गया (इमामगंज) : नक्सलियों के बिहार बंद का व्यापक असर दिखा. इलाके में पेट्रोल पंप से लेकर दुकानें तक बंद रही. पुलिस से जवान नक्सल प्रभावित इलाकों में सर्च अभियान में लगे रहे. यह अलग बात है कि किसी तरह की घटना नहीं हुई लेकिन नक्सलियों के धमकी के डर से दुकानदारों ने दुकानें नहीं खोली.
इमामगंज में नक्सलियों का खौफ कहिए या फिर कुछ और लेकिन बिहार बंद की घोषणा के बाद आज बैंक तक नहीं खुले. हालांकि इलाके में भारी संख्या में जवानों की तैनाती की गई थी. इमामगंज प्रखंड के पकरी-गुरीया हाई स्कूल समेत कई जगहों पर हस्तलिखित पोस्टर चिपका कर बंद की घोषणा की गई है. जिसमें लिखा है कि 16 मार्च को साजिश रचकर कामरेड अमरेश सिंह भोगता, कामरेड उदय पासवान, कामरेड सीता भुईयां और कामरेड शिवपूजन यादव की गोली मार कर हत्या कर दी गई.
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दरअसल, नक्सल प्रभावित क्षेत्र डुमरिया थाना क्षेत्र के कोकना जंगल में 16 मार्च को नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गए थे. जिसके विरोध में नक्सलियों ने 24 और 25 मार्च को बिहार बंद की घोषणा की है. इस संबंध इमामगंज सीआरपीएफ कैंप के स्थानीय कमांडेंट अवधेश कुमार ने बताया कि नक्सली बंदी के पहले दिन बाजार बंद, गाड़ियों की आवाजाही बाधित थी. वहीं इसे लेकर हमारे जवान मुस्तैद हैं और विशेष पेट्रोलिंग अभियान चलाया जा रहा है.