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ये है बिहारी दिमाग..! गया के छात्रों ने किया कमाल, अंतरिक्ष में ढूंढा 4 क्षुद्रग्रह - टीम सप्तऋषि इंडिया

गया के सरकारी स्कूल के छात्रों ने एक बार फिर से पूरी दुनिया के सामने अपना लोहा मनवाया है. दरअसल इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल सर्च कोलैबोरेशन (IASC) के तहत जिला स्कूल के 3 सहित 5 छात्रों ने 4 क्षुद्रग्रह यानी एस्टेरॉयड की खोज की है. (gaya students discovered 4 asteroids)

gaya students discovered 4 asteroids
gaya students discovered 4 asteroids
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Published : Jan 5, 2023, 3:58 PM IST

गया: बिहार के गया के सरकारी स्कूल के छात्रों ने एक बार फिर से कमाल कर दिखाया है. गया के जिला स्कूल (Zila School Gaya) के छात्रों की मदद से 4 एस्टेरॉयड की खोज की गई है. फाइनल राउंड में इसका सिलेक्शन कर लिया गया है. टीम सप्तऋषि इंडिया के तहत आमंत्रित बच्चों के द्वारा यह किया गया. इसमें गया जिले के कुल 5 बच्चे शामिल हैं. इस टीम में कुल 10 छात्र और 4 ट्रेनर शिक्षक शामिल थे. इन 10 में से 3 बच्चे गया के जिला स्कूल के छात्र हैं. (gaya students discovered 4 asteroids ) (international astronomical search collaboration)

पढ़ें- VIDEO: सारण के पॉलिटेक्निक छात्रों का कमाल.. जुगाड़ से बनाई सोलर साइकिल और डस्टबिन डिवाइस

गया के छात्रों का कमाल: जानकारी के अनुसार आईएएससी (इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल सर्च कोलैबोरेशन) के तहत पूरे विश्व में टीम बनाई जाती है. इस बार पूरे वर्ल्ड से 220 लोगों की टीम बनाई गई थी. इसी में टीम सप्तऋषि इंडिया के तहत जिला स्कूल गया के 3 छात्र समेत गया के कुल 5 बच्चों और शिक्षक देवेंद्र सिंह को आमंत्रित किया गया था.

सरकारी स्कूल के बच्चों की मदद से खोजे गए 4 एस्टेरॉयड: हालांकि गया की टीम का नाम बिलासपुर-गया दिया गया था, जिसमें 10 छात्र व 4 शिक्षक शामिल थे. टीम सप्तऋषि इंडिया के तहत बच्चों के द्वारा चार एस्टेरॉयड की खोज की गई है. कुल 17 इमेज टीम सप्त ऋषि इंडिया के पास भेजे गए थे. इसमें 5 इमेज आईएएससी को भेजे गए. लेकिन फाइनल राउंड में चार इमेज एस्टेरॉयड के थे. वहीं, एक गैस का गोला निकला.

gaya
जिला स्कूल गया.

छात्रों को दी गई बधाई: वहीं चार एस्टेरॉयड की खोज करने वाले छात्रों को आईएएससी के द्वारा बधाई दी गयी है. मेल भेजकर दिए गए बधाई संदेश में छात्रों एवं शिक्षक के नाम दिए गए हैं. बताया जाता है कि वर्ष 2021 में एस्टेरॉयड सर्च कैंपेन की शुरुआत भारत में हुई थी. इसमें नासा से भेजे गए इमेज से एस्टेरॉइड की इमेज को चुना जाता है और फिर उसे भेजा जाता है. एस्टेरॉयड को ढूंढना अत्यंत ही मुश्किलों से भरा होता है, किंतु गया के सरकारी स्कूल जिला स्कूल के छात्रों की मदद से एक बार फिर से ऐसा कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.

ऐसे चलती है प्रक्रिया: टीम सप्तऋषि इंडिया में जिला स्कूल के डॉ. देवेंद्र सिंह समेत चार मेंटॉर और दस बच्चे शामिल हैं. दस में पांच बच्चे बिहार के गया के हैं. इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल सर्च कोलैबोरेशन द्वारा पहले विश्व भर में टीम गठन करके सदस्यों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाता है. फिर एक निश्चित समय के लिए इमेज भी देती है, जिसमें प्रत्येक टीम को एस्टेरॉयड सर्च कैंपेन के अंतर्गत खोजे गए एस्टेरॉयड को एस्ट्रोनॉमिकल सॉफ्टवेयर पर अपलोड करना होता है. नासा की टीम के द्वारा जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट दी जाती है.

टीम सप्त ऋषि इंडिया में ये थे शामिल: टीम सप्तऋषि में मेंटॉर के तौर पर डॉ.देवेंद्र सिंह, लखनऊ के अमृतांशु बाजपेयी, मेरठ के सुमित कुमार श्रीवास्तव और छत्तीसगढ़, बिलासपुर के धनंजय पांडे शामिल हैं. वहीं, टीम के दस छात्रों में पांच गया के हैं. इसमें अनुराग कुमार, आदित्य कुमार, प्रतीक्षा सिंह, अमन कुमार और दिव्यंका सिंह शामिल हैं. इसमें 3 बच्चे जिला स्कूल के हैं. जिला स्कूल के सांइस टीचर सह एटीएल इंचार्ज डॉ. सिंह के नेतृत्व में यहां के बच्चों ने नीति आयोग और अटल इनोवेशन मिशन के द्वारा संचालित गतिविधियों में देश भर में गया का नाम रोशन किया है. इस संबंध में जिला स्कूल के शिक्षक व बच्चों के ट्रेनर डा. देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आईएएससी के तहत पूरे विश्व को मिलाकर टीम बनाई जाती है.

"टीम सप्त ऋषि इंडिया को आमंत्रित किया गया था. टीम सप्त ऋषि इंडिया में शामिल हमारे बच्चों ने 4 नए एस्टेरॉयड की खोज की है. इन बच्चों में गया के पांच शामिल हैं. वहीं जिला स्कूल के 3 बच्चे और मैं भी इसमें शामिल हूं."- देवेंद्र कुमार सिंह, शिक्षक, जिला स्कूल गया

गया: बिहार के गया के सरकारी स्कूल के छात्रों ने एक बार फिर से कमाल कर दिखाया है. गया के जिला स्कूल (Zila School Gaya) के छात्रों की मदद से 4 एस्टेरॉयड की खोज की गई है. फाइनल राउंड में इसका सिलेक्शन कर लिया गया है. टीम सप्तऋषि इंडिया के तहत आमंत्रित बच्चों के द्वारा यह किया गया. इसमें गया जिले के कुल 5 बच्चे शामिल हैं. इस टीम में कुल 10 छात्र और 4 ट्रेनर शिक्षक शामिल थे. इन 10 में से 3 बच्चे गया के जिला स्कूल के छात्र हैं. (gaya students discovered 4 asteroids ) (international astronomical search collaboration)

पढ़ें- VIDEO: सारण के पॉलिटेक्निक छात्रों का कमाल.. जुगाड़ से बनाई सोलर साइकिल और डस्टबिन डिवाइस

गया के छात्रों का कमाल: जानकारी के अनुसार आईएएससी (इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल सर्च कोलैबोरेशन) के तहत पूरे विश्व में टीम बनाई जाती है. इस बार पूरे वर्ल्ड से 220 लोगों की टीम बनाई गई थी. इसी में टीम सप्तऋषि इंडिया के तहत जिला स्कूल गया के 3 छात्र समेत गया के कुल 5 बच्चों और शिक्षक देवेंद्र सिंह को आमंत्रित किया गया था.

सरकारी स्कूल के बच्चों की मदद से खोजे गए 4 एस्टेरॉयड: हालांकि गया की टीम का नाम बिलासपुर-गया दिया गया था, जिसमें 10 छात्र व 4 शिक्षक शामिल थे. टीम सप्तऋषि इंडिया के तहत बच्चों के द्वारा चार एस्टेरॉयड की खोज की गई है. कुल 17 इमेज टीम सप्त ऋषि इंडिया के पास भेजे गए थे. इसमें 5 इमेज आईएएससी को भेजे गए. लेकिन फाइनल राउंड में चार इमेज एस्टेरॉयड के थे. वहीं, एक गैस का गोला निकला.

gaya
जिला स्कूल गया.

छात्रों को दी गई बधाई: वहीं चार एस्टेरॉयड की खोज करने वाले छात्रों को आईएएससी के द्वारा बधाई दी गयी है. मेल भेजकर दिए गए बधाई संदेश में छात्रों एवं शिक्षक के नाम दिए गए हैं. बताया जाता है कि वर्ष 2021 में एस्टेरॉयड सर्च कैंपेन की शुरुआत भारत में हुई थी. इसमें नासा से भेजे गए इमेज से एस्टेरॉइड की इमेज को चुना जाता है और फिर उसे भेजा जाता है. एस्टेरॉयड को ढूंढना अत्यंत ही मुश्किलों से भरा होता है, किंतु गया के सरकारी स्कूल जिला स्कूल के छात्रों की मदद से एक बार फिर से ऐसा कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.

ऐसे चलती है प्रक्रिया: टीम सप्तऋषि इंडिया में जिला स्कूल के डॉ. देवेंद्र सिंह समेत चार मेंटॉर और दस बच्चे शामिल हैं. दस में पांच बच्चे बिहार के गया के हैं. इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल सर्च कोलैबोरेशन द्वारा पहले विश्व भर में टीम गठन करके सदस्यों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाता है. फिर एक निश्चित समय के लिए इमेज भी देती है, जिसमें प्रत्येक टीम को एस्टेरॉयड सर्च कैंपेन के अंतर्गत खोजे गए एस्टेरॉयड को एस्ट्रोनॉमिकल सॉफ्टवेयर पर अपलोड करना होता है. नासा की टीम के द्वारा जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट दी जाती है.

टीम सप्त ऋषि इंडिया में ये थे शामिल: टीम सप्तऋषि में मेंटॉर के तौर पर डॉ.देवेंद्र सिंह, लखनऊ के अमृतांशु बाजपेयी, मेरठ के सुमित कुमार श्रीवास्तव और छत्तीसगढ़, बिलासपुर के धनंजय पांडे शामिल हैं. वहीं, टीम के दस छात्रों में पांच गया के हैं. इसमें अनुराग कुमार, आदित्य कुमार, प्रतीक्षा सिंह, अमन कुमार और दिव्यंका सिंह शामिल हैं. इसमें 3 बच्चे जिला स्कूल के हैं. जिला स्कूल के सांइस टीचर सह एटीएल इंचार्ज डॉ. सिंह के नेतृत्व में यहां के बच्चों ने नीति आयोग और अटल इनोवेशन मिशन के द्वारा संचालित गतिविधियों में देश भर में गया का नाम रोशन किया है. इस संबंध में जिला स्कूल के शिक्षक व बच्चों के ट्रेनर डा. देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आईएएससी के तहत पूरे विश्व को मिलाकर टीम बनाई जाती है.

"टीम सप्त ऋषि इंडिया को आमंत्रित किया गया था. टीम सप्त ऋषि इंडिया में शामिल हमारे बच्चों ने 4 नए एस्टेरॉयड की खोज की है. इन बच्चों में गया के पांच शामिल हैं. वहीं जिला स्कूल के 3 बच्चे और मैं भी इसमें शामिल हूं."- देवेंद्र कुमार सिंह, शिक्षक, जिला स्कूल गया

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