गयाः बिहार के गया में दलाई लामा टीचिंग शुरू हो गया है. 29, 30 और 31 दिसंबर को बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा का टीचिंग होगा. देश विदेश से करीब 60 हजार से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं. सभी के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए महाकिचन बनाया गया है, जिसमें चाय के लिए तीन महाकड़ाही लाया गया है. इसमें एक साथ में 90 हजार लोगों के लिए चाय बनेगी.
तिब्बती रोटी के साथ मिलेगी चायः बता दें कि टीचिंग के दौरान बौद्ध श्रद्धालुओं को दो-दो बार चाय परोसी जाती है. बौद्ध श्रद्धालु फालेप (तिब्बती रोटी) के चाय के साथ लेते हैं. फालेप अन्यत्र बन जाती है, किंतु हजारों श्रद्धालुओं के लिए चाय की व्यवस्था मुश्किल होती है. इसको लेकर बोधगया में महा किचन बनाया गया है. इस माह किचन में सिर्फ चाय बनती है.
तीन महाकड़ाही में बनेगी चायः महा रसोई में 3 महाकड़ाही के लिए महाचूल्हा भी बनाए गए हैं. 30 फीट के जगह में महाचूल्हा बने हैं. बौद्ध धर्म गुरु की टीचिंग शुरू होते ही इन चूल्हों पर चाय बनाने जाता है. 29 दिसंबर से शुरू हुए कार्यक्रम में कई टन दूध की व्यवस्था की गई है.
"एक बार में महाकिचन की एक कड़ाही में 30 हजार से अधिक बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए चाय बनती है. बौद्ध श्रद्धालुओं को दो-दो बार चाय दी जाती है. एक लाख से अधिक लोगों के लिए चाय बनेगी. इतने लोगों के लिए चाय एक से दो बार में इस महाकड़ाही बन जाएगी. किचन में सिर्फ चाय बनती है. बाकी अन्य चीजों की व्यवस्था दूसरे जगह होती है." -दोरजे, किचन की देखरेख करने वाले
कई टन दूध की होगी खपतः महा किचन में चाय बनेगी, इसके लिए कई टन दूध की खपत होगी. यह दूध बौद्ध श्रद्धालुओं के द्वारा ही महा किचन में डोनेट किया जा रहा है. महा किचन में भी सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और अग्निशमन विभाग की भी ड्यूटी लगी है.
यह भी पढ़ेंः
गया में बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा का टीचिंग शुरू, देश-विदेश से आए 60 हजार श्रद्धालु हुए शामिल
तिब्बती रोटी की गया में बढ़ी डिमांड, बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा समेत लजीज 'फालेप' के हैं मुरीद