गया: बिहार के गया (Gaya) जिले के इमामगंज के पूर्व डीएसपी (Ex DSP) कमलकांत प्रसाद यौनशोषण केस में अब नया मोड़ आ गया है. पीड़िता ने अपने सगे और मेमोरे भाई पर अपहरण कर बयान बदलने का दबाव बनाने का आरोप लगाकर इमामगंज थाना में एफआईआर दर्ज करवाई है. बता दें कि नाबालिग से दुष्कर्म और यौन शोषण के मामले में कमलकांत प्रसाद को आरोपी बनाया गया है. डीएसपी की गिरफ्तारी के लिए गया पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है.
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दरअसल, जिले के इमामगंज थाना क्षेत्र की नाबालिग से दुष्कर्म मामले में गया के तत्कालीन मुख्यालय डीएसपी कमलाकांत प्रसाद पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. दलित लड़की से दुष्कर्म की यह प्रथमिकी घटना 3 वर्षों बाद दर्ज की गई थी. आरोपी डीएसपी मुख्यालय कमलाकांत प्रसाद वर्तमान में सिपाही भर्ती विभाग में पदस्थापित हैं. कोर्ट से वारंट निकलने पर पटना और बक्सर पुलिस छापेमारी कर रही है. इसी बीच पीड़िता ने अपने दो भाइयों पर प्राथमिकी दर्ज करवायी है.
'पीड़िता का दो भाई है. पीड़िता का छोटा भाई केस का वादी है. उसने इस पीड़िता को बयान बदलने का दबाव देने के लिए बंधक बनाया था. पीड़िता के बड़े भाई ने इसके बारे में पूरी जानकारी दी है. पीड़िता के बड़े भाई व पीड़िता के बयान पर छोटे भाई और उसके सहयोगी पर केस दर्ज हुआ है. छोटे भाई की मंशा कुछ और थी जिसकी जांच चल रही है.' :- आदित्य कुमार,एसएसपी
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वहीं इस मामले का खुलासा 7 अगस्त को हुआ जब पीड़िता इमामगंज थाने में आवेदन लेकर पहुंची थी. पीड़िता का आवेदन 4 दिन बाद इमामगंज थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी दर्ज की गई. पीड़िता ने आवेदन में बताया कि आरोपी डीएसपी के खिलाफ गया कोर्ट में 164 के तहत बयान दर्ज कराकर वह झारखंड के चतरा जिले के पास रिश्तदार के यहां गई, जहां मेरे साथ मारपीट की गई. मुझसे सादे कागज पर भी हस्ताक्षर कराया गया. मुझे भाई से जान का खतरा है मुझे सुरक्षा भी चाहिए.
जानकारी के अनुसार, मामला साल 2017 का है. आरोप है कि घटना के दिन पीड़ित नाबालिग लड़की उनके गया स्थित सरकारी आवास में ठहरी थी. इस दौरान डीएसपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया. नाबालिग लड़की से दुष्कर्म की घटना उस समय की है, जब कमलाकांत गया जिले के पुलिस मुख्यालय में डीएसपी थे. पीड़िता ने अपने बयान में कहा है कि आरोपित ने अपने सरकारी आवास पर ही घटना को अंजाम दिया था. इस मामले में बीते 27 मई को उनके विरुद्ध महिला थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी. मामला संज्ञान में आने बाद जांच सीआईडी के कमजोर वर्ग की शाखा कर रही है. पॉक्सो और एसी-एसटी धारा में दर्ज है मामला.
पीड़िता का आरोप है कि उस वक्त डीएसपी अपने पटना स्थित आवास पर घरेलू कामकाज के लिए अपने साथ ले जाने वाले थे. यही कारण है कि वह रात में उनके सरकारी आवास में ही रुकी थी. आरोप के अनुसार, कमलाकांत प्रसाद ने रात में किशोरी से दुष्कर्म किया और डरा-धमकाकर चुप करा दिया. बताया जाता है कि इस मामले में पॉक्सो और एससी-एसटी समेत कई संगीन धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. मामला संज्ञान में आने के बाद डीजीपी ने 11 जून को इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सीआईडी (कमजोर वर्ग) को सौंप दी.