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गया में 11 पंचायत का अस्तित्व हुआ समाप्त, मुखिया ने खटखटाया पटना हाईकोर्ट का दरवाजा

गया जिले के 332 पंचायतों में से 11 पंचायतों का अस्तित्व समाप्त किया जा रहा है. सरकार के इस फैसले को लेकर जनप्रतिनिधियों ने विरोध जताते हुए पटना उच्च न्यायलय का दरवाजा खटखटाया है.

पंचायत का अस्तित्व समाप्त
पंचायत का अस्तित्व समाप्त
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Published : Apr 6, 2021, 8:52 AM IST

Updated : Apr 6, 2021, 9:25 AM IST

गया: आगामी पंचायत चुनाव में पंचायत स्तर का भूगोल बदल जाएगा. बिहार सरकार गया जिले में 332 पंचायतों में से 11 पंचायतों का अस्तित्व समाप्त कर रही है. ये सभी पंचायत नगर पंचायत या नगर परिषद में शामिल होंगे. सरकार के इस फैसले के खिलाफ वर्तमान जनप्रतिनिधियों ने विरोध जताया है. बोधगया प्रखण्ड के पड़रिया पंचायत के मुखिया ने सरकार के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

पंचायत का अस्तित्व समाप्त.
पंचायत का अस्तित्व समाप्त.

इसे भी पढ़ें: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का पंचायत चुनाव पर पड़ेगा असर !

पंचायती राज्य मंत्री ने दिया था निर्देश
दरअसल, बिहार सरकार के पंचायती राज्य मंत्री सम्राट चौधरी ने पंचायती राज संशोधन अधिनियम के तहत ग्राम पंचायतों को विघटित करने की कार्रवाई विभाग को शुरू करने का निर्देश दिया गया था. जिसके तहत गया जिले के 11 ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत या नगर परिषद में शामिल किया जा रहा है. बोधगया प्रखण्ड के कई पंचायत नगर पंचायत में शामिल हो रहा है. इसके विरोध में पड़रिया ग्राम पंचायत के मुखिया राजेश यादव ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मुखिया विजय यादव ने बताया कि पड़रिया पंचायत बिल्कुल ग्रामीण क्षेत्र है. इस पंचायत का सर्वे हुआ था. सर्वे में भी जिक्र किया गया कि यह पंचायत संपूर्ण रूप से नगर पंचायत में शामिल होने के लायक है.

जिलाधिकारी ने मेरे पत्र को सही मानते हुए सचिवालय तक भेजवाया लेकिन कार्रवाई बिल्कुल अलग हुआ. सरकार के इस निर्णय के खिलाफ हूं. मैं जिलाधिकारी से मांग करता हूं कि इस पर पुनः विचार किया जाए. -विजय यादव, मुखिया

ये भी पढ़ें: EVM से पंचायत चुनाव करवाने पर नहीं बनी सहमति, बहस जारी

पड़रिया पंचायत में दलित समाज
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत का कई गांव शहर से दूर है. ऐसे में भी नगर पंचायत में शामिल करना औचित्य नहीं है. बोधगया प्रखण्ड के सबसे ज्यादा दलित समाज के लोग पड़रिया पंचायत में रहते हैं. इन लोगों के पास खाने के लिए पैसे नहीं है. ये लोग भविष्य में होल्डिंग टैक्स से कैसे भरेंगे, इसके अलावा बिजली के दर में बढ़ोतरी हो जाएगा. सरकार गरीबो पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है. ज्यादातर किसान लोग इस फैसले से नाखुश है.

पंचायत को नगर पंचायत में किया जाएगा शामिल
आपको बता दें कि बोधगया प्रखंड के पड़रिया, धनामा, मोचारिम और बकरौर पंचायत नगर पंचायत बोधगया में शामिल किया जाएगा. इसके अलावा विभिन्न प्रखंडो से 8 पंचायत को नगर पंचायत या नगर परिषद में शामिल किया जाएगा.

गया: आगामी पंचायत चुनाव में पंचायत स्तर का भूगोल बदल जाएगा. बिहार सरकार गया जिले में 332 पंचायतों में से 11 पंचायतों का अस्तित्व समाप्त कर रही है. ये सभी पंचायत नगर पंचायत या नगर परिषद में शामिल होंगे. सरकार के इस फैसले के खिलाफ वर्तमान जनप्रतिनिधियों ने विरोध जताया है. बोधगया प्रखण्ड के पड़रिया पंचायत के मुखिया ने सरकार के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

पंचायत का अस्तित्व समाप्त.
पंचायत का अस्तित्व समाप्त.

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पंचायती राज्य मंत्री ने दिया था निर्देश
दरअसल, बिहार सरकार के पंचायती राज्य मंत्री सम्राट चौधरी ने पंचायती राज संशोधन अधिनियम के तहत ग्राम पंचायतों को विघटित करने की कार्रवाई विभाग को शुरू करने का निर्देश दिया गया था. जिसके तहत गया जिले के 11 ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत या नगर परिषद में शामिल किया जा रहा है. बोधगया प्रखण्ड के कई पंचायत नगर पंचायत में शामिल हो रहा है. इसके विरोध में पड़रिया ग्राम पंचायत के मुखिया राजेश यादव ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मुखिया विजय यादव ने बताया कि पड़रिया पंचायत बिल्कुल ग्रामीण क्षेत्र है. इस पंचायत का सर्वे हुआ था. सर्वे में भी जिक्र किया गया कि यह पंचायत संपूर्ण रूप से नगर पंचायत में शामिल होने के लायक है.

जिलाधिकारी ने मेरे पत्र को सही मानते हुए सचिवालय तक भेजवाया लेकिन कार्रवाई बिल्कुल अलग हुआ. सरकार के इस निर्णय के खिलाफ हूं. मैं जिलाधिकारी से मांग करता हूं कि इस पर पुनः विचार किया जाए. -विजय यादव, मुखिया

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पड़रिया पंचायत में दलित समाज
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत का कई गांव शहर से दूर है. ऐसे में भी नगर पंचायत में शामिल करना औचित्य नहीं है. बोधगया प्रखण्ड के सबसे ज्यादा दलित समाज के लोग पड़रिया पंचायत में रहते हैं. इन लोगों के पास खाने के लिए पैसे नहीं है. ये लोग भविष्य में होल्डिंग टैक्स से कैसे भरेंगे, इसके अलावा बिजली के दर में बढ़ोतरी हो जाएगा. सरकार गरीबो पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है. ज्यादातर किसान लोग इस फैसले से नाखुश है.

पंचायत को नगर पंचायत में किया जाएगा शामिल
आपको बता दें कि बोधगया प्रखंड के पड़रिया, धनामा, मोचारिम और बकरौर पंचायत नगर पंचायत बोधगया में शामिल किया जाएगा. इसके अलावा विभिन्न प्रखंडो से 8 पंचायत को नगर पंचायत या नगर परिषद में शामिल किया जाएगा.

Last Updated : Apr 6, 2021, 9:25 AM IST
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