गया: चंद हफ्तों पहले ही मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे. लेकिन रविवार को इस अस्पताल में एक मार्मिक घटना ने इसकी पोल खोल दी. यहां एक गरीब परिवार अपने बीमार बच्चे को लेकर तकरीबन 12 घंटे तक अस्पताल परिसर में भटकता रहा. लेकिन, कोई उसकी मदद को नहीं आया. बच्चे को तेज बुखार की शिकायत थी.
बच्चे को गोद में उठाकर भटकते रहे परिजन
मामला मगध क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल का है. जहां एईएस के संदिग्ध मरीज को 12 घंटों तक इलाज नहीं मिला. बच्चे के परिजन जब डॉक्टर और नर्स के पास जाते तो उन्हें डांट कर भगा दिया जाता था. बाद में जब वहां मौजूद मीडियाकर्मियों ने पहल की तो उपाधीक्षक ने मरीज को चमकी के लिए बने इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करवाया.
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रात 2 बजे से अगले दिन 3 बजे तक तपता रहा बच्चा
परिजन बच्चे को चमकी का संदिग्ध समझकर रात 2 बजे ही अस्पताल लेकर भागे. परिजनों का कहना है कि बच्चे को काफी तेज बुखार था. लेकिन, अस्पताल प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेने की बजाए उन्हें भगा दिया. बाद में बहुत कहने पर बच्चे को जनरल वार्ड में रखा गया. लेकिन, कोई डॉक्टर या नर्स उसकी सुध लेने को नहीं पहुंचा. दूसरे दिन दोपहर में जब बच्चे की हालत बिगड़ने लगी तो परिजनों ने प्रबंधन से डिस्चार्ज पेपर मांगे. वह भी उन्हें नहीं दिया गया.
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मीडियाकर्मियों के हंगामे के बाद पहुंचे उपाधीक्षक
परिजन बच्चे को गोद लेकर मदद के लिए गुहार लगा रहे थे. तब वहां मौजूद मीडियाकर्मियों ने उपाधीक्षक को जवाब-तलब किया. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया और बच्चे को एईएस के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया.
अस्पताल में कुव्यवस्था की तस्वीरें आई सामने
मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बहाल डॉक्टर और नर्स की लापरवाही साफ देखी जा सकती है. मरीजों के लिए वर्तमान में केवल 14 डॉक्टर कार्यरत हैं. पड़ताल के दौरान भी एईएस के इमरजेंसी वार्ड में एक भी डॉक्टर नजर नहीं आये. वार्ड में लगा एसी भी बंद नजर आया. 30 बेड का आईसीयू होने के बावजूद भी मरीजों को इमरजेंसी वार्ड में रखा जा रहा है.