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गया पितृपक्ष मेला: तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए बरनवाल समाज की महिलाओं ने लगाया शिविर

वर्णवाल महिला सेवा समिति की जिलाध्यक्ष सुषमा बरनवाल ने कहा कि तीर्थयात्रियों को सेवा देने के लिए शिविर का आयोजन किया गया है. वर्णवाल महिला समिति की ओर से शिविर के माध्यम से मेला में आए तीर्थयात्रियों को पानी और खीर भी प्रसाद के रूप में वितरित किया जा रहा है.

बरनवाल समाज की महिलाएं लगा रही मुफ्त शिविर
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Published : Sep 21, 2019, 1:39 PM IST

गया: मोक्षधाम के रूप में प्रख्यात गया शहर में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष महासंगम-2019 चल रहा है. इस मेले में देश-विदेश से लाखों की संख्या में तीर्थयात्री गयाजी पहुंच रहे हैं. तीर्थयात्री गया में अपने पितरों के मोक्ष की प्राप्ति के लिए पिंडदान कर्मकांड कर रहे हैं. इन तीर्थयात्रियों को सेवा देने के लिए शिविर के माध्यम से कई सामाजिक संस्थाएं कार्य कर रही है.

शहर के रामसागर रोड स्थित सूर्य मंदिर के पास वर्णवाल महिला सेवा समिति की तरफ से शिविर लगाया गया. शिविर के माध्यम से तीर्थ यात्रियों को चाय, बिस्कुट, पानी और खीर खिलाई जा रही है.

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तीर्थयात्रियों के लिए खीर बना रही महिलाएं

महिलाओं ने की तीर्थयात्रियों की सेवा
वर्णवाल महिला सेवा समिति की जिलाध्यक्ष सुषमा बरनवाल ने कहा कि तीर्थयात्रियों को सेवा देने के लिए सिर्फ पुरुष ही आगे नहीं है, बल्कि समाज की महिलाएं भी आगे आ रही है. वर्णवाल महिला समिति की ओर से शिविर के माध्यम से मेला में आए तीर्थयात्रियों को पानी और खीर भी प्रसाद के रूप में वितरित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गया शहर में तीर्थयात्री अपने पितरों को मोक्ष की कामना को लेकर आते हैं. ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी ना हो. तीर्थयात्री गया शहर से संतुष्ट होकर जाए और एक अच्छा संदेश अपने साथ ले जाएं. इसी उद्देश्य से हम तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए लगातार लगे हुए हैं.

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वर्णवाल महिला सेवा समिति की जिलाध्यक्ष सुषमा बरनवाल

तीर्थ यात्रियों के लिए लगाया गया शिविर
बरनवाल महिला सेवा समिति की सचिव भारती प्रियदर्शनी ने कहा कि गया शहर मोक्षधाम के लिए प्रसिध्द है. तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी ना हो इसके लिए महिलाएं भी सामाजिक कार्यों में भाग ले रही है. उन्होंने कहा कि हमारी संस्था की तरफ से कई जनहित में कार्य किए जा रहे हैं. वहीं होशंगाबाद जिला से आये तीर्थयात्री कृष्ण कुमार दुबे ने कहा कि पहली बार ऐसा देखा जा रहा है कि पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी तीर्थ यात्रियों को सेवा कर रही है. यह एक अच्छी पहल है.

बरनवाल समाज की महिलाओं ने लगाया मुफ्त शिविर

पितृपक्ष का महत्व
14 सितंबर से आश्विन कृष्ण पक्ष का आरंभ हो चुका है जो 28 सितंबर 2019 तक चलेगा. शास्त्रों में बताया गया है कि इस पक्ष में पितरों का तर्पण और श्राद्ध किया जाना चाहिए. आश्विन कृष्ण पक्ष से अमावस्या तक को पितृपक्ष कहा जाता है. लोक मान्यता के अनुसार और पुराणों में भी बताया गया है कि पितृ पक्ष के दौरान परलोक गए पूर्वजों को पृथ्वी पर अपने परिवार के लोगों से मिलने का अवसर मिलता है. वह पिंडदान, अन्न और जल ग्रहण करने की इच्छा से अपनी संतानों के पास रहते हैं. इन दिनों मिले अन्न, जल से पितरों को बल मिलता है और इसी से वह परलोक के अपने सफर को तय कर पाते हैं. इन्हीं अन्न जल की शक्ति से वह अपने परिवार के सदस्यों का रक्षा कर पाते हैं.

गया: मोक्षधाम के रूप में प्रख्यात गया शहर में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष महासंगम-2019 चल रहा है. इस मेले में देश-विदेश से लाखों की संख्या में तीर्थयात्री गयाजी पहुंच रहे हैं. तीर्थयात्री गया में अपने पितरों के मोक्ष की प्राप्ति के लिए पिंडदान कर्मकांड कर रहे हैं. इन तीर्थयात्रियों को सेवा देने के लिए शिविर के माध्यम से कई सामाजिक संस्थाएं कार्य कर रही है.

शहर के रामसागर रोड स्थित सूर्य मंदिर के पास वर्णवाल महिला सेवा समिति की तरफ से शिविर लगाया गया. शिविर के माध्यम से तीर्थ यात्रियों को चाय, बिस्कुट, पानी और खीर खिलाई जा रही है.

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तीर्थयात्रियों के लिए खीर बना रही महिलाएं

महिलाओं ने की तीर्थयात्रियों की सेवा
वर्णवाल महिला सेवा समिति की जिलाध्यक्ष सुषमा बरनवाल ने कहा कि तीर्थयात्रियों को सेवा देने के लिए सिर्फ पुरुष ही आगे नहीं है, बल्कि समाज की महिलाएं भी आगे आ रही है. वर्णवाल महिला समिति की ओर से शिविर के माध्यम से मेला में आए तीर्थयात्रियों को पानी और खीर भी प्रसाद के रूप में वितरित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गया शहर में तीर्थयात्री अपने पितरों को मोक्ष की कामना को लेकर आते हैं. ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी ना हो. तीर्थयात्री गया शहर से संतुष्ट होकर जाए और एक अच्छा संदेश अपने साथ ले जाएं. इसी उद्देश्य से हम तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए लगातार लगे हुए हैं.

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वर्णवाल महिला सेवा समिति की जिलाध्यक्ष सुषमा बरनवाल

तीर्थ यात्रियों के लिए लगाया गया शिविर
बरनवाल महिला सेवा समिति की सचिव भारती प्रियदर्शनी ने कहा कि गया शहर मोक्षधाम के लिए प्रसिध्द है. तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी ना हो इसके लिए महिलाएं भी सामाजिक कार्यों में भाग ले रही है. उन्होंने कहा कि हमारी संस्था की तरफ से कई जनहित में कार्य किए जा रहे हैं. वहीं होशंगाबाद जिला से आये तीर्थयात्री कृष्ण कुमार दुबे ने कहा कि पहली बार ऐसा देखा जा रहा है कि पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी तीर्थ यात्रियों को सेवा कर रही है. यह एक अच्छी पहल है.

बरनवाल समाज की महिलाओं ने लगाया मुफ्त शिविर

पितृपक्ष का महत्व
14 सितंबर से आश्विन कृष्ण पक्ष का आरंभ हो चुका है जो 28 सितंबर 2019 तक चलेगा. शास्त्रों में बताया गया है कि इस पक्ष में पितरों का तर्पण और श्राद्ध किया जाना चाहिए. आश्विन कृष्ण पक्ष से अमावस्या तक को पितृपक्ष कहा जाता है. लोक मान्यता के अनुसार और पुराणों में भी बताया गया है कि पितृ पक्ष के दौरान परलोक गए पूर्वजों को पृथ्वी पर अपने परिवार के लोगों से मिलने का अवसर मिलता है. वह पिंडदान, अन्न और जल ग्रहण करने की इच्छा से अपनी संतानों के पास रहते हैं. इन दिनों मिले अन्न, जल से पितरों को बल मिलता है और इसी से वह परलोक के अपने सफर को तय कर पाते हैं. इन्हीं अन्न जल की शक्ति से वह अपने परिवार के सदस्यों का रक्षा कर पाते हैं.

Intro:पितृपक्ष मेला में आए तीर्थयात्रियों को शिविर के माध्यम से महिलाएं भी दे रही है सुविधाएं,
बरनवाल समाज की महिलाएं शुद्ध पेयजल, चाय और बिस्कुट के साथ तीर्थ यात्रियों को खिला रही है खीर।


Body:गया: मोक्षधाम के रूप में प्रख्यात गया शहर में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष महासंगम-2019 चल रहा है। इस मेले में देश-विदेश से लाखों की संख्या में तीर्थयात्री गयाजी पहुंच रहे हैं और अपने पितरों को मोक्ष की प्राप्ति के लिए पिंडदान कर्मकांड कर रहे हैं। इन तीर्थयात्रियों को सेवा देने के लिए शिविर के माध्यम से कई सामाजिक संस्थाएं कार्य कर रही है। इसी क्रम में शहर के रामसागर रोड स्थित सूर्य मंदिर के समीप वर्णवाल महिला सेवा समिति के द्वारा शिविर के माध्यम से तीर्थ यात्रियों को चाय, बिस्कुट, शुद्ध पेयजल और खीर खिलाई जा रही है।
इस मौके पर वर्णवाल महिला सेवा समिति की जिलाध्यक्ष सुषमा बरनवाल ने कहा कि तीर्थयात्रियों को सेवा देने के लिए सिर्फ पुरुष ही आगे नहीं है, बल्कि समाज की महिलाएं भी आगे आ रही है। इसी क्रम में वर्णवाल महिला समिति के द्वारा शिविर के माध्यम से मेला में आए तीर्थयात्रियों को शुद्ध पेयजल और खीर भी प्रसाद के रूप में वितरित किया जा रहा है। क्योंकि गया शहर में तीर्थयात्री अपने पितरों को मोक्ष की कामना को लेकर आते हैं। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी ना हो। ये तीर्थयात्री गया शहर से संतुष्ट होकर जाए और एक अच्छा संदेश अपने साथ ले जाएं। हम तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए लगातार लगे हुए हैं।
वहीं बरनवाल महिला सेवा समिति की सचिव भारती प्रियदर्शनी ने कहा कि पेयजल, चाय और बिस्कुट के अलावा खीर भी तीर्थयात्रियों को खिलाया जा रहा है। ताकि जब तीर्थयात्री यहां से जाए, तो उनका मुंह मीठा हो। गया शहर मोक्षधाम के लिए प्रख्यात है ही, तीर्थयात्रियों को यह भी लगे कि महिलाएं भी सामाजिक कार्यों में भाग ले रही है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्था के द्वारा और भी कई जनहित में कार्य किए जा रहे हैं।
वहीं होशंगाबाद जिला से आये तीर्थयात्री कृष्ण कुमार दुबे ने कहा कि पहली बार ऐसा देखा जा रहा है कि पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी तीर्थ यात्रियों को सेवा प्रदान कर रही है। यह एक बहुत ही अच्छी पहल है। इससे तीर्थयात्रियों के बीच एक अच्छा संदेश जा रहा है। ये महिलाएं धन्यवाद के पात्र हैं।

बाइट- सुषमा वर्णवाल, जिलाध्यक्ष, बरनवाल महिला सेवा समिति।
बाइट- भारती प्रियदर्शनी, सचिव, वर्णवाल महिला सेवा समिति।
बाइट- कृष्ण कुमार दुबे, तीर्थयात्री होशंगाबाद निवासी।

रिपोर्ट- प्रदीप कुमार सिंह
गया


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