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गया में माओवादी सबजोनल कमांडर ने राइफल के साथ किया सरेंडर, प्रेशर IED प्लांट करने में था एक्सपर्ट - ETV Bihar News

गया में माओवादी सबजोनल कमांडर लक्ष्मीकांत पासवान (Naxalite Sub Zonal Commander Laxmikant Paswan) ने राइफल और कारतूस के साथ पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. सरेंडर करने वाला नक्सली प्रेशर IED प्लांट करने का एक्सपर्ट है. उक्त नक्सली को सरकार की योजना के अनुसार सुविधाएं दी जाएगी. पढ़ें पूरी खबर.

नक्सली ने किया आत्मसमर्पण
नक्सली ने किया आत्मसमर्पण
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Published : Oct 21, 2022, 5:22 PM IST

गया: बिहार के गया में माओवादी संगठन के मध्य जोन के सब जोनल कमांडर लक्ष्मीकांत पासवान उर्फ अमृत ने सरेंडर कर दिया (Naxalite sub zonal commander surrenders in Gaya) है. गया एसएसपी हरप्रीत कौर और एसएसबी 29वीं वाहिनी डीआईजी छेरिंग दोरजे, कमांडेंट एचके गुप्ता के समक्ष कुख्यात नक्सली ने आत्मसमर्पण किया. यह प्रेशर आईईडी प्लांट करने का एक्सपर्ट है, जिसे नक्सली जंगल में सुरक्षाबलों से बचने के लिए चप्पे-चप्पे पर बिछा देते हैं.

ये भी पढ़ें- एरिया कमांडर ने भारी मात्रा में हथियार और वर्दी के साथ किया सरेंडर

सुरक्षा बलों के साथ हुए कई मुठभेड़ों में था शामिल: जानकारी के अनुसार मध्य जोन के सब जोनल कमांडर (छकरबंधा) लक्ष्मीकांत पासवान उर्फ अमृत ने शुक्रवार को सरेंडर किया. हथियार और कारतूस के साथ उसने सरेंडर किया. वर्ष 2018 में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी से यह जुड़ा था. इसके बाद दर्जन भर नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया था. गया, औरंगाबाद समेत कुछ और जिलों में भी नक्सली वारदातों में इसके शामिल होने की बात सामने आई है.

संगठन छोड़कर हो गया था फरार: बताया जा रहा है कि 3 माहीना पहले इसने नक्सली संगठन छोड़ दिया था. संगठन छोड़ने के बाद छत्तीसगढ़ चला गया था. वहां उसने कुछ रोजगार करने की सोची. लेकिन वो सफल नहीं हो सका. इसी बीच उसे किसी से पता चला कि बिहार में सरेंडर करने पर कई योजनाओं का लाभ दिया जाता है. इसके बाद उसने एसएसबी 29वीं वाहिनी से संपर्क साधा तो सरेंडर करने पर होने वाले लाभ के संबंध में उसे पूरी जानकारी दी गई. उसे बताया गया कि मुख्यधारा से जुड़ने के बाद सरकार की बड़ी योजना है. इसके बाद उसने सरेंडर करने का मन बना लिया.

नक्सली एनकाउंटर में था शामिल: सुरक्षाबलों से मिली जानकारी के अनुसार यह कुख्यात नक्सली डुमरिया में सामुदायिक भवन उड़ाने में मुख्य रूप से शामिल था. वहीं डुमरिया में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुए एनकाउंटर और लूटुआ एनकाउंटर में शामिल था. इसके अलावे गया जिले में अनेक नक्सली घटनाओं में संलिप्त रहा है. वहीं, औरंगाबाद में इसके खिलाफ केस दर्ज पाए गए हैं.

"आज बड़ी खुशी का दिन है. जो कि युवा है, आज इसने हमारे सामने यहां वो सरेंडर किया है. बड़ी खुशी है. हम बखूबी जानते हैं कि ये हमारे देश के ही बच्चे हैं. ये गलत चंगुल में फंसे हुए थे. आज इसने बहुत अच्छा फैसला किया है और आज सरेंडर किया है. बिहार सरकार का सरेंडर पॉलिसी के अनुसार उसे सुविधा मिलेगी."- छेरिंग दोरजे, डीआईजी, एसएसबी 29 वीं वाहिनी

"मध्य जोन के सब जोनल कमांडर लक्ष्मीकांत पासवान ने सरेंडर किया है. हथियार और कारतूस के साथ उसने आत्मसमर्पण किया है. 2018 में इसने नक्सली संगठन ज्वाइन किया था. तब प्रलोभन मिला था, कि उसके फैमिली को मदद दी जाएगी और घर चलाने के लिए रुपए भी दिए जाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका. यह नक्सली कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा है. वहीं नक्सली संगठन के वादे से मुकरने के बाद उसने संगठन को छोड़ा और छत्तीसगढ़ चला गया. इसके बाद गया में संपर्क साधा और सरेंडर के बारे में जानकारी ली. पूरी जानकारी मिलने के बाद इसने शुक्रवार को सरेंडर कर दिया. इसके बैंक खाते में ढाई लाख रुपए जाएंगे, जो इनके परिजनों को मिलेगा."- हरप्रीत कौर, एसएसपी, गया

ये भी पढ़ें- गया: हॉर्डकोर नक्सली ने किया सरेंडर, बोला- 'संगठन में होता था बहुत शोषण'

गया: बिहार के गया में माओवादी संगठन के मध्य जोन के सब जोनल कमांडर लक्ष्मीकांत पासवान उर्फ अमृत ने सरेंडर कर दिया (Naxalite sub zonal commander surrenders in Gaya) है. गया एसएसपी हरप्रीत कौर और एसएसबी 29वीं वाहिनी डीआईजी छेरिंग दोरजे, कमांडेंट एचके गुप्ता के समक्ष कुख्यात नक्सली ने आत्मसमर्पण किया. यह प्रेशर आईईडी प्लांट करने का एक्सपर्ट है, जिसे नक्सली जंगल में सुरक्षाबलों से बचने के लिए चप्पे-चप्पे पर बिछा देते हैं.

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सुरक्षा बलों के साथ हुए कई मुठभेड़ों में था शामिल: जानकारी के अनुसार मध्य जोन के सब जोनल कमांडर (छकरबंधा) लक्ष्मीकांत पासवान उर्फ अमृत ने शुक्रवार को सरेंडर किया. हथियार और कारतूस के साथ उसने सरेंडर किया. वर्ष 2018 में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी से यह जुड़ा था. इसके बाद दर्जन भर नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया था. गया, औरंगाबाद समेत कुछ और जिलों में भी नक्सली वारदातों में इसके शामिल होने की बात सामने आई है.

संगठन छोड़कर हो गया था फरार: बताया जा रहा है कि 3 माहीना पहले इसने नक्सली संगठन छोड़ दिया था. संगठन छोड़ने के बाद छत्तीसगढ़ चला गया था. वहां उसने कुछ रोजगार करने की सोची. लेकिन वो सफल नहीं हो सका. इसी बीच उसे किसी से पता चला कि बिहार में सरेंडर करने पर कई योजनाओं का लाभ दिया जाता है. इसके बाद उसने एसएसबी 29वीं वाहिनी से संपर्क साधा तो सरेंडर करने पर होने वाले लाभ के संबंध में उसे पूरी जानकारी दी गई. उसे बताया गया कि मुख्यधारा से जुड़ने के बाद सरकार की बड़ी योजना है. इसके बाद उसने सरेंडर करने का मन बना लिया.

नक्सली एनकाउंटर में था शामिल: सुरक्षाबलों से मिली जानकारी के अनुसार यह कुख्यात नक्सली डुमरिया में सामुदायिक भवन उड़ाने में मुख्य रूप से शामिल था. वहीं डुमरिया में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुए एनकाउंटर और लूटुआ एनकाउंटर में शामिल था. इसके अलावे गया जिले में अनेक नक्सली घटनाओं में संलिप्त रहा है. वहीं, औरंगाबाद में इसके खिलाफ केस दर्ज पाए गए हैं.

"आज बड़ी खुशी का दिन है. जो कि युवा है, आज इसने हमारे सामने यहां वो सरेंडर किया है. बड़ी खुशी है. हम बखूबी जानते हैं कि ये हमारे देश के ही बच्चे हैं. ये गलत चंगुल में फंसे हुए थे. आज इसने बहुत अच्छा फैसला किया है और आज सरेंडर किया है. बिहार सरकार का सरेंडर पॉलिसी के अनुसार उसे सुविधा मिलेगी."- छेरिंग दोरजे, डीआईजी, एसएसबी 29 वीं वाहिनी

"मध्य जोन के सब जोनल कमांडर लक्ष्मीकांत पासवान ने सरेंडर किया है. हथियार और कारतूस के साथ उसने आत्मसमर्पण किया है. 2018 में इसने नक्सली संगठन ज्वाइन किया था. तब प्रलोभन मिला था, कि उसके फैमिली को मदद दी जाएगी और घर चलाने के लिए रुपए भी दिए जाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका. यह नक्सली कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा है. वहीं नक्सली संगठन के वादे से मुकरने के बाद उसने संगठन को छोड़ा और छत्तीसगढ़ चला गया. इसके बाद गया में संपर्क साधा और सरेंडर के बारे में जानकारी ली. पूरी जानकारी मिलने के बाद इसने शुक्रवार को सरेंडर कर दिया. इसके बैंक खाते में ढाई लाख रुपए जाएंगे, जो इनके परिजनों को मिलेगा."- हरप्रीत कौर, एसएसपी, गया

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