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Gaya News : स्वीटी नहीं बोलती.. उसकी कूची बोलती है, मिनटों में हुबहू बना देती है सामने वाले का स्केच

बिहार के गया की रहने वाली स्वीटी मूक बधिर है. वह नहीं बोलती.. पर उसकी कूंची बोलती है. मूक बधिर स्वीटी अपनी कूची से जीवंत तस्वीर उकेर देती है. किसी का भी चेहरा हू-ब-हू उतारने की बात हो, तो स्वीटी उसे कागज पर उकेर देती है. पढ़ें पूरी खबर

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 12, 2023, 6:01 AM IST

गया: बिहार के गया जिले का इमामगंज प्रखंड. यहां के चुआवार पंचायत अंतर्गत कुनकराई गांव की स्वीटी कुमारी को स्केच कला में इतनी महारत हासिल है कि वह किसी को एक बार देख ले तो उसकी तस्वीर हू-ब-हू उकेर देती है. स्वीटी खुद बोल तो नहीं सकती, लेकिन उसकी कूची काफी कुछ बोलती है. यह खुद बोल सुन नहीं सकती, लेकिन उसकी कूची काफी कुछ बोल जाती है.

ये भी पढ़ें: अद्भुत कला के धनी हैं नौ साल के ललित, राष्ट्रपति-पीएम समेत कई हस्तियों के बनाए स्केच

'स्वीटी नहीं बोलती.. उसकी कूची बोलती है' : मूक बधिर स्वीटी ने आज तक खुद को बेबस नहीं माना. स्वीटी इंटर पास कर चुकी है. वह स्कूल के दिनों से ही काफी उत्साहित रहती थी. यही वजह रही कि वह आज प्रतिभावान है. उसकी निखरती स्केचिंग देखते ही बनती है. इतना ही नहीं वह कंप्यूटर का भी अच्छा ज्ञान रखती है. इस तरह इसके हाथ से चली कूची और कंप्यूटर के की-बोर्ड के बटन उसकी प्रतिभा को बताते हैं.

मिनटों में हुबहू बना देती है सामने वाले का स्केच : साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली स्वीटी की बचपन से ही चित्रकला में गहरी रुचि थी. वह खाली समय में कागज पर पेंसिल से स्केच बनाती और आज उसका शौक जुनून में बदल गया. स्वीटी अपने परिवार के लिए कुछ करने का हौसला भी रखती है. वह कुछ ऐसे छोटे-मोटे काम कर लेती है, जिससे उसके परिवार को आर्थिक मदद मिल जाती है. स्वीटी के पिता हमेशा बीमार रहते हैं. मां नीलम देवी बताती है कि उनकी बेटी स्वीटी खूब सुंदर स्केच बनाती है. वह किसी का भी स्केच तैयार कर देती है.

''उसकी कूची कुछ इस तरह से चलती है, कि हूबहू स्केच देख लोग हैरान रह जाते हैं. वह सामने आने वाले किसी भी व्यक्ति का स्केच तैयार करने में माहिर है. उसने शौकिया तरीके से इसकी शुरुआत की थी, लेकिन अब वह इसमें अपना कैरियर ढूंढने लगी है.'' - नीलम देवी, स्वीटी की मां

तरबूज खाते भाई का बना दिया हूबहू स्केच : आज कुनकराई गांव में स्वीटी की प्रतिभा की चर्चा खूब होती है. गांव के लोग बताते हैं, कि एक बार उसका भाई तरबूज खा रहा था. स्वीटी ने यह देखा तो उसने अपनी कूची से उसका तरबूज खाते स्केच हू-ब-हू कागज के पन्ने पर उतार दिया. उसकी इस प्रतिभा को देख लोग हैरान रह गए. फिलहाल स्वीटी की खूबसूरत स्केच वाली पेंटिंग इस दिव्यांग के हौसलों को पंख लगा सकती है.

''वह किसी की भी स्केचिंग तैयार कर देती है. हालांकि उसका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है, जिस कारण उसकी प्रतिभा को जगह नहीं मिल पा रही है. हम सरकार और प्रशासन से गुहार लगाते है कि हमारी गांव की बेटी का भविष्य स्केचिंग में बनाया जाए. स्वीटी को कुछ मदद मिले ताकि वह और आगे बढ़ सकें'' - नवीन सिंह, मुखिया प्रतिनिधि

गया: बिहार के गया जिले का इमामगंज प्रखंड. यहां के चुआवार पंचायत अंतर्गत कुनकराई गांव की स्वीटी कुमारी को स्केच कला में इतनी महारत हासिल है कि वह किसी को एक बार देख ले तो उसकी तस्वीर हू-ब-हू उकेर देती है. स्वीटी खुद बोल तो नहीं सकती, लेकिन उसकी कूची काफी कुछ बोलती है. यह खुद बोल सुन नहीं सकती, लेकिन उसकी कूची काफी कुछ बोल जाती है.

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'स्वीटी नहीं बोलती.. उसकी कूची बोलती है' : मूक बधिर स्वीटी ने आज तक खुद को बेबस नहीं माना. स्वीटी इंटर पास कर चुकी है. वह स्कूल के दिनों से ही काफी उत्साहित रहती थी. यही वजह रही कि वह आज प्रतिभावान है. उसकी निखरती स्केचिंग देखते ही बनती है. इतना ही नहीं वह कंप्यूटर का भी अच्छा ज्ञान रखती है. इस तरह इसके हाथ से चली कूची और कंप्यूटर के की-बोर्ड के बटन उसकी प्रतिभा को बताते हैं.

मिनटों में हुबहू बना देती है सामने वाले का स्केच : साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली स्वीटी की बचपन से ही चित्रकला में गहरी रुचि थी. वह खाली समय में कागज पर पेंसिल से स्केच बनाती और आज उसका शौक जुनून में बदल गया. स्वीटी अपने परिवार के लिए कुछ करने का हौसला भी रखती है. वह कुछ ऐसे छोटे-मोटे काम कर लेती है, जिससे उसके परिवार को आर्थिक मदद मिल जाती है. स्वीटी के पिता हमेशा बीमार रहते हैं. मां नीलम देवी बताती है कि उनकी बेटी स्वीटी खूब सुंदर स्केच बनाती है. वह किसी का भी स्केच तैयार कर देती है.

''उसकी कूची कुछ इस तरह से चलती है, कि हूबहू स्केच देख लोग हैरान रह जाते हैं. वह सामने आने वाले किसी भी व्यक्ति का स्केच तैयार करने में माहिर है. उसने शौकिया तरीके से इसकी शुरुआत की थी, लेकिन अब वह इसमें अपना कैरियर ढूंढने लगी है.'' - नीलम देवी, स्वीटी की मां

तरबूज खाते भाई का बना दिया हूबहू स्केच : आज कुनकराई गांव में स्वीटी की प्रतिभा की चर्चा खूब होती है. गांव के लोग बताते हैं, कि एक बार उसका भाई तरबूज खा रहा था. स्वीटी ने यह देखा तो उसने अपनी कूची से उसका तरबूज खाते स्केच हू-ब-हू कागज के पन्ने पर उतार दिया. उसकी इस प्रतिभा को देख लोग हैरान रह गए. फिलहाल स्वीटी की खूबसूरत स्केच वाली पेंटिंग इस दिव्यांग के हौसलों को पंख लगा सकती है.

''वह किसी की भी स्केचिंग तैयार कर देती है. हालांकि उसका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है, जिस कारण उसकी प्रतिभा को जगह नहीं मिल पा रही है. हम सरकार और प्रशासन से गुहार लगाते है कि हमारी गांव की बेटी का भविष्य स्केचिंग में बनाया जाए. स्वीटी को कुछ मदद मिले ताकि वह और आगे बढ़ सकें'' - नवीन सिंह, मुखिया प्रतिनिधि

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