गया: झारखंड के हजारीबाग जिला अंतर्गत चौपारण प्रखंड का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें बिहार के वन विभाग के अधिकारी और पुलिस एक गाड़ी में तोड़फोड़ कर उसे अपने साथ ले जाते नजर आ रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बिना परमिशन के बिहार के अधिकारी दूसरे राज्य में घुसकर कैसे कार्रवाई कर सकते हैं.
'गया के रहने वाले हैं पीड़ित'
दरअसल, गया के बाराचट्टी थाना क्षेत्र के भलुआचट्टी गांव निवासी जगदीश यादव(जेडीयू नेता) यहां गांव में घर बनवा रहे हैं. कुछ दिन पहले वन विभाग के अधिकारी उनके यहां जाकर उनसे बालू का चालान मांगने लगे. जगदीश ने चालान चालक के पास होने का बात कही. जिसके बाद दोनों में कहा-सुनी होने लगी. इसी क्रम में अधिकारी देख लेने की धमकी देकर चले गए.
उसके बाद जगदीश यादव ने वन प्रखंड अधिकारी अभिषेक कुमार से मिलकर उन्हें पूरे घटना क्रम से अवगत कराया. जिसके बाद अधिकारी ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिया. उसके अलगे दिन वन विभाग के अधिकारी और पुलिस वाले उनके हजारीबाग स्थित घर पहुंचकर वहां लगी एक कार में तोड़पोड़ की और उसे अपने साथ ले गए.
'पत्नी और बच्चों के साथ की गई मारपीट'
जगदीश यादव ने बताया कि तब वह घर पर नहीं थे, घर पर मौजूद पत्नी और बच्चे अधिकारियों से वारंट की मांग करते रहे. लेकिन उन्हें कोई कागज नहीं दिखाया गया. घर वालों ने इसका विरोध किया तो उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें घर में बंद कर कार अपने साथ लेकर चले गए.
जगदीश यादव ने इस सिलसिले में हजारीबाज के चौपारण में शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने कहा कि गया स्थित वन प्रमंडल में भी शिकायत दर्ज कराई जाएगी.
'अधिकारी को नहीं रहा सीमा का अंदाजा'
वहीं, वन प्रखंड अधिकारी अभिषेक कुमार ने कहा कि विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि जगदीश यादव जंगल के इलाके में बालू का खनन कर रहे हैं. वहां छापेमारी की गई तो वे अपनी गाड़ी से भागने लगे. उनका पीछा करते हुए अधिकारी उनके घर पहुंचे तो वे नहीं मिले, वहां मौजूद गाड़ी को जब्त कर ली गई है. आगे की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सीमा का अंजादा नहीं रहा, इसलिए झारखंड में प्रवेश कर गए. बता दें कि चौपारण प्रखंड में जहां कार्रवाई हुई है, वह इलाका बिहार-झारखंड से महज एक किमी की दूरी पर स्थित है.