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लॉकडाउन से बोधगया में छाया सन्नाटा, पर्यटन व्यवसाय को एक अरब से ज्यादा के नुकसान का अनुमान

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Published : Jun 4, 2020, 8:01 AM IST

आठ जून से मंदिरों को खोलने की घोषणा को लेकर बोधगया के व्यापारियों में खुशी की लहर है. खासकर फुटकर और छोटे दुकानदार आठ जून का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

बोधगया
बोधगया

गयाः बोधगया भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली के रूप में विश्व प्रसिद्ध है. यहां पूरे विश्व के लोग भगवान बुद्ध की प्रतिमा और बोधि वृक्ष का दर्शन करने आते हैं. कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया था. जिसकी वजह से बोधगया के पर्यटन व्यापार में काफी घटा हुआ है. अनुमान के मुताबिक 70 दिनों में इससे एक अरब से ज्यादा का नुकसान हुआ है.

पर्यटकों के आने के समय था लॉकडाउन
विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर और बोधि वृक्ष का दर्शन बौद्ध धर्मावलंबियों के जीवन के लिए खास होता है. विश्व के बौद्धिस्ट के लिए महाबोधि मंदिर मक्का मदीना जैसा है. पूरे विश्व से बौद्ध अनुयायी बोधगया आते हैं. श्रदालुओं और पर्यटकों के आने के वक्त में कोरोना वायरस महामारी की वजह से लॉकडाउन लागू कर दिया गया. जिसके कारण बोधगया में खासकर फुटकर दुकानदार, होटल संचालक और टूर एंड ट्रैवेलस कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है.

बोधगया के होटल्स
बोधगया के होटल्स

कोरोना ने चौपट किया पर्यटन व्यवसाय
बोधगया के प्रसिद्ध बिजनेस मैन विवेक कल्याण ने बताया कि हमारा बोधगया में तीन व्यवसाय पर्यटकों से जुड़ा हुआ है. फरवरी से पर्यटकों के आने का सिलसिला कम हुआ और मार्च में लॉकडाउन लगने से पूरे बोधगया में मेरे आंकलन के मुताबिक एक अरब का नुकसान हुआ है. कोरोना बोधगया के पर्यटन व्यवसाय को दो साल के लिए निगल गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

होटल संचालकों को भारी नुकसान
वहीं, इस संबंध में बोधगया होटल एसोसिएशन के सचिव सुदामा कुमार ने बताया कि मेरे आंकलन से बोधगया में 80 करोड़ से एक अरब तक का नुकसान हुआ है. होटल संचालकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है और आगे भी करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि भारी नुकसान होने की आशंका इसलिए ज्यादा है, क्योंकि कोरोना वायरस दो दिन में खत्म नहीं होगा. इस साल तक इससे खतरा रहेगा. 2021 में भी विदेशी पर्यटक नहीं आ पाएंगे. इसी वजह से होटलों को पूरे दो साल नुकसान झेलना पड़ेगा.

ये भी पढ़ेंः BHU के छात्रों ने बिहार के मुंगेर विश्वविद्यालय को दी नई पहचान

व्यापारियों में खुशी की लहर
हालांकि आठ जून से मंदिरों को खोलने की घोषणा को लेकर बोधगया के व्यापारियों में खुशी की लहर है. खासकर फुटकर और छोटे दुकानदार आठ जून का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. बता दें कि बोधगया में छोटे और बड़े होटलों की संख्या 200 से अधिक है. वहीं, फुटकर दुकानों की अनुमानित संख्या 500 से अधिक है. बोधगया में रेस्टोरेंट 50 से 70 के बीच में हैं. छोटे कपड़े और किराना दुकान भी 50 की संख्या में हैं.

गयाः बोधगया भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली के रूप में विश्व प्रसिद्ध है. यहां पूरे विश्व के लोग भगवान बुद्ध की प्रतिमा और बोधि वृक्ष का दर्शन करने आते हैं. कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया था. जिसकी वजह से बोधगया के पर्यटन व्यापार में काफी घटा हुआ है. अनुमान के मुताबिक 70 दिनों में इससे एक अरब से ज्यादा का नुकसान हुआ है.

पर्यटकों के आने के समय था लॉकडाउन
विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर और बोधि वृक्ष का दर्शन बौद्ध धर्मावलंबियों के जीवन के लिए खास होता है. विश्व के बौद्धिस्ट के लिए महाबोधि मंदिर मक्का मदीना जैसा है. पूरे विश्व से बौद्ध अनुयायी बोधगया आते हैं. श्रदालुओं और पर्यटकों के आने के वक्त में कोरोना वायरस महामारी की वजह से लॉकडाउन लागू कर दिया गया. जिसके कारण बोधगया में खासकर फुटकर दुकानदार, होटल संचालक और टूर एंड ट्रैवेलस कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है.

बोधगया के होटल्स
बोधगया के होटल्स

कोरोना ने चौपट किया पर्यटन व्यवसाय
बोधगया के प्रसिद्ध बिजनेस मैन विवेक कल्याण ने बताया कि हमारा बोधगया में तीन व्यवसाय पर्यटकों से जुड़ा हुआ है. फरवरी से पर्यटकों के आने का सिलसिला कम हुआ और मार्च में लॉकडाउन लगने से पूरे बोधगया में मेरे आंकलन के मुताबिक एक अरब का नुकसान हुआ है. कोरोना बोधगया के पर्यटन व्यवसाय को दो साल के लिए निगल गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

होटल संचालकों को भारी नुकसान
वहीं, इस संबंध में बोधगया होटल एसोसिएशन के सचिव सुदामा कुमार ने बताया कि मेरे आंकलन से बोधगया में 80 करोड़ से एक अरब तक का नुकसान हुआ है. होटल संचालकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है और आगे भी करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि भारी नुकसान होने की आशंका इसलिए ज्यादा है, क्योंकि कोरोना वायरस दो दिन में खत्म नहीं होगा. इस साल तक इससे खतरा रहेगा. 2021 में भी विदेशी पर्यटक नहीं आ पाएंगे. इसी वजह से होटलों को पूरे दो साल नुकसान झेलना पड़ेगा.

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व्यापारियों में खुशी की लहर
हालांकि आठ जून से मंदिरों को खोलने की घोषणा को लेकर बोधगया के व्यापारियों में खुशी की लहर है. खासकर फुटकर और छोटे दुकानदार आठ जून का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. बता दें कि बोधगया में छोटे और बड़े होटलों की संख्या 200 से अधिक है. वहीं, फुटकर दुकानों की अनुमानित संख्या 500 से अधिक है. बोधगया में रेस्टोरेंट 50 से 70 के बीच में हैं. छोटे कपड़े और किराना दुकान भी 50 की संख्या में हैं.

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