गया: 5 मई यानि शुक्रवार को बुद्ध पूर्णिमा है. बुद्ध जयंती की पूर्व संध्या पर महाबोधि मंदिर को आकर्षक लाइटों से सजाया गया है. आकर्षक लाइटों से विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर की छटा देखते ही बन रही है. बोधगया का महाबोधि मंदिर विश्व के बौद्ध धर्मावलंबियों के आस्था का मुख्य केंद्र है. बुद्ध पूर्णिमा की तिथि को भगवान बुद्ध की 2567वीं जयंती (2567th birth anniversary of Lord Buddha) है. इस दिन महाबोधि मंदिर में विशेष अनुष्ठान और विश्व शांति की प्रार्थना की जाएगी.
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पंचशील पताकों से सजा मंदिर: महाबोधि मंदिर एवं इसके परिसर को आकर्षक लाइटों से सजाया गया है. आकर्षक लाइटों से महाबोधि मंदिर की छटा देखते ही बन रही है. एक मनमोहक दृश्य मंदिर और उसके परिसर में बना हुआ है. बुद्ध जयंती को लेकर महाबोधि मंदिर को पंचशील पताकों से पूरी तरह से पाट दिया गया है. पंचशील पताके महाबोधि मंदिर और इसके बाहरी क्षेत्रों में भी लगाए गए हैं. बुद्ध जयंती को लेकर एक उत्सवी माहौल बना हुआ है.
"बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमिटी (महाबोधि मंदिर) के सचिव एन दोरजे के अनुसार भगवान बुद्ध की 2567 में जयंती को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. इस दिन विभिन्न समारोह का आयोजन है. प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है. भगवान बुद्ध की 2567 वीं जयंती में शामिल होने देश और विदेश से बौद्ध श्रद्धालु आए हैं." - एन दोरजे, सचिव बीटीएमसी
राज्यपाल हैं मुख्य अतिथि: भगवान बुद्ध की 2567 जयंती को लेकर भव्य आयोजन होना है. विभिन्न समारोह इसके लिए पूर्व से ही तय किए गए हैं. बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर मुख्य अतिथि होंगे. राजपाल समारोह का उद्घाटन करेंगे. वहीं बौद्ध भिक्षुओं द्वारा सूतपाठ किया जाएगा. भगवान बुद्ध की 2567 वीं जयंती के दिन शुक्रवार को महाबोधि मंदिर में विशेष अनुष्ठान और विश्व शांति की प्रार्थना की जाएगी.
प्रशासनिक तैयारियां पूरी: बोधगया में आयोजित भगवान बुद्ध की 2567 की जयंती में देश और विदेश के काफी संख्या में बौद्ध श्रद्धालु शामिल होने आए हैं. श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच बोधगया और महाबोधि मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया गया है. बोधगया में जगह-जगह पर सीसीटीवी लगाए गए हैं और भारी संख्या में बलों की भी तैनाती रहेगी.