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नक्सल प्रभावित गया की मधुमाला ने मैट्रिक परीक्षा में हासिल किया 10वां रैंक - सोनपुरा गांव

मधुमाला ने पूरे बिहार में दसवां और जिले में पहला रैंक हासिल किया है. इसके बाद से ही उसके घर में खुशी की लहर है. मधु बड़ी होकर पुलिस इंस्पेक्टर बनना चाहती है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र की मधुमाला की इस सफलता और उसके आगे के लक्ष्य की जमकर तारीफ हो रही है.

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Published : May 26, 2020, 8:54 PM IST

गया: जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में डुमरिया प्रखण्ड के कोल्हुबार पंचायत की सोनपुरा गांव निवासी मधुमाला ने बिहार बोर्ड परीक्षा में दसवां रैंक हासिल किया है. उदय कुमार की दूसरी बेटी मधु ने 471 अंक लाकर ये मुकाम हासिल किया है. उसके पिता उदय कुमार हरियाणा की एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं.

घर पर रहकर ही पूरी की परीक्षा की तैयारी
मधुमाला ने खुद की लगन और मेहनत से ये सफलता पायी है. वो किसान उच्च विद्यालय शिवनगर देवचन्डीह की छात्रा हैं. अपनी सफलता पर मधु बताती है कि घर पर रहकर ही पढ़ाई पूरी की और अब परीक्षा में अच्छा अंक ला सकी हूं. रोज सुबह सोनपुरा से देवचन्डीह पांच किलोमीटर साइकिल चलाकर अपने स्कूल जाती थी. तीन बहनों और एक भाई में वो घर की दूसरी बेटी है. बेहद साधारण परिवार की बेटी मधु के पास किसी कोचिंग का सहारा नहीं था, और न हीं अच्छे प्रकाशन की किताबें लेने का आर्थिक सामर्थ्य था. इसीलिए उसने अपने गांव के भाई की मदद से परीक्षा की तैयारी पूरी की.

gaya
मधुमाला को मिठाई खिलाते उसके माता-पिता

बड़ी होकर पुलिस इंस्पेक्टर बनना चाहती है मधुमाला
मधुमाला ने पूरे बिहार में दसवां और जिले में पहला रैंक हासिल किया है. इसके बाद से ही उसके घर में खुशी की लहर है. मधु बड़ी होकर पुलिस इंस्पेक्टर बनना चाहती है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र की मधुमाला की इस सफलता और उसके आगे के लक्ष्य की जमकर तारीफ हो रही है. बता दें कि इस बार कुल 80.59% विद्यार्थी पास हुए हैं. इनमें से 4 लाख 03 हजार 392 विद्यार्थी प्रथम डिवीजन में, 52 लाख 4 हजार 217 सेकेंड डिवीजन में और 2 लाख 75 हजार 402 थर्ड डिवीजन में पास हुए हैं.दसवीं की परीक्षा में कुछ 12 लाख 2 हजार 30 विद्यार्थी पास हुए हैं.

गया: जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में डुमरिया प्रखण्ड के कोल्हुबार पंचायत की सोनपुरा गांव निवासी मधुमाला ने बिहार बोर्ड परीक्षा में दसवां रैंक हासिल किया है. उदय कुमार की दूसरी बेटी मधु ने 471 अंक लाकर ये मुकाम हासिल किया है. उसके पिता उदय कुमार हरियाणा की एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं.

घर पर रहकर ही पूरी की परीक्षा की तैयारी
मधुमाला ने खुद की लगन और मेहनत से ये सफलता पायी है. वो किसान उच्च विद्यालय शिवनगर देवचन्डीह की छात्रा हैं. अपनी सफलता पर मधु बताती है कि घर पर रहकर ही पढ़ाई पूरी की और अब परीक्षा में अच्छा अंक ला सकी हूं. रोज सुबह सोनपुरा से देवचन्डीह पांच किलोमीटर साइकिल चलाकर अपने स्कूल जाती थी. तीन बहनों और एक भाई में वो घर की दूसरी बेटी है. बेहद साधारण परिवार की बेटी मधु के पास किसी कोचिंग का सहारा नहीं था, और न हीं अच्छे प्रकाशन की किताबें लेने का आर्थिक सामर्थ्य था. इसीलिए उसने अपने गांव के भाई की मदद से परीक्षा की तैयारी पूरी की.

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मधुमाला को मिठाई खिलाते उसके माता-पिता

बड़ी होकर पुलिस इंस्पेक्टर बनना चाहती है मधुमाला
मधुमाला ने पूरे बिहार में दसवां और जिले में पहला रैंक हासिल किया है. इसके बाद से ही उसके घर में खुशी की लहर है. मधु बड़ी होकर पुलिस इंस्पेक्टर बनना चाहती है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र की मधुमाला की इस सफलता और उसके आगे के लक्ष्य की जमकर तारीफ हो रही है. बता दें कि इस बार कुल 80.59% विद्यार्थी पास हुए हैं. इनमें से 4 लाख 03 हजार 392 विद्यार्थी प्रथम डिवीजन में, 52 लाख 4 हजार 217 सेकेंड डिवीजन में और 2 लाख 75 हजार 402 थर्ड डिवीजन में पास हुए हैं.दसवीं की परीक्षा में कुछ 12 लाख 2 हजार 30 विद्यार्थी पास हुए हैं.

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