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भारत-चीन तनाव: बोधगया स्थित चाइना टेंपल में भारतीय पुजारी कर रहे हैं पूजा, स्वदेश लौटे चीनी नागरिक - China temple

गलवान घाटी में भारत-चीन विवाद का असर गया के चाइना टेंपल पर देखने को मिल रहा है. चाइना टेंपल में भगवान बुद्ध की दो प्रहर की पूजा अर्चना भारतीय पुजारी कर रहे हैं.

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Published : Jun 28, 2020, 11:57 AM IST

गया: बोधगया स्थित चाइनीज मन्दिर की पूजा हमेशा चाइनीज बौद्ध भंते करते थे. लेकिन दोनों देशों के बीच आई दरार की वजह से चाइना टेंपल के मंदिर में चाइना के पुजारी पूजा नहीं कर रहे हैं, वे लोग अपने देश लौट गए हैं. अभी चाइनीज मंदिर में भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना हिमाचल प्रदेश और लद्धाख के बौद्घ भंते कर रहे हैं.

चीन विवाद का असर सीधे तौर पर बोधगया में देखने को मिल रहा है. चीनी बौद्ध मोनेस्ट्री से सारे चीनी नागरिक चले गए हैं. वहीं, बोधगया होटल एसोसिएशन ने साफ शब्दों में कह दिया कि बोधगया में किसी चीनी पर्यटकों को रहने के लिए कमरा नहीं देंगे. दुकानदारों की बात करें, तो उन्होंने भी कहा कि अभी जो चाइनीज सामान आ गया है, उसे ही बेच रहे हैं. लेकिन अब चाइनीज सामान बिल्कुल बोधगया के दुकानों में नहीं रहेगा.

आर्थिक नुकसान पहुंचना निश्चित है
इसी तरह रहा तो चीनी समुदाय की तरफ से आयोजित वाटर लैंड पूजा इस साल नहीं हो सकेगा. ये पूजा चीन में बौद्ध धर्म मानने वाले बड़े धूमधाम से मनाते हैं. बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में भी सात दिनों तक पूजा की जाती है. कोरोना काल खत्म होने पर पर्यटन सीजन शुरू हुआ और दोनों देशों के बीच इसी तरह के हालात रहे तो बोधगया के होटलों और दुकानदारों को आर्थिक नुकसान पहुंचना निश्चित है.

गया: बोधगया स्थित चाइनीज मन्दिर की पूजा हमेशा चाइनीज बौद्ध भंते करते थे. लेकिन दोनों देशों के बीच आई दरार की वजह से चाइना टेंपल के मंदिर में चाइना के पुजारी पूजा नहीं कर रहे हैं, वे लोग अपने देश लौट गए हैं. अभी चाइनीज मंदिर में भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना हिमाचल प्रदेश और लद्धाख के बौद्घ भंते कर रहे हैं.

चीन विवाद का असर सीधे तौर पर बोधगया में देखने को मिल रहा है. चीनी बौद्ध मोनेस्ट्री से सारे चीनी नागरिक चले गए हैं. वहीं, बोधगया होटल एसोसिएशन ने साफ शब्दों में कह दिया कि बोधगया में किसी चीनी पर्यटकों को रहने के लिए कमरा नहीं देंगे. दुकानदारों की बात करें, तो उन्होंने भी कहा कि अभी जो चाइनीज सामान आ गया है, उसे ही बेच रहे हैं. लेकिन अब चाइनीज सामान बिल्कुल बोधगया के दुकानों में नहीं रहेगा.

आर्थिक नुकसान पहुंचना निश्चित है
इसी तरह रहा तो चीनी समुदाय की तरफ से आयोजित वाटर लैंड पूजा इस साल नहीं हो सकेगा. ये पूजा चीन में बौद्ध धर्म मानने वाले बड़े धूमधाम से मनाते हैं. बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में भी सात दिनों तक पूजा की जाती है. कोरोना काल खत्म होने पर पर्यटन सीजन शुरू हुआ और दोनों देशों के बीच इसी तरह के हालात रहे तो बोधगया के होटलों और दुकानदारों को आर्थिक नुकसान पहुंचना निश्चित है.

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