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छात्रा की अपील- मुख्यमंत्री जी स्कूल बनवा दीजिए, पढ़ने में बहुत दिक्कत होती है

गया प्रखंड में सरकारी स्कूल की खराब स्थिति छात्रों की परेशानी का सबब बन चुकी है. स्कूल के 210 छात्र मजबूरी में सड़क किनारे शोरगुल के बीच तबेले के पास खुले में बैठकर पढ़ाई करते हैं.

बच्चे खुले में करते हैं पढ़ाई
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Published : Jul 31, 2019, 11:16 AM IST

गया: गया-टिकारी रोड के कुजाप में बच्चे जर्जर हालत में पहुंचे प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने को विवश हैं. शिक्षा के नाम पर ऐसी व्यवस्था सरकार के दावों को मुंह चिढ़ाती है. विद्यालय में भवन नहीं है, तो छात्रों को मंदिर की जमीन पर खुले में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है.

पेड़ के नीचे बैठकर खुले में पढ़ाई
स्कूल की छात्रा रौशनी कुमारी बताती हैं कि विद्यालय में दो कमरे हैं. एक कमरे में किचन है और दूसरे कमरे में ऑफिस. हम लोग स्कूल के बाहर जहां गाय-भैंसों को बांधा जाता है, वहीं पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं. स्कूल सड़क किनारे है और हमें खुले में बैठकर पढ़ाई करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं. जब बारिश होती है तो छोटे बच्चों को छुट्टी दे दी जाती है. हम सरकार से मांग करना चाहते हैं कि इस स्कूल का भवन बनवा दें, जिससे हम लोग क्लास में बैठकर पढ़ सके.

गया न्यूज, सरकारी स्कूल
छात्र तबेले के पास खुले में बैठकर करते है पढ़ाई

चुनाव के समय हुआ मरम्मत का काम
स्कूल की प्रभारी माधुरी बताती हैं स्कूल में 210 छात्र हैं. छात्रों की संख्या ज्यादा है लेकिन उसके मुकाबले संसाधन बहुत कम हैं. सिर्फ दो कमरे हैं, एक में पूर्व बीईओ के आदेश पर किचन बनवाया गया था और दूसरे कमरे में कार्यालय. भवन पूरी तरह से जर्जर है. बस चुनाव के समय थोड़ी बहुत मरम्मत हुई थी. छात्र मंदिर की जमीन पर खुले में पढ़ाई करते हैं.

कुजाप का प्राथमिक विद्यालय

रूम की समस्या जल्द ही होगी दूर
इस मामले को लेकर ईटीवी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात की. डीईओ मुस्तफा हुसैन मंसूरी ने बताया कि नियम के अनुसार प्राथमिक विद्यालय में कम से कम छः रूम होनी चाहिए. जिले में सारे भवनविहीन विद्यालयों और कम रूम वाले विद्यालयों का सर्वे किया गया है. ऐसे में इस विद्यालय की समस्या जल्द ही दूर होगी.

गया: गया-टिकारी रोड के कुजाप में बच्चे जर्जर हालत में पहुंचे प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने को विवश हैं. शिक्षा के नाम पर ऐसी व्यवस्था सरकार के दावों को मुंह चिढ़ाती है. विद्यालय में भवन नहीं है, तो छात्रों को मंदिर की जमीन पर खुले में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है.

पेड़ के नीचे बैठकर खुले में पढ़ाई
स्कूल की छात्रा रौशनी कुमारी बताती हैं कि विद्यालय में दो कमरे हैं. एक कमरे में किचन है और दूसरे कमरे में ऑफिस. हम लोग स्कूल के बाहर जहां गाय-भैंसों को बांधा जाता है, वहीं पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं. स्कूल सड़क किनारे है और हमें खुले में बैठकर पढ़ाई करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं. जब बारिश होती है तो छोटे बच्चों को छुट्टी दे दी जाती है. हम सरकार से मांग करना चाहते हैं कि इस स्कूल का भवन बनवा दें, जिससे हम लोग क्लास में बैठकर पढ़ सके.

गया न्यूज, सरकारी स्कूल
छात्र तबेले के पास खुले में बैठकर करते है पढ़ाई

चुनाव के समय हुआ मरम्मत का काम
स्कूल की प्रभारी माधुरी बताती हैं स्कूल में 210 छात्र हैं. छात्रों की संख्या ज्यादा है लेकिन उसके मुकाबले संसाधन बहुत कम हैं. सिर्फ दो कमरे हैं, एक में पूर्व बीईओ के आदेश पर किचन बनवाया गया था और दूसरे कमरे में कार्यालय. भवन पूरी तरह से जर्जर है. बस चुनाव के समय थोड़ी बहुत मरम्मत हुई थी. छात्र मंदिर की जमीन पर खुले में पढ़ाई करते हैं.

कुजाप का प्राथमिक विद्यालय

रूम की समस्या जल्द ही होगी दूर
इस मामले को लेकर ईटीवी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात की. डीईओ मुस्तफा हुसैन मंसूरी ने बताया कि नियम के अनुसार प्राथमिक विद्यालय में कम से कम छः रूम होनी चाहिए. जिले में सारे भवनविहीन विद्यालयों और कम रूम वाले विद्यालयों का सर्वे किया गया है. ऐसे में इस विद्यालय की समस्या जल्द ही दूर होगी.

Intro:गया नगर प्रखंड में प्राथमिक विद्यालय कुजाप की वर्तमान हालत सरकार के सुशासन छवि के लिए उपयुक्त नही है। दो कमरे के भवन का स्कूल है एक कमरा किचन है दूसरा कमरा में स्कूल का कार्यालय हैं। स्कूल 210 छात्र मजबूरी में सड़क किनारे शोर गुल के बीच तबले के पास खुले में बैठकर पढ़ाई करते हैं।


Body:शिक्षा के मन्दिर से छात्र आस्था के मंदिर का प्रांगण में सुशासन के राज में पढ़ने को विवश है। ये बाते यू ही नही कह रहे हैं गया - टिकारी रोड में कुजाप जाने पर ये नज़ारा आपको दिख जाएगा। शिक्षा क़े नाम पर ऐसी व्यवस्था चरवाहा विद्यालय में भी नही होता। विद्यालय में भवन नही है तो छात्र को मंदिर के जमीन पर खुले में बैठकर पढ़ाई करना पड़ता हैं।

स्कूल की छात्रा रौशनी कुमारी बताती हैं विद्यालय में दो कमरा हैं एक कमरा में किचन है दूसरा कमरा में ऑफिस हैं। हमलोग स्कूल के बाहर जहां गाय-भैंस बंधाता हैं वही पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं। स्कूल सड़क किनारे हैं खुले में बैठकर पढ़ाई करने काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। जब बारिश होता हैं छोटे बच्चों को छुट्टी दे दिया जाता है। मैं सरकार से मांग करना चाहती हूँ इस स्कूल का भवन बना दे जिससे हमलोग क्लास में बैठकर पढ़े।

स्कूल की प्रभारी माधुरी बताती हैं स्कूल में 210 छात्र है छात्रों की संख्या अधिक है। लेकिन यहां संसाधन का घोर कमी हैं। दो कमरा इस विद्यालय में है। एक कमरा में पूर्व बीईओ के आदेश पर किचन बनाया गया है दूसरा कमरा में कार्यालय हैं। भवन पूरी तरह से जर्जर हैं। चुनाव को लेकर थोड़ी बहुत मरम्मत किया गया था। छात्र मंदिर के जमीन पर खुले में पढ़ाई करते है। जहां तक बात गाय भैंस बांधने की , गाय बांधने वाले लोग कहते हैं मेरे व्यक्तिगत जमीन हैं।

इस मामले को लेकर ईटीवी जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात किया, जिला शिक्षा पदाधिकारी मुस्तफा हुसैन मंसूरी ने बताया नियम के अनुसार प्राथमिक विद्यालय में कम से कम छः रूम रहना चाहिए। पूरे जिला में भवनविहीन विद्यालयों और कम रूम वाले विद्यालयो का सर्वे किया गया हैं। भवनविहीन विद्यालयों और कम रूम वाले विद्यालयो का समस्या जल्द दूर होगा।


Conclusion:
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