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Gaya News: बिहार के गया में खेत से घिरा है स्कूल, 60 साल से पगडंडियों के सहारे आते-जाते हैं छात्र - Guria Primary School

बिहार के गया में कई विद्यालयों की सूरत और सीरत आजादी के कई दशकों बाद भी नहीं बदल सकी है. गया का गुरिया प्राथमिक विद्यालय (Guria Primary School of Gaya) भी इसमें शामिल है. यह विद्यालय चारों ओर से खेत से घिरा है. करीब छह दशक से इस विद्यालय को रास्ता नहीं मिल सका है. बारिश के बीच पढ़ाई बाधित होती है.

गया के स्कूल का हाल
गया के स्कूल का हाल
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Published : Mar 26, 2023, 8:49 PM IST

गया के स्कूल का हाल.

गया: बिहार के गया में एक ऐसा विद्यालय जहां खेत की पगडंडिया (Guria Primary School of Gaya) के सहारे ही बच्चे स्कूल आते-जाते हैं. बारिश में खेत में पानी लग जाने के कारण पढ़ाई रुक जाती है. गया जिले के इमामगंज प्रखंड का प्राथमिक विद्यालय गुरिया चारों ओर खेत से घिरा है. इसके बीच स्कूल है. रास्ते का कोई पता नहीं. ऐसे में विद्यालय आने-जाने के लिए बच्चों का खेतों में बनी पगडंडी ही बनती है. पगडंडी पर चलना बच्चों के लिए खतरनाक होता है. बच्चे गिर कर घायल भी होते रहते हैं.

इसे भी पढ़ेंः मौसम के मुताबिक चलता है गया का ये स्कूल, भवनहीन ही नहीं भूमिहीन भी है इमलियाचक प्राथमिक विद्यालय

"हमारे विद्यालय के लिए रोड बना दीजिए, ताकि हम सभी आराम से विद्यालय में आ सके. अभी हम लोग खेत की पगडंडियों से आते हैं. आने में या जाने में पगडंडी से पैर फिसल जाता है. कपड़े गंदे हो जाते हैं. रोड बना दें तो अच्छा रहेगा"- स्मिता कुमारी, छात्रा

मुख्य मार्ग छोड़ते ही रास्ता बंदः पिछले करीब छह दशक से यह स्थिति बनी हुई है, लेकिन कोई भी अधिकारी या प्रतिनिधि इस समस्या को हल नहीं करा सका. मुख्य मार्ग से करीब 300 से 400 मीटर की दूरी पर विद्यालय स्थित है. मुख्य मार्ग को छोड़ते ही विद्यालय को जाने का कोई रास्ता नहीं है. आश्चर्य है कि आज तक रास्ता नहीं होने को गंभीरता से नहीं लिया गया. यही वजह है कि आज भी विद्यालय आने-जाने के लिए बच्चों, शिक्षकों, अभिभावकों को रास्ता मयस्सर नहीं है.

बरसात में बढ़ जाती परेशानीः बरसात के दिनों में स्थिति एकदम से विकट हो जाती है. पंगडंडी फिसलन भरी हो जाती है. बच्चों के लिए यह बड़ा खतरनाक हो जाता है. ऐसे में स्कूल की पढ़ाई बाधित होती है. इस तरह इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है, लेकिन इस समस्या का हल नहीं निकाला जा रहा है. इस स्कूल की पहचान खेतों से घिरे स्कूल के रूप में होने लगी है. मुख्य सड़क पर विद्यालय का किचन है. यहां से कई सौ मीटर की दूरी पर विद्यालय स्थित है.

बच्चों के कारण होता है विवादः चारों ओर खेत से घिरे इस विद्यालय के बच्चे खेलने के क्रम में विद्यालय परिसर में लगे खेतों में भी उतर जाते हैं. खेत के मालिक अपनी फसलों को लेकर स्कूल प्रबंधन से विवाद करने लगते हैं. ऐसी स्थिति आए दिन आती रहती है. यह विद्यालय सिर्फ दो भवनों में सिमटा हुआ है. बच्चों को खेलने के लिए एक छोटा सा मैदान भी नहीं है. स्कूल भवनों के आगे-पीछे, दाएं-बाएं खेत ही नजर आते हैं. बच्चों के लिए खेलने का कोई मैदान या छोटा सा मैदान नहीं है.

पैदल चलने लायक भी बना दें: विद्यालय की शिक्षिका सुषमा कुमारी बताती है कि बच्चों को और हम लोगों को काफी कठिनाई होती है. हम लोग चाहते हैं कि हमारे रास्ते की समस्या का जल्द समाधान हो. प्राथमिक विद्यालय गुरिया की प्रधानाध्यापिका बबीता कुमारी बताती है, कि इस विद्यालय में आने जाने के लिए सड़क नहीं बन पाया है. बरसात के दिन में बच्चे हो या हम लोग गिर जाते हैं. गर्मी के दिनों में भी इस पर चलना टेढ़ी खीर है. जगह नहीं रहने के कारण किचन को दूरी पर बनाया गया है.

गया के स्कूल का हाल.

गया: बिहार के गया में एक ऐसा विद्यालय जहां खेत की पगडंडिया (Guria Primary School of Gaya) के सहारे ही बच्चे स्कूल आते-जाते हैं. बारिश में खेत में पानी लग जाने के कारण पढ़ाई रुक जाती है. गया जिले के इमामगंज प्रखंड का प्राथमिक विद्यालय गुरिया चारों ओर खेत से घिरा है. इसके बीच स्कूल है. रास्ते का कोई पता नहीं. ऐसे में विद्यालय आने-जाने के लिए बच्चों का खेतों में बनी पगडंडी ही बनती है. पगडंडी पर चलना बच्चों के लिए खतरनाक होता है. बच्चे गिर कर घायल भी होते रहते हैं.

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"हमारे विद्यालय के लिए रोड बना दीजिए, ताकि हम सभी आराम से विद्यालय में आ सके. अभी हम लोग खेत की पगडंडियों से आते हैं. आने में या जाने में पगडंडी से पैर फिसल जाता है. कपड़े गंदे हो जाते हैं. रोड बना दें तो अच्छा रहेगा"- स्मिता कुमारी, छात्रा

मुख्य मार्ग छोड़ते ही रास्ता बंदः पिछले करीब छह दशक से यह स्थिति बनी हुई है, लेकिन कोई भी अधिकारी या प्रतिनिधि इस समस्या को हल नहीं करा सका. मुख्य मार्ग से करीब 300 से 400 मीटर की दूरी पर विद्यालय स्थित है. मुख्य मार्ग को छोड़ते ही विद्यालय को जाने का कोई रास्ता नहीं है. आश्चर्य है कि आज तक रास्ता नहीं होने को गंभीरता से नहीं लिया गया. यही वजह है कि आज भी विद्यालय आने-जाने के लिए बच्चों, शिक्षकों, अभिभावकों को रास्ता मयस्सर नहीं है.

बरसात में बढ़ जाती परेशानीः बरसात के दिनों में स्थिति एकदम से विकट हो जाती है. पंगडंडी फिसलन भरी हो जाती है. बच्चों के लिए यह बड़ा खतरनाक हो जाता है. ऐसे में स्कूल की पढ़ाई बाधित होती है. इस तरह इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है, लेकिन इस समस्या का हल नहीं निकाला जा रहा है. इस स्कूल की पहचान खेतों से घिरे स्कूल के रूप में होने लगी है. मुख्य सड़क पर विद्यालय का किचन है. यहां से कई सौ मीटर की दूरी पर विद्यालय स्थित है.

बच्चों के कारण होता है विवादः चारों ओर खेत से घिरे इस विद्यालय के बच्चे खेलने के क्रम में विद्यालय परिसर में लगे खेतों में भी उतर जाते हैं. खेत के मालिक अपनी फसलों को लेकर स्कूल प्रबंधन से विवाद करने लगते हैं. ऐसी स्थिति आए दिन आती रहती है. यह विद्यालय सिर्फ दो भवनों में सिमटा हुआ है. बच्चों को खेलने के लिए एक छोटा सा मैदान भी नहीं है. स्कूल भवनों के आगे-पीछे, दाएं-बाएं खेत ही नजर आते हैं. बच्चों के लिए खेलने का कोई मैदान या छोटा सा मैदान नहीं है.

पैदल चलने लायक भी बना दें: विद्यालय की शिक्षिका सुषमा कुमारी बताती है कि बच्चों को और हम लोगों को काफी कठिनाई होती है. हम लोग चाहते हैं कि हमारे रास्ते की समस्या का जल्द समाधान हो. प्राथमिक विद्यालय गुरिया की प्रधानाध्यापिका बबीता कुमारी बताती है, कि इस विद्यालय में आने जाने के लिए सड़क नहीं बन पाया है. बरसात के दिन में बच्चे हो या हम लोग गिर जाते हैं. गर्मी के दिनों में भी इस पर चलना टेढ़ी खीर है. जगह नहीं रहने के कारण किचन को दूरी पर बनाया गया है.

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