गया: जिले के पुलिस लाइन में मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी है. एक हजार पुलिसकर्मियों के रहने की जगह में लगभग 3600 पुलिसकर्मी रहते हैं. 2 नवंबर 2018 पटना पुलिस लाइन का पुलिस विद्रोह हर किसी की जेहन में होगा. महिला पुलिसकर्मी की मौत और मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर भारी संख्या में पुलिस ने बवाल मचाया था. इस बवाल के बाद भी प्रदेश में पुलिस जवान के लिए समुचित व्यवस्था नहीं की गई है. गया पुलिस लाइन इसका सबूत दे रहा है. यहां जवानों के रहने के लिए ना ही पर्याप्त बैरक है, ना ही शौचालय और ना मेस की सुविधा है.
महिला पुलिसकर्मी के लिए नहीं है बैरक
पुलिस लाइन में बिहार सरकार और पुलिस विभाग के द्वारा व्यवस्था नगण्य है. पुलिस विभाग में 350 महिलाओं की बहाली की गई है. लेकिन गया पुलिस लाइन में महिलाओं के रहने के लिए बैरक नहीं है. हथियार रखने वाले दो तल्ला के भवन में वर्तमान में लगभग 600 महिला पुलिसकर्मी रह रहीं हैं. 100 कमरे का बन रहा भवन भी पांच साल से बन रहा है. विभाग ने पत्र लिखकर मांग की है कि कम से कम महिला बैरक 400 बेड का होना चाहिए.
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शौचालय की है कमी
पुलिस लाइन के जवानों ने बताया कि यहां शौचालय की बहुत दिक्कत है. पुराने जमाने का शौचालय है, वो भी संख्या के हिसाब से बहुत कम है. ठंड में भी खुले में नहाते हैं. पूरा जवान जिस दिन पुलिस लाइन में आ जाता है, उस दिन बरामदे में भी सोने की जगह नहीं मिलती है. उन्होंने बताया कि यहां सालों से सफाईकर्मी और कुक की बहाली नहीं हुई है. सफाईकर्मी नहीं होने से गन्दगी का अंबार लगा रहता है. पुलिस मेन्स एसोसिएशन की ओर से पहल कर पीने और नहाने के लिए बोरिंग की व्यवस्था की गई है. लेकिन जवान उस पानी को नहीं पीते हैं. पुलिस लाइन के जवान बाहर से लाकर पानी पीते हैं.