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गया: दस्तक देने को है मानसून, लेकिन अब तक नहीं हो पाई है नालों की सफाई - Municipal Commissioner

गया में मानसून को लेकर जलजमाव का खतरा मंडरा रहा है. उपमेयर मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि सोमवार से सफाई कार्य युद्ध स्तर पर शुरु कर दी जाएगी और हर हाल में एक सप्ताह के अंदर में सभी नालों की सफाई करवा दी जाएगी.

मानसून से पहले नगर निगम तैयार
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Published : Jun 9, 2019, 1:20 PM IST

गया: देश में मानसून ने दस्तक दे दिया है. बिहार के गया में भी कुछ दिनों में इसकी आहट सुनाई पड़ेगी. लेकिन शहर के सभी 53 वार्डों में 302 छोटे बड़े नालों की सफाई का वर्क आर्डर जारी होने के बाद भी पैसों का आवंटन नहीं होने के कारण काम शुरू नहीं हो पा रहा हैं. इससे जलजमाव का खतरा मंडरा रहा है. वहीं, उपमेयर मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि सोमवार से सफाई कार्य युद्ध स्तर पर शुरु कर दिया जाएगा.

स्थानीय जनता का कहना है कि शहर के कई इलाकों में ऐसे नाले हैं जिनकी सफाई अगर नहीं हुई तो बड़ी आबादी को जल जमाव का सामना करना पड़ सकता है. दुर्गाबाड़ी से लेकर छता मस्जिद तक के लोग इस समस्या से सहमे हुए हैं, क्योंकि शहर के बीचों-बीच से गुजरने वाली बॉटम नाला की सफाई अब तक नहीं हुई है. साथ ही उन लोगों का कहना है कि मानसून में घर से निकलना मुश्किल हो जाता है. दुकानें और स्कूलें बंद हो जाती है.

मानसून से पहले नगर निगम तैयार

नाले की सफाई को लेकर बैठक

इस समस्या से निजात पाने के लिए नगर निगम के मेयर, उप मेयर और नगर आयुक्त ने नाले की सफाई को लेकर बैठक किया. उपमेयर मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि सबसे पहले 6 बड़े नालों की सफाई पूरी करवाई जाएगी, उसके बाद सभी वार्डों के नालों की सफाई करवायी जाएगी.

वार्ड के जमादारों को दी गई जिम्मेदारी

इस काम के लिए वार्ड के जमादारों को जिम्मेदारी दी गयी है. वहीं, जमींदारों की सूची उपलब्ध कराकर वार्ड के अनुसार नालों की सफाई सोमवार से शुरू कर दी जायेगी. उन्होंने कहा कि जिस वार्ड में 1000 से अधिक मजदूर लगेंगे, वहां 50,000 रुपये एडवांस और जहां 1000 से कम मजदूर लगे हैं. वहां 25,000 रूपये एडवांस देकर नाले की सफाई कराई जाएगी और हर हाल में एक सप्ताह के अंदर नालों की सफाई करवा ली जाएगी.

गया: देश में मानसून ने दस्तक दे दिया है. बिहार के गया में भी कुछ दिनों में इसकी आहट सुनाई पड़ेगी. लेकिन शहर के सभी 53 वार्डों में 302 छोटे बड़े नालों की सफाई का वर्क आर्डर जारी होने के बाद भी पैसों का आवंटन नहीं होने के कारण काम शुरू नहीं हो पा रहा हैं. इससे जलजमाव का खतरा मंडरा रहा है. वहीं, उपमेयर मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि सोमवार से सफाई कार्य युद्ध स्तर पर शुरु कर दिया जाएगा.

स्थानीय जनता का कहना है कि शहर के कई इलाकों में ऐसे नाले हैं जिनकी सफाई अगर नहीं हुई तो बड़ी आबादी को जल जमाव का सामना करना पड़ सकता है. दुर्गाबाड़ी से लेकर छता मस्जिद तक के लोग इस समस्या से सहमे हुए हैं, क्योंकि शहर के बीचों-बीच से गुजरने वाली बॉटम नाला की सफाई अब तक नहीं हुई है. साथ ही उन लोगों का कहना है कि मानसून में घर से निकलना मुश्किल हो जाता है. दुकानें और स्कूलें बंद हो जाती है.

मानसून से पहले नगर निगम तैयार

नाले की सफाई को लेकर बैठक

इस समस्या से निजात पाने के लिए नगर निगम के मेयर, उप मेयर और नगर आयुक्त ने नाले की सफाई को लेकर बैठक किया. उपमेयर मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि सबसे पहले 6 बड़े नालों की सफाई पूरी करवाई जाएगी, उसके बाद सभी वार्डों के नालों की सफाई करवायी जाएगी.

वार्ड के जमादारों को दी गई जिम्मेदारी

इस काम के लिए वार्ड के जमादारों को जिम्मेदारी दी गयी है. वहीं, जमींदारों की सूची उपलब्ध कराकर वार्ड के अनुसार नालों की सफाई सोमवार से शुरू कर दी जायेगी. उन्होंने कहा कि जिस वार्ड में 1000 से अधिक मजदूर लगेंगे, वहां 50,000 रुपये एडवांस और जहां 1000 से कम मजदूर लगे हैं. वहां 25,000 रूपये एडवांस देकर नाले की सफाई कराई जाएगी और हर हाल में एक सप्ताह के अंदर नालों की सफाई करवा ली जाएगी.

Intro:देश मे मानसून ने दस्तक दे दिया है थोड़े दिन में गया में उसकी आहट सुनाई पड़ेगी। गया के नगर निगम के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच चल रहा विवाद इस बार शहरवासियों को गंदे पानी मे चलने को विवश कर देगा। विवाद सुलझने के बाद उपमेयर ने कहा सोमवार से युद्ध स्तर से कार्य होगा।


Body:साहेब की लड़ाई में जनता की फजीहत,नगर निगम में मेयर गणेश पासवान,उप मेयर मोहन श्रीवास्तव व नगर आयुक्त कंचन कपूर के बीच जारी लड़ाई के कारण शहर पर जलजमाव का खतरा मंडरा रहा है ।इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि देश मे मानसुन ने दस्तक दे दिया है। लेकिन शहर के नालों की।सफाई नही हुआ है। शहर के सभी 53 वार्डों में 302 छोटे बड़े नालों की सफाई का वर्क आर्डर जारी हो चुका है लेकिन पैसा आवंटन नहीं होने के कारण काम शुरू नहीं हो रहा है शहर के कई इलाकों में ऐसे नाले हैं जिनकी सफाई अगर नहीं हुई तो बड़ी आबादी को जल जमाव का सामना करना पड़ सकता है।

साहेब की घोटाले का लड़ाई सरकार और जिलाधिकारी ने सुलझा दिया ,लेकिन शहर में जाल जैसा बिछा छोटे बड़े नाले और नालियों को सफाई कब और कैसे होगा हैं। निगम की लड़ाई और सुस्ती जनता को सता जा रही है। दुर्गाबाड़ी से लेकर छता मस्जिद तक के लोग सहमे है। शहर के बीचों बीच से गुजरने वाली बॉटम नाला की सफाई अब तक नही हुई हैं। नाले अतिक्रमण से सिकुड़ गया है गंदगी से नाले के पानी मे प्रवाह नही होता हैं। हल्की बारिश भी दुर्गा बाड़ी इलाके के सड़क को डूबा देती हैं। इलाके के लोग बोलते हैं चार माह घर से निकला दुशवार हो जाता है दुकाने और स्कूल बंद हो जाती है। सड़क पर नाले के पानी का कब्जा रहता है। वार्ड नं 1 से लेकर 53 तक के छोटे बड़े नाले और नाली का यही हाल है।

विवाद सुलह के बाद वार्ड के जमादार के साथ मेयर ,उप मेयर और नगर आयुक्त ने नाले के सफाई को लेकर बैठक किया। नाले के सफाई को लेकर सवाल पर उपमेयर मोहन श्रीवास्तव ने बताया सबसे पहले 6 बड़े नालों की सफाई पूरी करवाई जाएगी,उसके बाद वार्ड के नालों की सफाई करवाया जाएगा। इसके लिए वार्ड के जमादार को जिम्मेदारी दी गयी हैं। वहीं जमींदारों के सूची उपलब्ध कराकर वार्ड वार नालों की सफाई सोमवार से शुरू हो जायेगा। जिस वार्ड में 1000 से अधिक मजदूर लगेंगे वहां 50000 एडवांस और 1000 से कम पर 25000 एडवांस देकर नाले सफाई कार्य मे तेजी लाया जाएगा। जिस वार्ड में 7 घंटा से कम सफाई कर्मचारी काम करते पाएंगे तो जमादार नप जायेगे। हमलोग हर हाल एक सप्ताह के अंदर नालों की सफाई करवा लेंगे।


Conclusion:
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