गया: गया-टिकारी रोड के कुजाप में बच्चे जर्जर हालत में पहुंचे प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने को विवश हैं. शिक्षा के नाम पर ऐसी व्यवस्था सरकार के दावों को मुंह चिढ़ाती है. विद्यालय में भवन नहीं है, तो छात्रों को मंदिर की जमीन पर खुले में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है.
पेड़ के नीचे बैठकर खुले में पढ़ाई
स्कूल की छात्रा रौशनी कुमारी बताती हैं कि विद्यालय में दो कमरे हैं. एक कमरे में किचन है और दूसरे कमरे में ऑफिस. हम लोग स्कूल के बाहर जहां गाय-भैंसों को बांधा जाता है, वहीं पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं. स्कूल सड़क किनारे है और हमें खुले में बैठकर पढ़ाई करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं. जब बारिश होती है तो छोटे बच्चों को छुट्टी दे दी जाती है. हम सरकार से मांग करना चाहते हैं कि इस स्कूल का भवन बनवा दें, जिससे हम लोग क्लास में बैठकर पढ़ सके.
चुनाव के समय हुआ मरम्मत का काम
स्कूल की प्रभारी माधुरी बताती हैं स्कूल में 210 छात्र हैं. छात्रों की संख्या ज्यादा है लेकिन उसके मुकाबले संसाधन बहुत कम हैं. सिर्फ दो कमरे हैं, एक में पूर्व बीईओ के आदेश पर किचन बनवाया गया था और दूसरे कमरे में कार्यालय. भवन पूरी तरह से जर्जर है. बस चुनाव के समय थोड़ी बहुत मरम्मत हुई थी. छात्र मंदिर की जमीन पर खुले में पढ़ाई करते हैं.
रूम की समस्या जल्द ही होगी दूर
इस मामले को लेकर ईटीवी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात की. डीईओ मुस्तफा हुसैन मंसूरी ने बताया कि नियम के अनुसार प्राथमिक विद्यालय में कम से कम छः रूम होनी चाहिए. जिले में सारे भवनविहीन विद्यालयों और कम रूम वाले विद्यालयों का सर्वे किया गया है. ऐसे में इस विद्यालय की समस्या जल्द ही दूर होगी.