गया: वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच देश में हुए लॉकडाउन के कारण बिहार के बाहर रह रहे छात्र-छात्राओं और मजदूरों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ने जो फैसला लिया है, उसकी पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने जमकर तारीफ की है. उन्होंने इस फैसले पर कहा है कि इसका हम हमेशा से मांग करते रहे हैं.
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए पूरे देश में 3 मई तक सरकार ने लॉकडाउन जारी किया है. ऐसे में बिहार के मजदूर जो दूसरे राज्यों में काम कर जीवन यापन कर रहे थे या छात्र-छात्राएं जो पढ़ाई के लिए गए थे, उसे लाने के लिए केंद्र सरकार ने जो फैसला लिया है, उसको लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने केंद्र सरकार की जमकर प्रशंसा की है.
'केंद्र सरकार ने सही समय पर लिया सही निर्णय'
इस संबंध में उन्होंने कहा कि बिहार के बाहर रह रहे छात्र-छात्राओं और मजदूरों को वापस लाने को लेकर केंद्र सरकार को हमेशा से अवगत कराते रहे हैं. हम छात्रों और मजदूरों को लाने के लिए हमेशा प्रधानमंत्री से भी मांग करते रहे हैं. अब जाकर प्रधानमंत्री ने इसको लेकर आदेश दिया है तो इसकी हम प्रशंसा करते हैं और बिहार सरकार से भी अनुरोध करते हैं कि इन सबकों लाने में अपने हाथ खड़ा न करे. बिहार सरकार के पास जो भी संसाधन है, उसी से छात्रों और मजदूरों को लाने की कोशिश करे. इस दौरान उन्होंने कहा कि कल हमें पता चला कि गया जिले के रहने वाले सैकड़ों मजदूर महाराष्ट्र के नागपुर से पैदल ही चल दिए हैं, जो आते-जाते रास्ते में जिंदगी-मौत के बीच पड़े हुए हैं. ऐसे ही सभी राज्यों के अनेकों मजदूरों की हालत होगी. ऐसे में केंद्र सरकार ने सही समय पर सही निर्णय लिया है.
हम बिहार सरकार से भी कहना चाहते हैं कि आप के पास जो साधन उपलब्ध है, उसी से अन्य राज्यों में फंसे छात्रों और मजदूरों को लाने की कोशिश करें और केंद्र सरकार से भी मांग करते हैं कि बिहार सरकार के पास संशाधनों की कमी है, ऐसे में केंद्र सरकार बिहार के छात्र-छात्राओं और मजदूरों को लाने में सहयोग करे.