ETV Bharat / state

गया: पुलिस लाइन में मूलभूत सुविधाओं की है घोर कमी, महिला कर्मियों के लिए नहीं है बैरक - गया पुलिस लाइन

पुलिस लाइन में बिहार सरकार और पुलिस विभाग के द्वारा व्यवस्था नगण्य है. पुलिस विभाग में 350 महिलाओं की बहाली की गई है. लेकिन गया पुलिस लाइन में महिलाओं के रहने के लिए बैरक नहीं है.

lack of basic facilities in gaya police line
पुलिस लाइन में मूलभूत सुविधाओं की है कमी
author img

By

Published : Jan 11, 2020, 11:35 AM IST

गया: जिले के पुलिस लाइन में मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी है. एक हजार पुलिसकर्मियों के रहने की जगह में लगभग 3600 पुलिसकर्मी रहते हैं. 2 नवंबर 2018 पटना पुलिस लाइन का पुलिस विद्रोह हर किसी की जेहन में होगा. महिला पुलिसकर्मी की मौत और मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर भारी संख्या में पुलिस ने बवाल मचाया था. इस बवाल के बाद भी प्रदेश में पुलिस जवान के लिए समुचित व्यवस्था नहीं की गई है. गया पुलिस लाइन इसका सबूत दे रहा है. यहां जवानों के रहने के लिए ना ही पर्याप्त बैरक है, ना ही शौचालय और ना मेस की सुविधा है.

lack of basic facilities in gaya police line
शौचालय की है कमी

महिला पुलिसकर्मी के लिए नहीं है बैरक
पुलिस लाइन में बिहार सरकार और पुलिस विभाग के द्वारा व्यवस्था नगण्य है. पुलिस विभाग में 350 महिलाओं की बहाली की गई है. लेकिन गया पुलिस लाइन में महिलाओं के रहने के लिए बैरक नहीं है. हथियार रखने वाले दो तल्ला के भवन में वर्तमान में लगभग 600 महिला पुलिसकर्मी रह रहीं हैं. 100 कमरे का बन रहा भवन भी पांच साल से बन रहा है. विभाग ने पत्र लिखकर मांग की है कि कम से कम महिला बैरक 400 बेड का होना चाहिए.

देखें ये रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: अररिया: अपराधियों ने व्यवसायी को दिनदहाड़े मारी गोली, हालत नाजुक

शौचालय की है कमी
पुलिस लाइन के जवानों ने बताया कि यहां शौचालय की बहुत दिक्कत है. पुराने जमाने का शौचालय है, वो भी संख्या के हिसाब से बहुत कम है. ठंड में भी खुले में नहाते हैं. पूरा जवान जिस दिन पुलिस लाइन में आ जाता है, उस दिन बरामदे में भी सोने की जगह नहीं मिलती है. उन्होंने बताया कि यहां सालों से सफाईकर्मी और कुक की बहाली नहीं हुई है. सफाईकर्मी नहीं होने से गन्दगी का अंबार लगा रहता है. पुलिस मेन्स एसोसिएशन की ओर से पहल कर पीने और नहाने के लिए बोरिंग की व्यवस्था की गई है. लेकिन जवान उस पानी को नहीं पीते हैं. पुलिस लाइन के जवान बाहर से लाकर पानी पीते हैं.

गया: जिले के पुलिस लाइन में मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी है. एक हजार पुलिसकर्मियों के रहने की जगह में लगभग 3600 पुलिसकर्मी रहते हैं. 2 नवंबर 2018 पटना पुलिस लाइन का पुलिस विद्रोह हर किसी की जेहन में होगा. महिला पुलिसकर्मी की मौत और मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर भारी संख्या में पुलिस ने बवाल मचाया था. इस बवाल के बाद भी प्रदेश में पुलिस जवान के लिए समुचित व्यवस्था नहीं की गई है. गया पुलिस लाइन इसका सबूत दे रहा है. यहां जवानों के रहने के लिए ना ही पर्याप्त बैरक है, ना ही शौचालय और ना मेस की सुविधा है.

lack of basic facilities in gaya police line
शौचालय की है कमी

महिला पुलिसकर्मी के लिए नहीं है बैरक
पुलिस लाइन में बिहार सरकार और पुलिस विभाग के द्वारा व्यवस्था नगण्य है. पुलिस विभाग में 350 महिलाओं की बहाली की गई है. लेकिन गया पुलिस लाइन में महिलाओं के रहने के लिए बैरक नहीं है. हथियार रखने वाले दो तल्ला के भवन में वर्तमान में लगभग 600 महिला पुलिसकर्मी रह रहीं हैं. 100 कमरे का बन रहा भवन भी पांच साल से बन रहा है. विभाग ने पत्र लिखकर मांग की है कि कम से कम महिला बैरक 400 बेड का होना चाहिए.

देखें ये रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: अररिया: अपराधियों ने व्यवसायी को दिनदहाड़े मारी गोली, हालत नाजुक

शौचालय की है कमी
पुलिस लाइन के जवानों ने बताया कि यहां शौचालय की बहुत दिक्कत है. पुराने जमाने का शौचालय है, वो भी संख्या के हिसाब से बहुत कम है. ठंड में भी खुले में नहाते हैं. पूरा जवान जिस दिन पुलिस लाइन में आ जाता है, उस दिन बरामदे में भी सोने की जगह नहीं मिलती है. उन्होंने बताया कि यहां सालों से सफाईकर्मी और कुक की बहाली नहीं हुई है. सफाईकर्मी नहीं होने से गन्दगी का अंबार लगा रहता है. पुलिस मेन्स एसोसिएशन की ओर से पहल कर पीने और नहाने के लिए बोरिंग की व्यवस्था की गई है. लेकिन जवान उस पानी को नहीं पीते हैं. पुलिस लाइन के जवान बाहर से लाकर पानी पीते हैं.

Intro:गया जिला जिस पुलिस के भरोसे अमन चैन से सोता है उसके लिए सोने का व्यवस्था नही है, ईटीवी भारत ने पुलिस लाइन की पड़ताल किया तो वहाँ मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। 1000 पुलिसकर्मियों रहने के जगह में लगभग 3600 पुलिसकर्मी रहते हैं।


Body:आपको बता दे 2 नवंबर 2018 पटना पुलिस लाइन का पुलिस विद्रोह हर कोई के जेहन में होगा , महिला पुलिसकर्मी की मौत और मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर भारी संख्या में पुलिस ने बवाल मचाया था। इस बवाल के बाद भी प्रदेश में पुलिस जवान के लिए समुचित व्यवस्था नही किया गया। गया पुलिस लाइन इसका सबूत दे रहा है। यहां जवानों के रहने के लिए ना ही पर्याप्त बैरक है ना ही शौचालय और ना मेस हैं।

ईटीवी भारत गया पुलिस लाइन में जवानों के रहने का व्यवस्था देखने गया था, बिहार सरकार और पुलिस विभाग के द्वारा व्यवस्था नगण्य हैं। पुलिस विभाग में इधर 350 महिलाओं का बहाली किया गया लेकिन गया पुलिस लाइन में महिलाओं के रहने का बैरक नही है हथियार रखनेवाला दो तल्ला के भवन में वर्तमान में लगभग 600 महिला पुलिस कर्मी रही है। 100 कमरे का बन रहा भवन भी पाँचो साल से बन रहा है। विभाग में पत्र भेजकर मांग किया गया कम से कम महिला बैरक 400 बेड का होना चाहिए।

बाइट-मंटू कुमार पासवान,पुलिस मेन्स एसोसिएशन सचिव

पुलिस लाइन के जवानों ने बताया यहां शौचालय का बहुत दिक्कत है , पुराने जमाने का शौचालय हैं वो भी संख्या के हिसाब से बहुत कम है। मात्र आठ से दस शौचालय हैं। हमलोग इस ठंड में भी खुले में नहाते है। पूरा जवान जिस दिन पुलिस लाइन में आ जाता है बरामदे में भी सोने का जगह नही मिलता हैं । यहां वर्षो से सफाईकर्मी और कूक बहाली नही हुआ है। सफाईकर्मी नही होने से गन्दगी अंबार लगा रहता है दूसरा कुक नही रहने से निजी कुक हमलोगों ने रखा है।

बाइट-1.रामदास यादव,हवलदार
2.गरीब तांती,हवलदार



Conclusion:हालांकि पुलिस मेन्स एसोसिएशन द्वारा पहल कर पीने और नहाने के लिए बोरिंग का व्यवस्था किया गया है लेकिन जवान उस पानी को नही पीते हैं। पुलिस लाइन के जवान बाहर से लाकर पानी पीते है।

जो पुलिस के भरोसे हमलोग चैन से सोते हैं लेकिन मूलभूत सुविधाओं के कारण वही जवान चैन के नींद नहीं सो पाते हैं। रहना ,खाना और सोना सभी मे उनको दिक्कतो का सामान करना पड़ता हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.