।


Body:मोक्ष और ज्ञान की भूमि इसी फल्गु नदी के तट पर बसा है फल्गु नदी के बारे में सनातन धर्म कई कथाएं है उसमें से एक कथा रामायण काल से जुड़ा बताया जाता है। फल्गु नदी जो तीन नदी को संगम से बना है फिर भी जमीन के अंदर से बहती है इसके पीछे कहानी है। रामायण काल मे भगवान राम,लक्षमण और माता सीता राजा दशरथ का पिंडदान करने गयाजी में आये थे। भगवान राम और लक्षमण पिंडदान संबंधित समान लाने चले गए, माता सीता फल्गु के तट पर अठखेलियाँ करने लगे इसी बीच आकाशवाणी होता हैं और पानी के अंदर से हाथ निकलता हैं। आकाशवाणी में कहा जाता है सीता पिंडदान का वक़्त निकला जा रहा है मेरा पिंडदान कर दो। सीता बालू से पिंडदान कर देती है। गवाह के रूप फल्गु नदी, गाय, ब्राह्मण और अक्षयवट को रख लेती है। भगवान राम और लक्षमण जब समान लेकर आते हैं माता सीता पूरा घटना बताती हैं। भगवान राम और लक्ष्मण को विश्वास नही होता हैं वो कहते है किसी ने देखा होगा । माँ सीता फल्गु नदी से पूछती हैं है फल्गु आपने बालू का पिंडदान करते देखा था फल्गु झूठ बोल दे देती हैं। माँ सीता आक्रोशित होकर फल्गु को श्रापित कर देती है आप अततः सलिला रहेगी। तब से फल्गु नदी जमीन के अंदर बहती है।

वर्तमान परिदृश्य में फल्गु नदी सूखी है,कीचड़ से लथपथ है और शहर के तमाम नालों का गंदा पानी इसी में बह रहा है ,जबकि इस पर रोक का निर्देश बार बार दिए गए हैं। अतिक्रमण ने नदी का अस्तित्व अलग रखा है एक तरफ अतिक्रमण दूसरी और प्रदूषण । देवघाट से लेकर रामशिला घाट तक नदी की दशा बहुत ही खराब हो चुकी है। मोक्षदायिनी फल्गु कीचड़ से लथपथ में सिसक रही है।

नगर निगम के कार्यक्रम और योजना तो नदी को स्वच्छ नही कर सके। संगत घाट पर तो कूड़े का पहाड़ बना है। गायत्री घाट पर तो मनसरवा नाला ही नदी में गिरा दिया गया है। नादरागंज नाला का पानी नदी में जाता है।

मान्यता है फल्गु नदी के जल में कदम पड़ने भर से पितरो को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती हैं। फल्गु नदी के तट पर स्वामी प
विवेकानंद, श्री राम और चैतन्य महाप्रभु भी आये थे।

वर्ष 2019 के मिनी पितृपक्ष में देश विदेश के आये श्रद्धालुओं को फल्गु नदी के पानी खरीदकर तर्पण करना पड़ा था। नदी के जलस्तर बहुत नीचे चल गया था। आसपास के लोग गड्ढा कर उसे सुरक्षित रखे मोक्षदायिनी फल्गु नदी के पानी को बेचते थे।

विश्व प्रसिद्ध मोक्षधाम गया जी के महता विदेशो तक फैला हुआ, साल के नौ माह तक अततः सलिला रहने वाला फलग नदी सरकार के प्रयास से अब सालो भर सतत सलिला हो जाएगी। सरकार ने इसके लिए डीपीआर तैयार करने के लिए राशि की मंजूरी दी है। सरकार इस कवायद से श्रद्धालुओं को सालो भर तर्पण और अर्पण करने के लिए पानी मिलेगा और देश-विदेश आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा।

समाजसेवी बृजनन्दन पाठक ने बताया प्रतिज्ञा संस्था द्वारा हाई कोर्ट में जनहित याचिका किया गया था उस याचिका पर कई आदेश दिया था। कोर्ट ने आदेश दिया था जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाया जाए और नाला को बंद किया जाए,जल सरंक्षण का व्यवस्था किया जाए, सर्वे कर दोनो तरफ दीवार खड़ा किया जाए लेकिनआज तक कोर्ट के आदेश को नही माना हैं। सरकार ने फल्गु नदी में सालोभर पानी रहने के वादे को पूरा कर रही है ये अच्छा कदम है। नदी में पानी रहने ये जगह रमणीक हो जाएगा।


Conclusion:जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया बताते हुए खुशी हो रही है गया के लोगो का सपना अब साकार होगा। सरकार ने कैबिनेट के बैठक में फल्गु नदी में सालो पानी रहने के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए मंजूरी दी गयी हैं। कई सालों से बहुत लोगो द्वारा फल्गु नदी को लेकर आवाज उठाया जा रहा था मुख्यमंत्री खुद कई बार भम्रण किये थे उनके निर्देश पर जल संसाधन विभाग और नगर विकास विभाग ने प्रोजेक्ट बनाया , दो तरह का प्रोजेक्ट है एक प्रोजेक्ट है गंगा का पानी को लाकर फल्गु नदी में स्टोर करना जिससे शहरी क्षेत्र में पानी का किल्लत नही हो ,दूसरा विष्णुपद मन्दिर के इलाके में पानी सालो भर रहे जिससे श्रद्धालुओं को पिंडदान करने में परेशानी नही हो। ये दोनों प्रोजेक्ट में बिहार सरकार गंभीर है।

सांसद विजय मांझी ने बताया मैं फल्गु नदी का दशा सुधरे उसमे पानी आये इसको लेकर संसद तक आवाज उठाया हु, मेरे ध्याकर्षण के बाद मुख्यमंत्री ने भी संबधित विभाग को आदेश दिया था , विभागों द्वारा दिया गया प्रस्ताव का मंजूरी मिला खुशी की बात है।
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