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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी दो बार आए थे गया, किया था पूर्वजों का पिंडदान

गया जी में खासकर पितृपक्ष में देश-विदेश से आम से खास सभी लोग पिंडदान करने आते हैं. यहां पिंडदान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी सिलसिले में साल 1991 में पूर्व राष्ट्रपति पिंडदान करने गया जी धाम आये थे. उस वक्त प्रणव मुखर्जी योजना आयोग के उपाध्यक्ष थे.

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Published : Sep 1, 2020, 11:02 PM IST

गया: देश के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन से पूरे देश में शोक का माहौल है. इसी क्रम में मोक्ष स्थल गया जी में भी पंडा समुदाय पूर्व राष्ट्रपति के निधन से शोक में है. विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सचिव गजाधर लाल पाठक के अनुसार गया जी में पूर्व राष्ट्रपति साल 1991 में पिंडदान करने आए थे. वहीं इस बात की पुष्टि कांग्रेस के वरीय नेता दामोदर गोस्वामी ने भी किया है.

दरअसल गया जी में खासकर पितृपक्ष में देश-विदेश से आम से खास सभी लोग पिंडदान करने आते हैं. यहां पिंडदान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी सिलसिले में साल 1991 में पूर्व राष्ट्रपति पिंडदान करने गया जी धाम आये थे. उस वक्त प्रणव मुखर्जी योजना आयोग के उपाध्यक्ष थे.

गया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दामोदर गोस्वामी

स्थानीय पंडा के घर गए थे प्रणब दा
वहीं उनके निधन पर स्थानीय पंडा समुदाय उन्हें याद कर रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दामोदर गोस्वामी ने बताया कि प्रणव मुखर्जी गया जी में दो बार आये थे. एक बार अपने पत्नी और पिता के साथ आये वहीं दूसरी बार अपनी माता जी के साथ आये थे. इस दौरान प्रणब मुखर्जी स्थानीय पंडा गजाधर लाल पाठक जी का घर देखने तक गए थे. घर देखकर काफी रोमांचित हुए थे. उन्होंने बताया कि वो काफी सरल और सुलभ थे. सबसे मिलना और हर जगह की जानकारी लेना उनकी प्राथमिकता थी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

स्थानीय लोगों ने किया याद
गौरतलब है कि कल पूर्व राष्ट्रपति की मौत के बाद सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है. आज कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संस्थाओं ने दिवंगत प्रणव मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर याद किया.

गया: देश के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन से पूरे देश में शोक का माहौल है. इसी क्रम में मोक्ष स्थल गया जी में भी पंडा समुदाय पूर्व राष्ट्रपति के निधन से शोक में है. विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सचिव गजाधर लाल पाठक के अनुसार गया जी में पूर्व राष्ट्रपति साल 1991 में पिंडदान करने आए थे. वहीं इस बात की पुष्टि कांग्रेस के वरीय नेता दामोदर गोस्वामी ने भी किया है.

दरअसल गया जी में खासकर पितृपक्ष में देश-विदेश से आम से खास सभी लोग पिंडदान करने आते हैं. यहां पिंडदान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी सिलसिले में साल 1991 में पूर्व राष्ट्रपति पिंडदान करने गया जी धाम आये थे. उस वक्त प्रणव मुखर्जी योजना आयोग के उपाध्यक्ष थे.

गया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दामोदर गोस्वामी

स्थानीय पंडा के घर गए थे प्रणब दा
वहीं उनके निधन पर स्थानीय पंडा समुदाय उन्हें याद कर रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दामोदर गोस्वामी ने बताया कि प्रणव मुखर्जी गया जी में दो बार आये थे. एक बार अपने पत्नी और पिता के साथ आये वहीं दूसरी बार अपनी माता जी के साथ आये थे. इस दौरान प्रणब मुखर्जी स्थानीय पंडा गजाधर लाल पाठक जी का घर देखने तक गए थे. घर देखकर काफी रोमांचित हुए थे. उन्होंने बताया कि वो काफी सरल और सुलभ थे. सबसे मिलना और हर जगह की जानकारी लेना उनकी प्राथमिकता थी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

स्थानीय लोगों ने किया याद
गौरतलब है कि कल पूर्व राष्ट्रपति की मौत के बाद सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है. आज कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संस्थाओं ने दिवंगत प्रणव मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर याद किया.

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