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होमगार्ड बहाली का सच! गया में 12 सालों से अभ्यर्थी कर रहे हैं परीक्षा का इंतजार, कब सुनेगी सरकार?

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Published : Dec 18, 2022, 8:14 AM IST

गया जिले के विभिन्न प्रखंडों के ग्रामीण क्षेत्रों से आकर गया शहर में किराए के मकान में रहकर होमगार्ड की नौकरी पाने के लिए विगत कई महीने से तैयारी में लगे हैं लेकिन परीक्षा की तारीख लगातार बढ़ाई जा रही है. इसे लेकर तैयारी कर रहे पुरुष और महिला अभ्यर्थी दोनों ही नाराज हैं और उनमें आक्रोश व्याप्त है.

होमगार्ड बहाली के अभ्यर्थी का सच
होमगार्ड बहाली के अभ्यर्थी का सच
12 सालों से अभ्यर्थी कर रहे हैं परीक्षा का इंतजार

गया: बिहार के गया में 12 साल बीत जाने के बाद भी होमगार्ड अभ्यर्थियों (home guard candidates in Gaya) की बहाली प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. यह बहाली प्रक्रिया 2011 से अधर में है. पिछले कई वर्षों से परीक्षा की तारीख लगातार बढ़ाई जा रही है. जिससे अभ्यर्थी नाराज है. कई अभ्यर्थी उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच गए हैं. जहां उसके बच्चे भी अब सरकारी नौकरी की तलाश में जुट गए है. सरकार की गलत नीतियों के शिकार ये अभ्यर्थी दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी करने को विवश हैं. वहीं ये अभ्यर्थी परीक्षा की तारीख आने का इंतजार (Candidates are waiting for Home Guard exam) कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- होमगार्ड अभ्यर्थियों का राजद ऑफिस के बाहर हंगामा, तैनाती ना मिलने से नाराजगी.

2011 से अटकी है गया में बहाली प्रक्रिया: वर्ष 2011 में केंद्रीय चयन पर्षद बिहार सरकार (Central Selection Board Government of Bihar) के द्वारा होमगार्ड बहाली प्रकिया पूरी की जानी थी. लेकिन अब 2022 खत्म होने को है. ये प्रक्रिया अभी भी अटकी हुई है. सरकार के द्वारा 2022 में ही भर्ती प्रक्रिया पूरी किए जाने की घोषणा की गई थी. लेकिन गया में यह अभी भी ठंडे बस्ते में है. प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण होमगार्ड अभ्यर्थी आक्रोशित हैं और हजारों अभ्यर्थी सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर कर रहै हैं.

बार-बार तैयारी के लिए आना पड़ता है गया: होमगार्ड के अभ्यर्थी धर्मेंद्र कुमार नक्सल प्रभावित डुमरिया क्षेत्र के रहने वाले हैं. वो बताते है कि उसने वर्ष 2011 में होमगार्ड भर्ती के लिए अप्लाई किया था. लेकिन 2011 से अब तक बहाली प्रक्रिया को पूरी नहीं की गई है. 2022 में परीक्षा की तारीख घोषित की गई थी. लेकिन तारीख को अब तक 4 बार बढ़ाया जा चूका है. बिहार में रोजगार न होने के कारण वो दूसरे राज्य में जाकर मजदूरी का काम करते है. लेकिन 6 दिसंबर को परीक्षा की तारीख की घोषणा किए जाने के बाद वो नौकरी छोड़ कर वापस बिहार आ गए और परीक्षा की तैयारी में जुट गए. बाद में 6 दिसंबर को परीक्षा टाल दी गई. जिससे उसे वापस गया छोड़कर नौकरी करने दूसरे राज्य जाना पड़ेगा. बार-बार काम छोड़कर वापस परीक्षा की तैयारी करने और फिर परीक्षा की तारीख के बढ़ जाने से वो परेशान है. होमगार्ड की नौकरी की तलाश करने वाले धर्मेंद्र कुमार का आलम ये हो गया है कि अब उसके बच्चे भी उसके साथ प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं और सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे हैं.

50 किलोमीटर दूर किराए का कमरा लेकर अभ्यर्थी करते हैं तैयारी: वहीं, सतीश कुमार नाम के एक अभ्यर्थी बताते हैं कि वो 50 किलोमीटर दूर आकर गया में किराए का कमरा लेकर रहते हैं और होमगार्ड बहाली की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन बार-बार तारीख बढाए जाने से वो नाराज है. उसने बताया कि अब 2022 में यह बहाली संभव नहीं है, क्योंकि गृह रक्षा वाहिनी विभाग द्वारा और जिला प्रशासन द्वारा बताया जा रहा है कि होमगार्ड बहाली के फिजिकल के लिए जो राशि आवंटित होती थी, वह नहीं हो सकी है. इसके कारण बहाली प्रक्रिया रुकी हुई है. सतीश का सरकार से बस इतना सवाल है कि सरकार उन्हें बताए कि इसमें उसकी क्या गलती है.?

"मैं फ्लिपकार्ट में नौकरी करता हूं. इसके बीच में बार-बार बहाली प्रक्रिया के लिए आ रहे हैं. ऐसे में उनकी यह छोटी सी नौकरी भी प्रभावित हो रही है. सरकार डेट बढ़ा रही है होमगार्ड की भर्ती के लिए काफी परेशान हैं"- सतीश कुमार, होमगार्ड अभ्यर्थी


बच्चों को छोड़कर कर रही हूं तैयारी: होमगार्ड बहाली में देरी का असर केवल पुरुष अभ्यर्थी पर नहीं बल्कि महिला अभ्यर्थियों पर भी हो रहा है. पिझले कई वर्षों से परीक्षा का इंतजार कर रही रूबी कुमारी और नीतू कुमारी बताती है कि वो अपने परिवार और बच्चों को छोड़कर तैयारी में जुटी हुई हैं. वो सरकार से मांग करती है कि जल्द से जल्द बहाली प्रकिया पूरी कर ली जाए नहीं तो सभी सड़क पर उतरने को विवश हो जाएंगे.

गया शहर के गांधी मैदान में अभ्यर्थी रोज बहाते हैं पसीना : भले ही परीक्षा की तारीखों का ऐलान अभी तक नहीं हुआ है. लेकिन अभी भी सैंकड़ों अभ्यर्थी गया जिले के गांधी मैदान पहुंतकर रोज पसीना बहाते हैं. सभी अभ्यर्थी पिछले कई महीनों से फिजिकल की तैयारी में जुटे हुए हैं. जिले के विभिन्न प्रखंडों के रहने वाले अभ्यर्थी होमगार्ड की नौकरी पाने के लिए गया के गांधी मैदान में जयसूर्या फिजिकल एकेडमी के तहत ट्रेनिंग ले रहे हैं.


ये भी पढ़ें- होमगार्ड बहाली में धांधली को लेकर बवाल, अभ्यर्थियों ने की पुलिस पर पत्थरबाजी

12 सालों से अभ्यर्थी कर रहे हैं परीक्षा का इंतजार

गया: बिहार के गया में 12 साल बीत जाने के बाद भी होमगार्ड अभ्यर्थियों (home guard candidates in Gaya) की बहाली प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. यह बहाली प्रक्रिया 2011 से अधर में है. पिछले कई वर्षों से परीक्षा की तारीख लगातार बढ़ाई जा रही है. जिससे अभ्यर्थी नाराज है. कई अभ्यर्थी उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच गए हैं. जहां उसके बच्चे भी अब सरकारी नौकरी की तलाश में जुट गए है. सरकार की गलत नीतियों के शिकार ये अभ्यर्थी दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी करने को विवश हैं. वहीं ये अभ्यर्थी परीक्षा की तारीख आने का इंतजार (Candidates are waiting for Home Guard exam) कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- होमगार्ड अभ्यर्थियों का राजद ऑफिस के बाहर हंगामा, तैनाती ना मिलने से नाराजगी.

2011 से अटकी है गया में बहाली प्रक्रिया: वर्ष 2011 में केंद्रीय चयन पर्षद बिहार सरकार (Central Selection Board Government of Bihar) के द्वारा होमगार्ड बहाली प्रकिया पूरी की जानी थी. लेकिन अब 2022 खत्म होने को है. ये प्रक्रिया अभी भी अटकी हुई है. सरकार के द्वारा 2022 में ही भर्ती प्रक्रिया पूरी किए जाने की घोषणा की गई थी. लेकिन गया में यह अभी भी ठंडे बस्ते में है. प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण होमगार्ड अभ्यर्थी आक्रोशित हैं और हजारों अभ्यर्थी सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर कर रहै हैं.

बार-बार तैयारी के लिए आना पड़ता है गया: होमगार्ड के अभ्यर्थी धर्मेंद्र कुमार नक्सल प्रभावित डुमरिया क्षेत्र के रहने वाले हैं. वो बताते है कि उसने वर्ष 2011 में होमगार्ड भर्ती के लिए अप्लाई किया था. लेकिन 2011 से अब तक बहाली प्रक्रिया को पूरी नहीं की गई है. 2022 में परीक्षा की तारीख घोषित की गई थी. लेकिन तारीख को अब तक 4 बार बढ़ाया जा चूका है. बिहार में रोजगार न होने के कारण वो दूसरे राज्य में जाकर मजदूरी का काम करते है. लेकिन 6 दिसंबर को परीक्षा की तारीख की घोषणा किए जाने के बाद वो नौकरी छोड़ कर वापस बिहार आ गए और परीक्षा की तैयारी में जुट गए. बाद में 6 दिसंबर को परीक्षा टाल दी गई. जिससे उसे वापस गया छोड़कर नौकरी करने दूसरे राज्य जाना पड़ेगा. बार-बार काम छोड़कर वापस परीक्षा की तैयारी करने और फिर परीक्षा की तारीख के बढ़ जाने से वो परेशान है. होमगार्ड की नौकरी की तलाश करने वाले धर्मेंद्र कुमार का आलम ये हो गया है कि अब उसके बच्चे भी उसके साथ प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं और सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे हैं.

50 किलोमीटर दूर किराए का कमरा लेकर अभ्यर्थी करते हैं तैयारी: वहीं, सतीश कुमार नाम के एक अभ्यर्थी बताते हैं कि वो 50 किलोमीटर दूर आकर गया में किराए का कमरा लेकर रहते हैं और होमगार्ड बहाली की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन बार-बार तारीख बढाए जाने से वो नाराज है. उसने बताया कि अब 2022 में यह बहाली संभव नहीं है, क्योंकि गृह रक्षा वाहिनी विभाग द्वारा और जिला प्रशासन द्वारा बताया जा रहा है कि होमगार्ड बहाली के फिजिकल के लिए जो राशि आवंटित होती थी, वह नहीं हो सकी है. इसके कारण बहाली प्रक्रिया रुकी हुई है. सतीश का सरकार से बस इतना सवाल है कि सरकार उन्हें बताए कि इसमें उसकी क्या गलती है.?

"मैं फ्लिपकार्ट में नौकरी करता हूं. इसके बीच में बार-बार बहाली प्रक्रिया के लिए आ रहे हैं. ऐसे में उनकी यह छोटी सी नौकरी भी प्रभावित हो रही है. सरकार डेट बढ़ा रही है होमगार्ड की भर्ती के लिए काफी परेशान हैं"- सतीश कुमार, होमगार्ड अभ्यर्थी


बच्चों को छोड़कर कर रही हूं तैयारी: होमगार्ड बहाली में देरी का असर केवल पुरुष अभ्यर्थी पर नहीं बल्कि महिला अभ्यर्थियों पर भी हो रहा है. पिझले कई वर्षों से परीक्षा का इंतजार कर रही रूबी कुमारी और नीतू कुमारी बताती है कि वो अपने परिवार और बच्चों को छोड़कर तैयारी में जुटी हुई हैं. वो सरकार से मांग करती है कि जल्द से जल्द बहाली प्रकिया पूरी कर ली जाए नहीं तो सभी सड़क पर उतरने को विवश हो जाएंगे.

गया शहर के गांधी मैदान में अभ्यर्थी रोज बहाते हैं पसीना : भले ही परीक्षा की तारीखों का ऐलान अभी तक नहीं हुआ है. लेकिन अभी भी सैंकड़ों अभ्यर्थी गया जिले के गांधी मैदान पहुंतकर रोज पसीना बहाते हैं. सभी अभ्यर्थी पिछले कई महीनों से फिजिकल की तैयारी में जुटे हुए हैं. जिले के विभिन्न प्रखंडों के रहने वाले अभ्यर्थी होमगार्ड की नौकरी पाने के लिए गया के गांधी मैदान में जयसूर्या फिजिकल एकेडमी के तहत ट्रेनिंग ले रहे हैं.


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