गया: बिहार के गया सिविल कोर्ट से हत्या मामले (Life Sentence in Gaya Murder Case) के दो आरोपी बीते दिन दोषी करार होते ही फरार हो गए थे. पुलिस दबिश के बाद अगले ही दिन उन्होंने सरेंडर कर दिया था. कोर्ट ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ-साथ 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय राजकुमार राजपूत की अदालत ने दोनों दोषी अभियुक्त राजकुमार पासवान और विनय पासवान को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई. दोनों अभियुक्त गया के मुफस्सिल थाना के बेलहंडी गांव के रहने वाले हैं.
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गया में हत्या मामले में उम्रकैद की सजा: अपर लोक अभियोजक कमल किशोर पंडित ने बताया कि शिकायतकर्ता मुफस्सिल थाना के बेलहंडी की निवासी सविता देवी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. आरोप था कि 3 अप्रैल 2015 को जब वह अपनी बेटी के साथ अपने खेत में सरसों काट रही थी, तो उसके पति कृष्ण पासवान ने दोनों मां बेटी को घर भेजा और स्वयं खेत में रह गए थे. घर नहीं लौटे तो अगले दिन ढूंढना शुरू किया. इस बीच चानहर बांध स्थित पइन में पति कृष्णा पासवान को गिरा हुए देखा. घायल अवस्था में मेरे पति ने बताया कि दोनों अभियुक्त खेत से पईन में खींच कर ले गए और वहां ईंट-पत्थर से हमला कर दिया. बाद में इलाज के क्रम में अस्पताल में कृष्ण पासवान की मौत हो गई.
दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने सुनाया फैसला: अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राजकुमार पासवान और विनय पासवान को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई और आर्थिक दंड भी लगाया. आर्थिक दंड की यह राशि मृतक की पत्नी को दिए जाने का आदेश कोर्ट ने सुनाया.
दोषी करार होते ही भाग निकले थे दोनों अभियुक्त: जानकारी हो कि कोर्ट में नियमित सुनवाई के दौरान दोनों अभियुक्त आ रहे थे. इस बीच बीते सप्ताह दोषी करार होते ही जब तक उन्हें कस्टडी में लिया जाता, दोनों कोर्ट से भाग निकले थे. पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही थी. पुलिस की दबिश को देखते हुए दोनों ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था और इस बीच अब न्यायालय ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.