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गया में अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में नक्सलियों का बिहार बंद, गाड़‍ियों की आवाजाही बाधित

मुठभेड़ के विरोध में 24 मार्च और 25 मार्च को बिहार बन्द का आह्वान किया था. गाड़‍ियों की आवाजाही बाधित रही. सुरक्षा के मद्देनज पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान मुस्तेद हैं.

Naxalites Bihar closed
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Published : Mar 24, 2021, 5:17 PM IST

गया: बीते 16 मार्च को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में चार नक्सली ढेर हो गए थे. नक्सलियों ने इस मुठभेड़ को फर्जी करार दिया था. इस मुठभेड़ के विरोध में 24 मार्च और 25 मार्च को बिहार बन्द का आह्वान किया था. आज नक्सलियों का बिहार बन्द का असर गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में देखा गया.

गया में नक्‍सली बंदी के पहले दिन इमामगंज बाजार बंद रहा. गाड़‍ियों की आवाजाही बाधित रही. सुरक्षा के मद्देनज पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान मुस्तेद हैं. बंदी के पहले दिन बुधवार को गया जिले के इमामगंज, कोठी, सुहैल सलैया, पकरी गुरीया, रानीगंज, डुमरिया, मैगरा, बांकेबाजार बाजार बंद हैं. बसों व यात्री वाहनों का परिचालन बंद है सड़क पर सन्‍नाटा पसरा है.

आयोग से घटना पर संज्ञान में लेने की मांग
मालूम हो कि बीते 22 मार्च की रात इमामगंज थाना क्षेत्र में नक्‍सली संगठन भाकपा माओवादीयों पर्चा चिपकाकर बंद की घोषणा की थी. पर्चे में लिखा था कि 16 मार्च को साजिश रचकर अमरेश, शिवपूजन, सीता और उदय की गोली मार कर हत्‍या कर दी गई. इसे मुठभेड़ का रूप दे दिया गया, जबकि यह पूरी तरह साजिशन हत्‍या थी. पुलिस बस लोगों का श्रेय जीतना चाहती थी. नक्‍सली संगठन ने इस घटना को मानवाधिकार आयोग से संज्ञान में लेने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: बिहार विधान परिषद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, विपक्ष ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

इमामगंज में सुबह से हाईअलर्ट पर सभी थाने की पुलिस है. सीआरपीएफ और कोबरा के अधिकारी व जवानों हथियार के साथ नक्सलियों से निपटने के लिए तैयार है. नक्‍सली बंदी को लेकर इमामगंज प्रखंड क्षेत्र में एसएच पर आवाजाही नहीं हो रही है. गाड़‍ियों का परिचालन बंद है.

गया: बीते 16 मार्च को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में चार नक्सली ढेर हो गए थे. नक्सलियों ने इस मुठभेड़ को फर्जी करार दिया था. इस मुठभेड़ के विरोध में 24 मार्च और 25 मार्च को बिहार बन्द का आह्वान किया था. आज नक्सलियों का बिहार बन्द का असर गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में देखा गया.

गया में नक्‍सली बंदी के पहले दिन इमामगंज बाजार बंद रहा. गाड़‍ियों की आवाजाही बाधित रही. सुरक्षा के मद्देनज पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान मुस्तेद हैं. बंदी के पहले दिन बुधवार को गया जिले के इमामगंज, कोठी, सुहैल सलैया, पकरी गुरीया, रानीगंज, डुमरिया, मैगरा, बांकेबाजार बाजार बंद हैं. बसों व यात्री वाहनों का परिचालन बंद है सड़क पर सन्‍नाटा पसरा है.

आयोग से घटना पर संज्ञान में लेने की मांग
मालूम हो कि बीते 22 मार्च की रात इमामगंज थाना क्षेत्र में नक्‍सली संगठन भाकपा माओवादीयों पर्चा चिपकाकर बंद की घोषणा की थी. पर्चे में लिखा था कि 16 मार्च को साजिश रचकर अमरेश, शिवपूजन, सीता और उदय की गोली मार कर हत्‍या कर दी गई. इसे मुठभेड़ का रूप दे दिया गया, जबकि यह पूरी तरह साजिशन हत्‍या थी. पुलिस बस लोगों का श्रेय जीतना चाहती थी. नक्‍सली संगठन ने इस घटना को मानवाधिकार आयोग से संज्ञान में लेने की मांग की है.

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इमामगंज में सुबह से हाईअलर्ट पर सभी थाने की पुलिस है. सीआरपीएफ और कोबरा के अधिकारी व जवानों हथियार के साथ नक्सलियों से निपटने के लिए तैयार है. नक्‍सली बंदी को लेकर इमामगंज प्रखंड क्षेत्र में एसएच पर आवाजाही नहीं हो रही है. गाड़‍ियों का परिचालन बंद है.

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