ETV Bharat / state

गया में दलाई लामा ने किया मंजूश्री का अनुष्ठान, अज्ञानता और क्लेश होंगे दूर

दलाई लामा के उपदेश को सुनने के लिए 47 देशों के 35 हजार लोग भाग ले रहे हैं. इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों के अलावा दुनिया के 47 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं.

दलाईलामा
दलाईलामा
author img

By

Published : Jan 5, 2020, 5:52 PM IST

गयाः बोधगया के कालचक्र मैदान में तिब्बत के 14वें धर्मगुरु दलाई लामा पिछले साल शेष रह गए मंजू घोष के 10 से 5 क्रम पर प्रवचन कर रहे हैं, रविवार को इसका चौथा दिन है. उन्होंने प्रवचन में कहा कि बौद्ध श्रद्धालुओं की एक अच्छा जीवन और इंसान बनना चाहते हो, तो बुद्ध चित्त का अभ्यास प्राप्त करें. सभी जीवों को भी बुद्ध चित्त प्राप्त करना चाहिए. सिर्फ अभ्यास करने से ही बौद्ध चित्त प्राप्त हो जाती है.

दलाई लामा का बुद्ध चित्त प्रवचन चार जनवरी से शुरू होकर 6 जनवरी तक चलेगा. दलाई लामा तिब्बती बौद्ध ग्रन्थ के आधार पर द व्हील्स ऑफ टिचिंग्स ऑन मंजुश्री विषय पर उपदेश दे रहे हैं. अपने प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि जितने भी जीव धारी हैं सभी के लिये प्रार्थना करूंगा.

बोधगया से खास रिपोर्ट

उपेदश की प्रमुख बातें...

  • मनुष्य को बात ऐसी करनी चाहिए, जिससे एक दूसरे को तकलीफ और कष्ट न हो.
  • जो असुर और सुर की बात करते हैं. हमारे लिये पाप हैं, तो बुद्ध चित्त से पुण्य की प्राप्त होगी और लाभ मिलेगा.
  • भगवान गौतम बुद्ध बोधगया में विराजमान हैं.
    कालचक्र मैदान में दलाई लामा
    कालचक्र मैदान में दलाई लामा

परम पावन दलाई लामा जी के ट्रांसलेटर कैलाश चंद्र बौद्ध ने बताया कि परम पावन दलाई लामा जी मंजुश्री का धामाचक्र अनुष्ठान चल रहा है. वही मंजुश्री का अभिषेक दिया है. मंजुश्री का मतलब काली माता भी कह सकते हैं. मंजुश्री प्रवचन का मतलब विश्व में शांति कायम रहे. मनुष्य के अंदर अज्ञानता और क्लेश दूर हो. इसे नष्ट करने के लिये ही मंजूश्री का अनुष्ठान किया गया है. इष्ट देव गुरु और शिष्य का ज्ञान ही मंजुश्री का अनुष्ठान है.

प्रवचन सुनते बौद्ध अनुयायी
प्रवचन सुनते बौद्ध अनुयायी

47 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल
धर्मगुरु दलाई लामा के हिंदी ट्रांसलेटर कैलाश चन्द्र बौद्ध ने प्रवचन शुरू होने से पहले बताया कि पिछले साल धर्म गुरू ने मंजुश्री के दस में से पांच क्रम का उपदेश दिया था. बाकी बचे पांच क्रम का उपदेश इस साल चार, पांच और छः जनवरी को होगा. उन्होंने बताया कि इस टीचिंग में 47 देशों के 35 हजार लोग भाग ले रहे हैं. इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों के अलावा दुनिया के 47 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं.

गयाः बोधगया के कालचक्र मैदान में तिब्बत के 14वें धर्मगुरु दलाई लामा पिछले साल शेष रह गए मंजू घोष के 10 से 5 क्रम पर प्रवचन कर रहे हैं, रविवार को इसका चौथा दिन है. उन्होंने प्रवचन में कहा कि बौद्ध श्रद्धालुओं की एक अच्छा जीवन और इंसान बनना चाहते हो, तो बुद्ध चित्त का अभ्यास प्राप्त करें. सभी जीवों को भी बुद्ध चित्त प्राप्त करना चाहिए. सिर्फ अभ्यास करने से ही बौद्ध चित्त प्राप्त हो जाती है.

दलाई लामा का बुद्ध चित्त प्रवचन चार जनवरी से शुरू होकर 6 जनवरी तक चलेगा. दलाई लामा तिब्बती बौद्ध ग्रन्थ के आधार पर द व्हील्स ऑफ टिचिंग्स ऑन मंजुश्री विषय पर उपदेश दे रहे हैं. अपने प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि जितने भी जीव धारी हैं सभी के लिये प्रार्थना करूंगा.

बोधगया से खास रिपोर्ट

उपेदश की प्रमुख बातें...

  • मनुष्य को बात ऐसी करनी चाहिए, जिससे एक दूसरे को तकलीफ और कष्ट न हो.
  • जो असुर और सुर की बात करते हैं. हमारे लिये पाप हैं, तो बुद्ध चित्त से पुण्य की प्राप्त होगी और लाभ मिलेगा.
  • भगवान गौतम बुद्ध बोधगया में विराजमान हैं.
    कालचक्र मैदान में दलाई लामा
    कालचक्र मैदान में दलाई लामा

परम पावन दलाई लामा जी के ट्रांसलेटर कैलाश चंद्र बौद्ध ने बताया कि परम पावन दलाई लामा जी मंजुश्री का धामाचक्र अनुष्ठान चल रहा है. वही मंजुश्री का अभिषेक दिया है. मंजुश्री का मतलब काली माता भी कह सकते हैं. मंजुश्री प्रवचन का मतलब विश्व में शांति कायम रहे. मनुष्य के अंदर अज्ञानता और क्लेश दूर हो. इसे नष्ट करने के लिये ही मंजूश्री का अनुष्ठान किया गया है. इष्ट देव गुरु और शिष्य का ज्ञान ही मंजुश्री का अनुष्ठान है.

प्रवचन सुनते बौद्ध अनुयायी
प्रवचन सुनते बौद्ध अनुयायी

47 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल
धर्मगुरु दलाई लामा के हिंदी ट्रांसलेटर कैलाश चन्द्र बौद्ध ने प्रवचन शुरू होने से पहले बताया कि पिछले साल धर्म गुरू ने मंजुश्री के दस में से पांच क्रम का उपदेश दिया था. बाकी बचे पांच क्रम का उपदेश इस साल चार, पांच और छः जनवरी को होगा. उन्होंने बताया कि इस टीचिंग में 47 देशों के 35 हजार लोग भाग ले रहे हैं. इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों के अलावा दुनिया के 47 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं.

Intro:गया बोधगया कालचक्र ग्राउंड में परम पावन बौद्ध धर्मगुरु 14वे दलाईलामाजी का आज चौथे दिन
उन्होंने प्रवचन में बौद्ध श्रद्धालुओं की एक अच्छा जीवन व इन्सान बनना चाहते हो तो बुद्ध चित का अभ्यास प्राप्त करें।सभी जीवों को भी बुद्ध चित प्राप्त करना चाहिए।
सिर्फ अभ्यास करने से ही बौद्ध चित प्राप्त हो जाती हैं।
जितने भी जीव धारी हैं सभी के लिये प्रथना करूँगा । Body:V1- गया बोधगया कालचक्र ग्राउंड में परम पावन बौद्ध धर्मगुरु 14वे दलाईलामाजी का आज चौथे दिन
उन्होंने प्रवचन में बौद्ध श्रद्धालुओं की एक अच्छा जीवन व इन्सान बनना चाहते हो तो बुद्ध चित का अभ्यास प्राप्त करें।सभी जीवों को भी बुद्ध चित प्राप्त करना चाहिए।
सिर्फ अभ्यास करने से ही बौद्ध चित प्राप्त हो जाती हैं।
जितने भी जीव धारी हैं सभी के लिये प्रथना करूँगा ।
V2- मनुष्य को बात ऐसी करनी चाहिए जिससे एक दूसरे को तकलीफ व कष्ट न हो ।
जो असुर व सुर की बात करते हैं हमारे लिये पाप हैं ।तो बुद्ध चित से पुण्य की प्राप्त होगी व लाभ मिलेगा।
भगवान गौतम बुद्ध बोधगया में विराजमान हैं ।
V3- परम पावन दलाईलामा जी का ट्रांसलेटर कैलास कुमार ने बताया कि परम पावन दलाईलामा जी मंजुश्री का धामाचक्र अनुष्ठान चल रहा है।वही मंजुश्री का अभिषेक दिया है।मंजुश्री का मतलव काली माता भी कह सकते हैं। मंजुश्री प्रवचन का मतलब विश्व में शांति कायम रहे।जो भी मनुष्य के अंदर अज्ञानता व कलेश दूर व नष्ट करने के लिये ही मंजूश्री का अनुष्ठान किया गया है। जौसे की कलेश आवर और गे आवर जब तक ये दोनों को शून्यता का ज्ञान व अभ्यास होना चाहिए। इष्ट देव गुरु और शिष्य का ज्ञान ही मंजुश्री का अनुष्ठान है।
V4- बोधगया कालचक्र ग्राउंड में 47 देश के लगभग 35हजार बौद्ध श्रद्धलुओ का आगमन हुआ है।
इसको लेकर जिला प्रशासन की ओर से बेहतर बंदोवस्त किया गया है।
ताकि किसी भी तरह का श्रद्धलुओं को दिक्कतो का सामना करना न पड़े।Conclusion:बरहाल आपको बता दें कि परम पावन दलाईलामा जी का ट्रांसलेटर कैलास कुमार ने बताया कि परम पावन दलाईलामा जी मंजुश्री का धामाचक्र अनुष्ठान चल रहा है।वही मंजुश्री का अभिषेक दिया है।मंजुश्री का मतलव काली माता भी कह सकते हैं। मंजुश्री प्रवचन का मतलब विश्व में शांति कायम रहे।जो भी मनुष्य के अंदर अज्ञानता व कलेश दूर व नष्ट करने के लिये ही मंजूश्री का अनुष्ठान किया गया है। जौसे की कलेश आवर और गे आवर जब तक ये दोनों को शून्यता का ज्ञान व अभ्यास होना चाहिए। इष्ट देव गुरु और शिष्य का ज्ञान ही मंजुश्री का अनुष्ठान है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.