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गया: पितृपक्ष मेला से पहले पानी के लिए तरस रही फल्गु नदी, CM नीतीश भी जता चुके हैं चिंता

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Published : Sep 7, 2019, 10:23 PM IST

फल्गु नदी की महत्ता गंगा नदी से अधिक समझी जाती है. कहा जाता है कि भगवान विष्णु और राम-सीता का जुड़ाव फल्गु नदी से ही हुआ था. फल्गु की उत्पत्ति की मान्यता हैं कि स्वयं भगवान विष्णु फल्गु के रूप में प्रकट हुए थे. बात जो भी हो लेकिन अब फल्गू नदी धीरे- धीरे अपनी पहचान खोने लगी है.

पृतपक्ष मेला है नजदीक फल्गू नदी की हालत गंभीर

गया: जिले में 12 सितंबर से पितृपक्ष मेला शुरु होने वाली है. लेकिन फल्गु नदी की हालत ऐसी है कि जो लोग उसमें पिंडदान करेंगे उनके आस्था को ठेस पहुंचेगा. इस नदी के रास्ते में मनसरवा नाले ने कब्जा कर लिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दृश्य को देखकर चिंता जतायी है. उन्होंने आने वाले पितृपक्ष मेला तक मनसरवा के पास डैम बनाने का निर्देश दिया है. ताकि नाली का पानी नदी से कुछ दूर गिराया जाए.

gaya
सूख चुकी है फल्गु नदी

तीन नदियों से बनी है फल्गु नदी
दरअसल, मान्यता है कि तीन नदियों निरंजना, मोहना और मधुश्रवा नदी के संगम से फल्गु नदी का जन्म हुआ है. लेकिन अब मधुश्रवा नदी की पहचान खत्म हो चुकी है. इस नदी ने अब नाले का रुप ले लिया है. वहीं इसको अब मनसरवा नाले के नाम से जाना जाता है. वहीं मनसरवा नाले का गंदा पानी फल्गू नदी को भी बर्बाद कर रही है. नदी की हालत ऐसी है कि इस बार के पृतपक्ष के लिए पिंडदान के लिए भी पानी नही बची है. नदी पूरी तरह से सूख चुकी है.

gaya
मनसरवा नदी बन गई नाला

पितृपक्ष से पहले ही सूख चुकी है नदी

12 सिंतबर से शुरु होने वाले पितृपक्ष मेला का जायजा लेने आये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसको लेकर चिंता जताई है. उन्होंने मनसरवा के पास डैम बनावाने का निर्देश दिया. ताकि मनसरवा का पानी नदी से कुछ दूर गिराया जा सके. इस संबंध में उपमेयर मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि मनसरवा नाला काम करना आसान नहीं है. यह एक बड़ा प्रोजेक्ट है. इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था. अभी तक प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगी है. पितृपक्ष मेला के दौरान पिंडदानी को नाले के पानी से मुक्ति के लिए अस्थायी रूप से मनसरवा का इंडिग पॉइंट पर डैम बनाया जा रहा है. हमलोग चाहते है कि मनसरवा नाला का स्थायी समाधान निकले पर नहीं निकल रहा है. इसके लिए हम प्रयास में जुटे हैं.

फल्गु नदी की हालत गंभीर.

खत्म हो रही है फल्गु नदी की पहचान

आपको बता दें कि फल्गु नदी की महत्ता गंगा नदी से अधिक समझी जाती है. कहा जाता है कि भगवान विष्णु और राम-सीता का जुड़ाव फल्गु नदी से ही हुआ था. फल्गु की उत्पत्ति की मान्यता है कि स्वयं भगवान विष्णु फल्गु के रूप में प्रकट हुए थे. बात जो भी हो लेकिन अब फल्गु नदी धीरे- धीरे अपनी पहचान खोने लगी है.

गया: जिले में 12 सितंबर से पितृपक्ष मेला शुरु होने वाली है. लेकिन फल्गु नदी की हालत ऐसी है कि जो लोग उसमें पिंडदान करेंगे उनके आस्था को ठेस पहुंचेगा. इस नदी के रास्ते में मनसरवा नाले ने कब्जा कर लिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दृश्य को देखकर चिंता जतायी है. उन्होंने आने वाले पितृपक्ष मेला तक मनसरवा के पास डैम बनाने का निर्देश दिया है. ताकि नाली का पानी नदी से कुछ दूर गिराया जाए.

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सूख चुकी है फल्गु नदी

तीन नदियों से बनी है फल्गु नदी
दरअसल, मान्यता है कि तीन नदियों निरंजना, मोहना और मधुश्रवा नदी के संगम से फल्गु नदी का जन्म हुआ है. लेकिन अब मधुश्रवा नदी की पहचान खत्म हो चुकी है. इस नदी ने अब नाले का रुप ले लिया है. वहीं इसको अब मनसरवा नाले के नाम से जाना जाता है. वहीं मनसरवा नाले का गंदा पानी फल्गू नदी को भी बर्बाद कर रही है. नदी की हालत ऐसी है कि इस बार के पृतपक्ष के लिए पिंडदान के लिए भी पानी नही बची है. नदी पूरी तरह से सूख चुकी है.

gaya
मनसरवा नदी बन गई नाला

पितृपक्ष से पहले ही सूख चुकी है नदी

12 सिंतबर से शुरु होने वाले पितृपक्ष मेला का जायजा लेने आये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसको लेकर चिंता जताई है. उन्होंने मनसरवा के पास डैम बनावाने का निर्देश दिया. ताकि मनसरवा का पानी नदी से कुछ दूर गिराया जा सके. इस संबंध में उपमेयर मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि मनसरवा नाला काम करना आसान नहीं है. यह एक बड़ा प्रोजेक्ट है. इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था. अभी तक प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगी है. पितृपक्ष मेला के दौरान पिंडदानी को नाले के पानी से मुक्ति के लिए अस्थायी रूप से मनसरवा का इंडिग पॉइंट पर डैम बनाया जा रहा है. हमलोग चाहते है कि मनसरवा नाला का स्थायी समाधान निकले पर नहीं निकल रहा है. इसके लिए हम प्रयास में जुटे हैं.

फल्गु नदी की हालत गंभीर.

खत्म हो रही है फल्गु नदी की पहचान

आपको बता दें कि फल्गु नदी की महत्ता गंगा नदी से अधिक समझी जाती है. कहा जाता है कि भगवान विष्णु और राम-सीता का जुड़ाव फल्गु नदी से ही हुआ था. फल्गु की उत्पत्ति की मान्यता है कि स्वयं भगवान विष्णु फल्गु के रूप में प्रकट हुए थे. बात जो भी हो लेकिन अब फल्गु नदी धीरे- धीरे अपनी पहचान खोने लगी है.

Intro:गया पौराणिक शहर हैं , यहाँ लोग अपने पितरों का पिंडदान करने आते हैं। कथा है तीन नदियों निरंजना, मोहना और मधुश्रवा नदी के संगम से फल्गु नदी की उतपत्ति हुई थी। मधुश्रवा नदी का अस्तित्व अब खत्म हो गया हैं। नदी के रास्ते मे नाला ने कब्जा कर लिया है और नाम मनसरवा होगया हैं। मनसरवा नाला का पानी फल्गू नदी बहाया जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दृश्य को देखकर चिंता जताया था, आगामी पितृपक्ष मेला तक मनसरवा के पास डैम बनाकर नाली के माध्यम से कुछ दूर आगे नाला का पानी गिराया जाएगा।




Body:गया में फल्गु नदी की महत्ता गंगा से अधिक समझा जाता है। भगवान विष्णु और राम- सीता का जुड़ाव फल्गु नदी से है। फल्गु की उतपत्ति की मान्यता हैं कि स्वयं भगवान विष्णु फल्गु के रूप में प्रकट हुए थे। मान्यता से आगे बढ़ते हैं, फल्गु नदी की उतपत्ति तीन नदियों के संगम से हुई है। तीन नदियों में निरंजना, महामाया और मधुश्रवा हैं। बरसात के मौसम में निरंजना और महामाया नदियां दिखती हैं, लेकिन मधुश्रवा नदी की जगह मनसरवा नाला का गन्दी पानी दिखता हैं। ऐसे तो मधुश्रवा नदी आज भी फल्गु नदी में मिल रहा है पर मनसरवा नाला के नाम के साथ और मधु के जगह गन्दगी पानी के साथ मिल रहा है। विष्णुपद मन्दिर के बगल में श्मशान घाट के रास्ते मे तुलसी उद्यान के पीछे मनसरवा नाला नजर आएगा। शहर के बड़े बड़े नाला इसमें आकर गिरते हैं।

12 सितंबर को राजकीय पितृपक्ष मेला का शुभारंभ होने वाला है। देश विदेश के पिंडदानी अपने पितरों का तर्पण और अर्पण करने गया में आये गए। लेकिन पितरों के तर्पण-अर्पण करने के लिए फल्गू नदी का पानी होना चाहिए। फल्गू नदी में भरी बरसात में पानी नही है। फल्गू में मनसरवा नाला का पानी बह रहा है। पितृपक्ष मेला का तैयारी का समीक्षा बैठक करने आये मुख्यमंत्री ने मनसरवा नाला पर चिंता जाहिर किया था। मुख्यमंत्री के चिंता होने पर नगर निगम ने अस्थायी रूप से एक डैम बनाया जो देखने पर और तकनीकी तौर पर कारगर नही है। बनाये जा रहे है डैम से के माध्यम बंदनुमा नाला में पानी जाएगा , और पानी किरानी घाट से आगे जाकर फल्गू नदी में ही गिरेगा।

इस संबंध में उपमेयर मोहन श्रीवास्तव ने बताया मनसरवा नाला का करना आसान नही है बड़ा प्रोजेक्ट हैं। इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था। अभी तक प्रस्ताव पर मुहर नही लगा है। पितृपक्ष मेला के दौरान पिंडदानी को नाले के पानी से मुक्ति के लिए अस्थायी रूप से मनसरवा का इंडिग पॉइंट पर डैम बनाया जा रहा है। हमलोग का चाहत है मनसरवा नाला का स्थायी समाधान निकले पर नही निकला है। हमलोग प्रयास में है इसका स्थायी समाधान निकाले।





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