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गया: धान के खलिहान में लगी आग, बाल-बाल बचा किसान

खलिहान में आधे दर्जन किसानों का बोझा रखा हुआ था. स्थानीय के मुताबिक कुछ शरारती तत्व के लोगों ने जान-बूझकर आग लगा दी. वहीं, अगर समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता तो वहां रखवाली कर रहे शख्स की जान भी जा सकती थी.

आग
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Published : Nov 24, 2020, 5:15 PM IST

गया (इमामगंज): इमामगंज-बांकेबाजार प्रखण्ड की सीमा पर स्थित दीघासीन गांव के पास रविवार की रात धान के खलिहान में आग लग गयी. इससे धान के दर्जनों बोझा जलकर राख हो गये. इस दौरान खलिहान की रखवाली कर रहे किसान सुरेश भुइयां बाल-बाल बच गया.

असामाजिक तत्वों की शरारत

स्थानीय कृष्ण पासवान ने बताया कि इस खलिहान में आधे दर्जन किसानों का बोझा रखा हुआ था. कुछ शरारती तत्व के लोगों ने जान-बूझकर आग लगा दी. उन्होंने बताया कि आग लगाने वाले शरारती तत्वों ने खलिहान के आसपास के घरों के दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया, ताकि आग लगने के बाद उसे बुझाने के लिए कोई ग्रामीण घर से बाहर नहीं निकल सके.

स्थानीय लोगों के मुताबिक दरवाजे पर लगी एक बाइक को भी क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की गई. बटाईदार किसान धान की रखवाली करने के लिए खलिहान में उसी जगह पर सोए हुए थे. इस जगह पर आग लगने के बाद लपटें तेजी से बढ़ रही थी.

बाल-बाल बचा किसान

कृष्ण पासवान ने बताया कि कुछ युवक रात में स्टेट हाइवे से गुरिया बाजार पर नाच देखने जा रहे थे. तभी खलिहान में लगी आग देखकर वे लोग शोर मचाने लगे. इसके बाद ग्रामीणों ने दौड़कर बिजली मोटर चालू कर काफी मशक्कत से आग पर काबू पाया. वहीं, खलिहान में सो रहे किसान को खींचकर निकाला गया. आग थोड़ी देर और लगी रहती तो किसान की भी झुलस कर मौत हो सकती थी.

गया (इमामगंज): इमामगंज-बांकेबाजार प्रखण्ड की सीमा पर स्थित दीघासीन गांव के पास रविवार की रात धान के खलिहान में आग लग गयी. इससे धान के दर्जनों बोझा जलकर राख हो गये. इस दौरान खलिहान की रखवाली कर रहे किसान सुरेश भुइयां बाल-बाल बच गया.

असामाजिक तत्वों की शरारत

स्थानीय कृष्ण पासवान ने बताया कि इस खलिहान में आधे दर्जन किसानों का बोझा रखा हुआ था. कुछ शरारती तत्व के लोगों ने जान-बूझकर आग लगा दी. उन्होंने बताया कि आग लगाने वाले शरारती तत्वों ने खलिहान के आसपास के घरों के दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया, ताकि आग लगने के बाद उसे बुझाने के लिए कोई ग्रामीण घर से बाहर नहीं निकल सके.

स्थानीय लोगों के मुताबिक दरवाजे पर लगी एक बाइक को भी क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की गई. बटाईदार किसान धान की रखवाली करने के लिए खलिहान में उसी जगह पर सोए हुए थे. इस जगह पर आग लगने के बाद लपटें तेजी से बढ़ रही थी.

बाल-बाल बचा किसान

कृष्ण पासवान ने बताया कि कुछ युवक रात में स्टेट हाइवे से गुरिया बाजार पर नाच देखने जा रहे थे. तभी खलिहान में लगी आग देखकर वे लोग शोर मचाने लगे. इसके बाद ग्रामीणों ने दौड़कर बिजली मोटर चालू कर काफी मशक्कत से आग पर काबू पाया. वहीं, खलिहान में सो रहे किसान को खींचकर निकाला गया. आग थोड़ी देर और लगी रहती तो किसान की भी झुलस कर मौत हो सकती थी.

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