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उद्घाटन की राह देख रहा मगध मेडिकल कॉलेज का नया इमरजेंसी वॉर्ड, भवन में पड़ी दरारें - स्वास्थ्य विभाग

मगध मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नया इमरजेंसी वॉर्ड बनाया गया है. इस वॉर्ड की नयी इमारत उद्घाटन की राह देख रही है. वहीं, इस भवन की दीवारों पर दरारें पड़ रही हैं.

मगध मेडिकल कॉलेज
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Published : May 29, 2019, 7:44 AM IST

गया: मगध क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल मगध मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल है. यहां इमरजेंसी में मरीजों की संख्या बढ़ते देख एक और नया इमरजेंसी वॉर्ड बनाया गया है. इसका भवन तो बनकर तैयार है. मगर ये नया वॉर्ड परिसर उद्घाटन की राह देख रहा है. वहीं, भवन निर्माण के चंद दिनों के अंदर ही इसकी दीवारों पर दरारें भी पड़ गयी हैं.

आपातकाल स्थिति में कई जिलों के मरीज मगध मेडिकल कॉलेज आते हैं. अक्सर यहां मरीजों की संख्या इतनी बढ़ जाती है कि कई को वॉर्ड तो छोड़िए, बेड तक नसीब नहीं होता है. मरीज बीमारी से तड़पता रहता है. कई मरीज दम तक तोड़ देते हैं. मगध मेडिकल कॉलेज की बदहाल हालात को देखते हुए बड़े पैमाने पर सुसज्जित, सभी सुविधाओं से लैस इमरजेंसी भवन बनाया गया था. यह इमरजेंसी भवन उद्घाटन की राह देख रहा है. इस उद्घाटन के इंतजार में भवन के अंदर और बाहर की दीवारों में दरारें आ गई हैं.

नया भवन और हालात जर्जर
नया भवन, जिसका अभी तक इस्तेमाल नहीं हुआ है, जिस पर रंग चढ़ाए कुछ दिन ही हुए हैं. उसकी दीवारों पर दरार पड़ जाना निश्चय ही महामिलावट का जीता जागता उदाहरण है. इसी बीच मीडियाकर्मियों के सवाल-जवाब के बाद दीवारों पर लीपापोती होने लगती है. वहीं, भ्रष्टाचार की मिलावट की सीमेंट से बनी इमरजेंसी वार्ड की दीवारों के तले कब जिंदगी और मौत से जूझते मरीजों का इलाज होगा, ये तो आने वाला समय ही बताएगा. लेकिन उससे पहले इस बात की जांच होनी चाहिए कि आखिर कैसे लाखों की लागत से बने इस वार्ड की दीवारों पर दरारें पड़ गईं.

मगध मेडिकल कॉलेज

इन्हें नहीं दिखाई दी दरारें
मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक विजय कृष्ण ने बताया कि 'नए भवन में ऑक्सीजन पाइपलाइन नहीं बिछी हैं. शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है. निर्माण होते ही उद्घाटन कराया जाएगा. भवन के दीवार में दरार पड़ने की सूचना नहीं है. मैं अक्सर जाकर देखता हूं. कही भीं इस तरह का नहीं दिखाई देता है. अगर दीवार में दरार पड़ रही है, तो संज्ञान में आने पर संबंधित एजेंसी को बोला जाएगा. उसकी मरम्मत करायी जाएगी.'

गया: मगध क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल मगध मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल है. यहां इमरजेंसी में मरीजों की संख्या बढ़ते देख एक और नया इमरजेंसी वॉर्ड बनाया गया है. इसका भवन तो बनकर तैयार है. मगर ये नया वॉर्ड परिसर उद्घाटन की राह देख रहा है. वहीं, भवन निर्माण के चंद दिनों के अंदर ही इसकी दीवारों पर दरारें भी पड़ गयी हैं.

आपातकाल स्थिति में कई जिलों के मरीज मगध मेडिकल कॉलेज आते हैं. अक्सर यहां मरीजों की संख्या इतनी बढ़ जाती है कि कई को वॉर्ड तो छोड़िए, बेड तक नसीब नहीं होता है. मरीज बीमारी से तड़पता रहता है. कई मरीज दम तक तोड़ देते हैं. मगध मेडिकल कॉलेज की बदहाल हालात को देखते हुए बड़े पैमाने पर सुसज्जित, सभी सुविधाओं से लैस इमरजेंसी भवन बनाया गया था. यह इमरजेंसी भवन उद्घाटन की राह देख रहा है. इस उद्घाटन के इंतजार में भवन के अंदर और बाहर की दीवारों में दरारें आ गई हैं.

नया भवन और हालात जर्जर
नया भवन, जिसका अभी तक इस्तेमाल नहीं हुआ है, जिस पर रंग चढ़ाए कुछ दिन ही हुए हैं. उसकी दीवारों पर दरार पड़ जाना निश्चय ही महामिलावट का जीता जागता उदाहरण है. इसी बीच मीडियाकर्मियों के सवाल-जवाब के बाद दीवारों पर लीपापोती होने लगती है. वहीं, भ्रष्टाचार की मिलावट की सीमेंट से बनी इमरजेंसी वार्ड की दीवारों के तले कब जिंदगी और मौत से जूझते मरीजों का इलाज होगा, ये तो आने वाला समय ही बताएगा. लेकिन उससे पहले इस बात की जांच होनी चाहिए कि आखिर कैसे लाखों की लागत से बने इस वार्ड की दीवारों पर दरारें पड़ गईं.

मगध मेडिकल कॉलेज

इन्हें नहीं दिखाई दी दरारें
मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक विजय कृष्ण ने बताया कि 'नए भवन में ऑक्सीजन पाइपलाइन नहीं बिछी हैं. शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है. निर्माण होते ही उद्घाटन कराया जाएगा. भवन के दीवार में दरार पड़ने की सूचना नहीं है. मैं अक्सर जाकर देखता हूं. कही भीं इस तरह का नहीं दिखाई देता है. अगर दीवार में दरार पड़ रही है, तो संज्ञान में आने पर संबंधित एजेंसी को बोला जाएगा. उसकी मरम्मत करायी जाएगी.'

Intro:मगध क्षेत्र के सबसे बड़ा अस्पताल मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं। दिन पर दिन इमरजेंसी में मरीजो के संख्या बढ़ते देख नया इमरजेंसी वार्ड बनाया गया हैं। नए इमरजेंसी वार्ड उदघाटन का टोह देख रहा है। उद्धघाटन और उपयोग के पहले इमरजेंसी भवन के बाहर और अंदर के दीवारों में दरार आ गया है। अधीक्षक बोलते हैं संज्ञान पर आने पर उसको मरम्मत करवाया जाएगा।


Body:कई जिलों से मरीज आपातकाल हालात में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल आते हैं यहां आने पर उनको वार्ड तो छोड़िए बेड तक नसीब नही होता है। मरीज बीमारी से तड़पते रहता है कई मरीज दम तक तोड़ देते हैं। मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल की बदहाल हालात को देखते हुए बड़े पैमाने पर सुसज्जित सभी सुविधाओं से लैस इमरजेंसी भवन बनाया गया। इमरजेंसी भवन उद्घाटन का टोह देख रहा है। टोह देखते देखते भवन के अंदर और बाहर के दीवारों में दरार आ गया है।

नए भवन जिसका अभी तक इस्तेमाल नही हुआ, जिस पर रंग चढ़ाए कुछ दिन हुआ हो उसके दीवार में दरार पड़ जाता हैं। मीडियाकर्मी दरार पड़े दीवार के विसुअल बनाकर अधिकारी से बाइट लेने जाते हैं इसी बीच दिवारो पर लीपापोती होने लगता है। सोचिये नए भवन के जिसका अभी तक उपयोग नही हुआ उसके दीवार में दरार पड़ जा रहा है, अस्पताल प्रशासन देखकर अनजान बन रही है। भ्रष्टाचार के सीमेंट का घोल से बना इमारत के नीचे जीवन मौत जूझ रहे मरीजो का इलाज होगा। कुछ दिन पहले ही महिला वार्ड में छत का प्लास्टर गिरा था जिसमे मरीज का परिजन घायल होंगे थे। आगे चलकर ये इमारत भी मरीजो के लिए घातक होगा।

मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक विजय कृष्ण ने बताया नए भवन में ऑक्सिजन पाइपलाइन नही बिछा हैं और शौचालय का निर्माण नही हुआ है। निर्माण होते ही उद्घाटन कराया जाएगा। इसके भवन के दीवार में दरार पड़ने का सूचना नही है मैं अक्सर जाकर देखता हूं कही भी इस तरह का नही दिखता हैं। अगर दीवार में दरार पड़ रहे हैं तो संज्ञान में आने पर संबंधित एजेंसी को बोला जाएगा उसे मरम्मत कराया जाए।

तस्वीरे साफ कह रही है दीवारों मे दरार कितने पड़े हैं। अधीक्षक साहेब को दरार नजर नही पड़ता हैं। संज्ञान में आने पर करवाई नही होगा उसे मरम्मत करवाने का आदेश दिया जाएगा।


Conclusion:
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