गया: देशभर में सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर विरोध हो रहा है. सीपीआई नेता और पूर्व जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने गया के गांधी मैदान में सीएए को लेकर केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सरकार एनआरसी के जरिए घुसपैठियों को रोकने के बजाय अपने ही देश के लोगों को कागज के आधार पर बेघर करने की फिराक में है.
यही नहीं, गृह मंत्रालय द्वारा एक आरटीआई आवेदन के जवाब में 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं होने की बात पर कन्हैया कुमार ने गृहमंत्री अमित शाह झुट्ठा बताया. बता दें कि एक कार्यकर्ता ने दावा किया है कि सूचना के अधिकार कानून के तहत पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास टुकडे-टुकडे गैंग के बारे में कोई जानकारी नहीं है. आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने दिसंबर में मंत्रालय को आवेदन दिया था.
अमित शाह को कन्हैया की चुनौती
कन्हैया कुमार ने अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा कि जब तक हमारी रगों में खून है, तब तक लड़ते रहेंगे. उन्होंने कहा कि अगर अमित शाह एक इंच पीछे नहीं हटे तो उन्हें उनके दोस्त नीरव मोदी के पास पहुंचा देंगे. सीपाआई नेता कन्हैया ने कहा कि इस देश की जनता अब जाग गई है. गृह मंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब आप जितना ताकत लगाना है लगा लो, जनता ने हाथ में तिरंगा थाम लिया है. उन्होंने कहा कि ये तिरंगा हमें किसी ने भीख में नहीं दिया बल्कि हमारे पुरखों ने फांसी चढ़ पर लटक कर इसे हासिल किया है.
JNU छात्र का सरकार पर आरोप
जेएनयू के पूर्व छात्र नेता कन्हैया ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर तुम अंग्रेज बनने के लिए तैयार हो तो हम अश्फाक उल्ला खान बनने के लिए तैयार हैं. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि तुम्हारे पास धन-दौलत है, पुलिस है तो हमारे पास इमान है और हमारा इमान कोई खरीद नहीं सकता है. दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे धरना में कथित महिलाओं के पैसे लेकर प्रदर्शन करनी की बात पर कन्हैया ने कहा कि जिसकी जैसी भावना होती है, उसे वैसी ही सूरत दिखती है. उन्होंने कहा कि जो रैलियों में 500 रुपये लेकर योगी-योगी करने आए थे, उन्हें कभी समझ नहीं आ सकता कि अपने हक की लड़ाई के लिए लोग कैसे लड़ते हैं.
' वोट बैंक की है राजनीति'
कन्हैया कुमार ने कहा कि ये लड़ाई आर पार की लड़ाई है. एक तरफ गोडसे को मामने वाले लोग हैं और दूसरी तरफ हमलोग हैं जो मौलाना अबुल कलाम आजाद और महात्मा गांधी को मानते हैं. कन्हैया ने कहा कि सरकार वोट बैंक की राजनीति करती है.