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तीन पहाड़ियों के ऊपर है सुर्यकुंड सरोवर, गया के इस पौराणिक सरोवर पर जुटती हैं लाखों छठ व्रतियों की भीड़, जानें महत्व - ईटीवी भारत बिहार

Chhath Puja 2023 : आज छठ पर्व का तीसरा दिन है. आज डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. राज्य के सभी जिलों में छठ घाटों का निर्माण हुआ है. ऐसे में आइये हम आपको बताते हैं गया के सुर्यकुंड सरोवर के बारे में.

Suryakund sarowar
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 19, 2023, 6:19 AM IST

देखें रिपोर्ट.

गया : बिहार के गया में सुर्यकुंड एकमात्र ऐसा सरोवर है, जो विज्ञान तथा धर्म से जुड़ा हुआ है. इसकी शुरुआत अति प्राचीन और प्रकृति प्रदत है. इस तालाब के नीचे पहाड़ी है और उन पहाड़ियों से अनेक झरने प्रस्फुटित होते हैं. इस सूर्यकुंड सरोवर में मान्यता है कि यहां आकर छठ व्रत करने से मांगी गई मन्नत पूरी हो जाती है.

तीन पहाड़ियों के ऊपर है सूर्यकुंड सरोवर : गया में सुर्यकुंड सरोवर अति प्राचीन है. यह तीन पहाड़ियों के ऊपर स्थित है. सूर्यकुंड सरोवर में छठ व्रतियों की संख्या काफी होती है, क्योंकि यहां छठ व्रत करने को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं हैं. कहा जाता है कि यहां से सूर्य उपासना कर मांगी गई मन्नत पूरी हो जाती है. वहीं, जो मन्नत रखते हैं और उनकी मन्नत पूरी हो जाती है, तो वे छठ का व्रत यहां आकर करते हैं.

मन्नत होती है पूरी : यहां देव के बाद सबसे ज्यादा भीड़ गया में होती है, जो कि बिहार में संभवत दूसरा ऐसा सरोवर है, जिसकी धार्मिक रूप से कई मान्यताएं हैं. वहीं, इस सरोवर पर एक लाख के करीब की भीड़ होती है. सुर्यकुंड के पास ही सतयुग का सूर्य मंदिर भी है.

सरोवर में स्नान से कुष्ठ और चर्म रोग भी ठीक होते हैं : एक ओर यहां सूर्यकुंड सरोवर से भगवान भास्कर को अर्ध्य देने से मन्नत पूरी होती है. इस सरोवर में स्नान करने से कुष्ठ और चर्म रोग भी ठीक हो जाते हैं. कई तरह की व्याधियों यहां इस सरोवर पर सूर्य उपासना करने से दूर हो जाती है.

औरंगजेब ने भी मानी थी महिमा : सूर्यकुंड सरोवर की महत्ता के संबंध में कई तरह की कहानियां प्रचलित है. जानकार बताते हैं कि औरंगजेब ने भी सूर्यकुंड सरोवर और सूर्य मंदिर की महिमा मानी थी. अपने अधीनस्थ को आदेश देकर चाहरदीवारी का जीर्णोद्धार कराया था. वहीं राजा गोपाल शरण के द्वारा भी इसकी चाहरदीवारी बनाई गई थी. सुर्यकुंड सरोवर से लेकर सैकड़ो धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई है. इस तरह सूर्यकुंड सरोवर धार्मिक तौर पर लोगों की आस्था से सीधे जुड़ा हुआ है.

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देखें रिपोर्ट.

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तीन पहाड़ियों के ऊपर है सूर्यकुंड सरोवर : गया में सुर्यकुंड सरोवर अति प्राचीन है. यह तीन पहाड़ियों के ऊपर स्थित है. सूर्यकुंड सरोवर में छठ व्रतियों की संख्या काफी होती है, क्योंकि यहां छठ व्रत करने को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं हैं. कहा जाता है कि यहां से सूर्य उपासना कर मांगी गई मन्नत पूरी हो जाती है. वहीं, जो मन्नत रखते हैं और उनकी मन्नत पूरी हो जाती है, तो वे छठ का व्रत यहां आकर करते हैं.

मन्नत होती है पूरी : यहां देव के बाद सबसे ज्यादा भीड़ गया में होती है, जो कि बिहार में संभवत दूसरा ऐसा सरोवर है, जिसकी धार्मिक रूप से कई मान्यताएं हैं. वहीं, इस सरोवर पर एक लाख के करीब की भीड़ होती है. सुर्यकुंड के पास ही सतयुग का सूर्य मंदिर भी है.

सरोवर में स्नान से कुष्ठ और चर्म रोग भी ठीक होते हैं : एक ओर यहां सूर्यकुंड सरोवर से भगवान भास्कर को अर्ध्य देने से मन्नत पूरी होती है. इस सरोवर में स्नान करने से कुष्ठ और चर्म रोग भी ठीक हो जाते हैं. कई तरह की व्याधियों यहां इस सरोवर पर सूर्य उपासना करने से दूर हो जाती है.

औरंगजेब ने भी मानी थी महिमा : सूर्यकुंड सरोवर की महत्ता के संबंध में कई तरह की कहानियां प्रचलित है. जानकार बताते हैं कि औरंगजेब ने भी सूर्यकुंड सरोवर और सूर्य मंदिर की महिमा मानी थी. अपने अधीनस्थ को आदेश देकर चाहरदीवारी का जीर्णोद्धार कराया था. वहीं राजा गोपाल शरण के द्वारा भी इसकी चाहरदीवारी बनाई गई थी. सुर्यकुंड सरोवर से लेकर सैकड़ो धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई है. इस तरह सूर्यकुंड सरोवर धार्मिक तौर पर लोगों की आस्था से सीधे जुड़ा हुआ है.

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