ETV Bharat / state

पंचायत चुनाव के पूर्व नक्सलियों की आहट, बिहार में बड़ी साजिश हुई थी नाकाम

पंचायत चुनाव को लेकर इन दिनों नक्सली संगठन की गतिविधि तेज हो गई है. बता दें कि छकरबंधा के जंगल में सीआरपीएफ और कोबरा की टीम ने 83 बारूदों को नष्ट किया था.

आदित्य कुमार, एसएसपी
आदित्य कुमार, एसएसपी
author img

By

Published : Mar 3, 2021, 8:17 AM IST

गया: बिहार का गया जिला मोक्ष और ज्ञान की धरती से जाना जाता है. लेकिन 90 के दशक से यह जिला लाल आतंक के लिए विख्यात है. जिले में 90 के दशक से लेकर अभी तक नक्सलियों का दबदबा कायम है. हर चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए नक्सली हिंसात्मक घटनाओं का अंजाम देते रहते हैं. पंचायत चुनाव के पूर्व नक्सली बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे. लेकिन सुरक्षाबलों ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया. लेकिन आज भी नक्सली जंगली इलाकों में पंचायत चुनाव में अपना दबदबा बनाये रखने के लिए रणनीति बना रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: चौकीदारों का बड़ा आरोप- शराब की सूचना देने पर भी थाना प्रभारी नहीं करते कार्रवाई

83 बारूदी सुरंग किया गया नष्ट
दरअसल, छकरबंधा के जंगल में सीआरपीएफ और कोबरा की टीम ने सर्च के दौरान 83 बारूदी सुरंगों को नष्ट किया था. यह बारूदी सुरंग गया और औरंगाबाद जिले को जोड़ने वाली सड़क पर लगाया गया था. नक्सली पंचायत चुनाव के पूर्व बड़ी घटना को अंजाम देकर पूर्व की भांति अपना दबदबा बनाना चाहते थे.

गया जिले के नक्सल और जंगल क्षेत्रों में सर्च अभियान जारी है. इस अभियान के तहत जोरदार तरीके काम किया जा रहा है. पंचायत चुनाव को लेकर हमलोग अपने प्लान पर काम करते रहेंगे. -आदित्य कुमार, एसएसपी

देखें रिपोर्ट.

नक्सलियों का खौफ हो रहा कम
नक्सल जानकार बताते हैं कि नक्सलियों के लिए पंचायत चुनाव बड़ा अहम रखता है. पूरे गांव में सड़क और बिजली पहुंचने से लोग सरकार के प्रति काफी जागरूक हो रहे हैं. ऐसे में नक्सलियों का खौफ भी कम हो रहा है. नक्सली संगठनों ने लोगों तक पहुंचने के लिए जिस चुनाव का विरोध करते थे, आज उसी चुनाव में अपने लोगों को उम्मीदवार बनाते हैं. आज भी जिले में कई मुखिया का बैकग्राउंड नक्स्ल से जुड़ा हुआ है.

ये भी पढ़ें: नीतीश कैबिनेट की बैठक में 48 एजेंडों पर लगी मुहर

10 जवान हुए थे शहीद
गौरतलब है कि गया जिले में 2020 में आयोजित विधानसभा चुनाव में नक्सलियों का एक नहीं चल सका था. नक्सली सुरक्षाबलों के आगे घुटने टेक दिया था. लेकिन इस पूर्व के चुनाव के पन्ने पलटे गए तो, नक्सलियों ने चुनाव में खूब खून बहाया है. जिले में साल 2020 से लेकर अब तक कई सुरंगों और आईडी को सुरक्षा बलों ने नष्ट किया है. 23 मार्च 2020 को सीआरपीएफ और कोबरा की टीम ने सीरियल तरीके से लगाए गए 64 आईडी बम को डिफ्यूज किया था. 8 मार्च 2020 को दो आईडी बम, 29 अगस्त 2020 को तीन आईडी, 31 दिसंबर 2020 को गोबरदाह जंगल में तीन आईडी का पता लगाकर डिफ्यूज किया था. वहीं जिला के सोनदाहा डुमरीनाला जंगल में 19 जुलाई 2016 को मुठभेड़ और बारूदी सुरंग विस्फोट में कोबरा के दस जवान शहीद हो गए थे.

गया: बिहार का गया जिला मोक्ष और ज्ञान की धरती से जाना जाता है. लेकिन 90 के दशक से यह जिला लाल आतंक के लिए विख्यात है. जिले में 90 के दशक से लेकर अभी तक नक्सलियों का दबदबा कायम है. हर चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए नक्सली हिंसात्मक घटनाओं का अंजाम देते रहते हैं. पंचायत चुनाव के पूर्व नक्सली बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे. लेकिन सुरक्षाबलों ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया. लेकिन आज भी नक्सली जंगली इलाकों में पंचायत चुनाव में अपना दबदबा बनाये रखने के लिए रणनीति बना रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: चौकीदारों का बड़ा आरोप- शराब की सूचना देने पर भी थाना प्रभारी नहीं करते कार्रवाई

83 बारूदी सुरंग किया गया नष्ट
दरअसल, छकरबंधा के जंगल में सीआरपीएफ और कोबरा की टीम ने सर्च के दौरान 83 बारूदी सुरंगों को नष्ट किया था. यह बारूदी सुरंग गया और औरंगाबाद जिले को जोड़ने वाली सड़क पर लगाया गया था. नक्सली पंचायत चुनाव के पूर्व बड़ी घटना को अंजाम देकर पूर्व की भांति अपना दबदबा बनाना चाहते थे.

गया जिले के नक्सल और जंगल क्षेत्रों में सर्च अभियान जारी है. इस अभियान के तहत जोरदार तरीके काम किया जा रहा है. पंचायत चुनाव को लेकर हमलोग अपने प्लान पर काम करते रहेंगे. -आदित्य कुमार, एसएसपी

देखें रिपोर्ट.

नक्सलियों का खौफ हो रहा कम
नक्सल जानकार बताते हैं कि नक्सलियों के लिए पंचायत चुनाव बड़ा अहम रखता है. पूरे गांव में सड़क और बिजली पहुंचने से लोग सरकार के प्रति काफी जागरूक हो रहे हैं. ऐसे में नक्सलियों का खौफ भी कम हो रहा है. नक्सली संगठनों ने लोगों तक पहुंचने के लिए जिस चुनाव का विरोध करते थे, आज उसी चुनाव में अपने लोगों को उम्मीदवार बनाते हैं. आज भी जिले में कई मुखिया का बैकग्राउंड नक्स्ल से जुड़ा हुआ है.

ये भी पढ़ें: नीतीश कैबिनेट की बैठक में 48 एजेंडों पर लगी मुहर

10 जवान हुए थे शहीद
गौरतलब है कि गया जिले में 2020 में आयोजित विधानसभा चुनाव में नक्सलियों का एक नहीं चल सका था. नक्सली सुरक्षाबलों के आगे घुटने टेक दिया था. लेकिन इस पूर्व के चुनाव के पन्ने पलटे गए तो, नक्सलियों ने चुनाव में खूब खून बहाया है. जिले में साल 2020 से लेकर अब तक कई सुरंगों और आईडी को सुरक्षा बलों ने नष्ट किया है. 23 मार्च 2020 को सीआरपीएफ और कोबरा की टीम ने सीरियल तरीके से लगाए गए 64 आईडी बम को डिफ्यूज किया था. 8 मार्च 2020 को दो आईडी बम, 29 अगस्त 2020 को तीन आईडी, 31 दिसंबर 2020 को गोबरदाह जंगल में तीन आईडी का पता लगाकर डिफ्यूज किया था. वहीं जिला के सोनदाहा डुमरीनाला जंगल में 19 जुलाई 2016 को मुठभेड़ और बारूदी सुरंग विस्फोट में कोबरा के दस जवान शहीद हो गए थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.