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गया: नगर निगम की गाड़ियों का बंद है GPS, नहीं मिल पाती है लोकेशन की जानकारी - vehicles are not being monitored

गया नगर निगम की गाड़ियों का जीपीएस काम नहीं कर रहा है. जीपीएस बंद होने का कारन बैटरियों का नहीं होना है. डिप्टी मेयर ने बताया कि जल्द ही गाड़ियों मे लगे जीपीएस काम करने लगेंगे.

गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम ठप
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Published : Aug 22, 2019, 9:06 AM IST

गया: नगर निगम की गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम पिछले एक साल से बंद पड़ा हुआ है. जीपीएस सिस्टम बंद होने से गाड़ियों की मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है. नगर निगम की गाड़ियां आधुनिक तकनीकों से एक साल पहले लैस हो चुकी है. लेकिन तकनीकों का मेंटेनेंस नहीं हो रहा है. नगर निगम के सैकड़ों कूड़े की गाड़ियों मे जीपीएस सिस्टम ठप पड़ा हुआ है. गाड़ियों मे लगा हुआ जीपीएस बैटरी नहीं होने के कारण बंद है.

गया
बात करते डिप्टी मेयर

अपने मन की कर रहे ड्राइवर
जीपीएस सिस्टम बंद होने से गाड़ियों के लोकेशन का पता नहीं चल पाता है. इसका फायदा गाड़ियों के चालक उठा रहे हैं. चालक अपने मन से गाड़ियों को कहीं भी ले जा रहे है. जीपीएस ठप रहने का खमयाजा नगर निगम को उठाना पड़ रहा है. नगर निगम को भी पता नहीं हो रहा कि गाड़ियां कहां जा रही है.

गया
गया नगर निगम

डिप्टी मेयर से की गई बात
गया नगर निगम के डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि कूड़ा गाड़ियों में जनवरी 2018 में भारत दूरसंचार निगम लिमिटेड ने जीपीएस लगाया था. जीपीएस 134 वाहनों में लगाए गए थे. जीपीएस लगाने में निगम के 28 लाख रुपए खर्च हुए थे. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द सभी गाड़ियों में जीपीएस चालू करवाया जाएगा. वहीं, जीपीएस सिस्टम बंद होने के बारे मे जब नगर आयुक्त सावन कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.

गाड़ियों का जीपीएस काम नहीं कर रहे है

गया: नगर निगम की गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम पिछले एक साल से बंद पड़ा हुआ है. जीपीएस सिस्टम बंद होने से गाड़ियों की मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है. नगर निगम की गाड़ियां आधुनिक तकनीकों से एक साल पहले लैस हो चुकी है. लेकिन तकनीकों का मेंटेनेंस नहीं हो रहा है. नगर निगम के सैकड़ों कूड़े की गाड़ियों मे जीपीएस सिस्टम ठप पड़ा हुआ है. गाड़ियों मे लगा हुआ जीपीएस बैटरी नहीं होने के कारण बंद है.

गया
बात करते डिप्टी मेयर

अपने मन की कर रहे ड्राइवर
जीपीएस सिस्टम बंद होने से गाड़ियों के लोकेशन का पता नहीं चल पाता है. इसका फायदा गाड़ियों के चालक उठा रहे हैं. चालक अपने मन से गाड़ियों को कहीं भी ले जा रहे है. जीपीएस ठप रहने का खमयाजा नगर निगम को उठाना पड़ रहा है. नगर निगम को भी पता नहीं हो रहा कि गाड़ियां कहां जा रही है.

गया
गया नगर निगम

डिप्टी मेयर से की गई बात
गया नगर निगम के डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि कूड़ा गाड़ियों में जनवरी 2018 में भारत दूरसंचार निगम लिमिटेड ने जीपीएस लगाया था. जीपीएस 134 वाहनों में लगाए गए थे. जीपीएस लगाने में निगम के 28 लाख रुपए खर्च हुए थे. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द सभी गाड़ियों में जीपीएस चालू करवाया जाएगा. वहीं, जीपीएस सिस्टम बंद होने के बारे मे जब नगर आयुक्त सावन कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.

गाड़ियों का जीपीएस काम नहीं कर रहे है
Intro:सरकारी व्यवस्था को निगम ने आधुनिक बनाया लेकिन उसके मेंटनेस पर कोई ध्यान नही दिया। पिछले एक साल से सैकड़ों कूड़ा गाड़ी में लगाया गया जीपीएस सिस्टम भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया है। कूड़ा गाड़ी में लगा जीपीएस महज बैट्री नही रहने के वजह से बन्द हैं , जीपीएस सिस्टम बन्द होने से निगम को लाखों का चूना लग रहा है।


Body:गया नगर निगम को गया शहर के लोग अपने मेहनत का कमाई से टैक्स भरते हैं निगम को इससे राजस्व की पूर्ति नही होता हैं तो एक्सट्रा चार्ज लगाकर पैसा वसूल रहा है। आमजन निगम सुविधा बेहतर हो निगम की सारे फरमान को सर आंखों पर रखकर टैक्स और सरचार्ज भी दे रहा है। लेकिन निगम जनता के पैसा का कदर नही कर रहा है। निगम के गाड़ियों में लगा जीपीएस सिस्टम एक साल से बंद है , सिस्टम बन्द से जनता का लाखो रुपया का गबन किया जा रहा है।

गया नगर निगम में सफाई कार्यों में लगे गाड़ियों के ईंधन का प्रतिदिन का खपत एक लाख रुपया है इसी तरह प्रत्येक माह करीब 30 लाख रुपए की खपत हो रही है ।जीपीएस लगने से वाहनों के ईंधन में 20 फीसदी राशि की बचत होती थी जिससे प्रत्येक माह निगम को छः की बचत हो रही थी।

इस पूरे मामले को लेकर नगर आयुक्त सावन कुमार से पूछा गया तो उन्होंने साफ कह दिया इस बारे में मुझे जानकारी नही है। इसके संबंधित अधिकारी दो दिन बाद आएंगे उनसे जानकारी ले लीजिएगा।

गया नगर निगम के डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने बताया निगम के कूड़ा गाड़ी में जनवरी 2018 में भारत दूरसंचार निगम लिमिटेड द्वारा जीपीएस लगाया गया था। जीपीएस 134 वाहनों में लगाए गए थे। इस पर निगम का 28 लाख रुपए खर्च हुआ था। बैटरी ना होने की वजह से वाहनों में जीपीएस मात्र नौ महीने तक ही कार्य किया। सफाई कार्य में लगे अधिकांश वाहनों में जीपीएस लगाया गया लेकिन बैटरी खराब होने के कारण काम नहीं करता है बैठक में निर्णय लिया गया है कि जल्द से जल्द सभी गाड़ियों में जीपीएस चालू करवाया जाए ,जेम पोर्टल से बैटरी की खरीदारी की जाए और जल्दी सभी वाहनों में बैटरी बदलकर सिस्टम को चालू किया जाए।


Conclusion:गया नगर निगम के कूड़ा गाड़ियों में जीपीएस नही रहने के वजह से काफी दिक्कतों का सामान निगम को करना पड़ रहा है। गाड़ियों की मोनिटरिंग नही हो पा रहा है। वाहन किन-किन क्षेत्रों में प्रत्येक दिन कितना किलोमीटर चल रहे हैं। ये सटीक पता नही चल रहा है।वाहन चालकों की मनमानी पूरी तरह से हावी हो गया है। इसके साथ ही सफाई कार्य में लेट लतीफ हो रहा है। सिस्टम बंद होते ही चालक अपने मर्जी से वाहनों को चला रहे हैं इससे ईंधन की खपत अधिक हो रही है।
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