गयाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर छठे दिन के नामांकन में दो नाम खूब चर्चा में रहा. ये दोनों बेलागंज विधानसभा से प्रत्याशी हैं. बेलागंज से महागठबंधन से सुरेंद्र यादव और एनडीए से अभय कुशवाहा ने नामांकन दाखिल किया है, एक समय में ये दोनों गुरु-शिष्य के रूप में थे. आज ये दोनों चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं.
दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण की नामांकन प्रक्रिया चल रही है. मंगलवार को बेलागंज विधानसभा में दो नामांकन की चर्चा गया के सियासी के गलियारों में रही. बेलागंज विधानसभा से महागठबंधन के प्रत्याशी सुरेंद्र यादव के कभी राजनीतिक शिष्य रहे अभय कुशवाहा ने एनडीए प्रत्याशी के रूप में नामंकन दाखिल किया.
2020 में गुरू और शिष्य चुनावी मैदान में
बताया जाता है कि जब सुरेंद्र यादव बिहार सरकार के मंत्री सह विधायक थे. तब बेलागंज विधानसभा क्षेत्र के एनडीए प्रत्याशी अभय कुशवाहा उनके साथ रहते थे. उनके कहे अनुसार राजनीतिक कार्य करते थे. लेकिन 2020 में गुरु और शिष्य चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. दोनों ने एक ही नामांकन भी किया.
'जहां से पार्टी का आदेश है वहां से चुनाव लड़ना है'
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह बेलागंज विधायक सुरेंद्र यादव ने बताया कि मुझे अफसोस नहीं है कि मेरे शिष्य मेरे खिलाफ खड़े हुए हैं. वो किसी पार्टी का उम्मीदवार हैं. पार्टी जहां आदेश करेगी वहां से चुनाव लड़ेंगे. मुझे भी पार्टी कह दे बेलागंज विधानसभा की जगह दूसरे स्थान से लड़ने के लिए तो लड़ेंगे. उनके प्रति मुझे सम्मान और आदर है. बाकी चुनाव में जनता तय करेगी.
'मेरे राजनीतिक गुरू सिर्फ नीतीश कुमार हैं'
वहीं, टिकारी विधायक सह बेलागंज प्रत्याशी अभय कुशवाहा ने कहा कि मेरे राजनीतिक गुरु सिर्फ नीतीश कुमार हैं. उनके द्वारा किये गए कार्यों पर मैं जनता के बीच ले जाऊंगा. बेलागंज विधायक मुझसे बड़े हैं, मुझे आशीर्वाद दिया है तो उनको बहुत बहुत धन्यवाद.
बहरहाल एनडीए प्रत्याशी अभय कुशवाहा बेलागंज विधायक को राजनीतिक गुरु मानने से इंकार कर रहे हैं. लेकिन अतीत की तस्वीरें लोगों के जेहन में आते ही अभय कुशवाहा बेलागंज विधायक सुरेंद्र यादव के शिष्य के रूप में दिखते हैं. अब देखना होगा 2020 के दंगल में बेलागंज से गुरु जीतते हैं या शिष्य.