गया : बिहार के गया में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) के खिलाफ पांच परिवाद दायर कराए गए हैं. रामचरितमानस पर विवादित बयान के बाद यह परिवाद दायर कराया गया है. विभिन्न लोगों द्वारा अलग-अलग पांच परिवार दायर किए गए हैं. अधिवक्ता की मानें, तो इसमें कुछ जमानतीय हैं और कुछ अजमानती धाराएं भी लगी हैं. एक परिवाद भाजपा जिलाध्यक्ष धनराज शर्मा के द्वारा कराया गया है. इसके अलावा चार अलग-अलग भी परिवाद दायर कराए गए हैं. अलग-अलग जातियों के लोगों के द्वारा यह परिवाद दायर कराए गए हैं.
ये भी पढ़ें - Ramcharitmanas Controversy: CM ने शिक्षा मंत्री को 'समझा दिया', बोले नीतीश- 'धर्म में दखलअंदाजी मत करें'
'शिक्षा मंत्री के बयान से आहत है हिंदू समाज' : इस संबंध में भाजपा के जिलाध्यक्ष धनराज शर्मा ने बताया कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान से हिंदू समाज आहत है. उनके खिलाफ मंगलवार को पांच परिवाद दायर कराए गए हैं, जिनमें एक परिवाद उनके द्वारा भी दायर कराया गया है. उन्होंने कहा कि जो रामचरितमानस घर-घर में है, उस रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने ठेस पहुंचाई है. उन्हें अब तक इस्तीफा दे देना चाहिए था. अनुमंडल स्तर पर भी परिवाद दायर कराए जाएंगे.
''मैं मंत्री पर केस नहीं कर रहा हूं. व्यक्तिगत चंद्रशखर जी पर परिवाद दायर कर रहा हूं. चंद्रशेखर जी से मैं कहना चाहता हूं कि क्यों नहीं धर्म परिवर्तन कर लेते? धर्म परिवर्तन के बाद अगर आप इस तरह का बयान देगें ताकि सनातन धर्म को मानने वाले जो लोग हैं, हिंदुओं की भावना को ठेस ना पहुंचे. भगवान राम और कृष्ण को हमलोग घर-घर में पूजते हैं.''- धनराज शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष, गया
'व्यवहार न्यायालय में रामचरितमानस का करेंगे पाठ' : धनराज शर्मा ने बताया कि मंगलवार को रामचरितमानस का पाठ का आयोजन भी कराया गया है. यह आयोजन गया के गोलपत्थर स्थित हनुमान मंदिर के पास कराया जाएगा, जिसमें हिंदू समाज के हर वर्ग के लोग शामिल होंगे. इसके लिए हर किसी को आमंत्रित किया जाता है. रामचरितमानस के विवादित बयान पर हर हाल में शिक्षा मंत्री के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
क्या है शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का मामला : दरअसल, पिछले दिनों नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दिक्षांत समारोह के दौरान शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि रामचरित मानस समाज में द्वेष पैदा करने वाला ग्रंथ है. यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ने से रोकता है. इस बयान के बाद बिहार सहित पूरे देश में राजनीति गर्म है.