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Engineer's Day 2023: गया में इंजीनियरिंग के छात्रों का कमाल, बनाया आपदा में काम आने वाला स्वदेशी ड्रोन.. ट्रायल में प्रोजेक्ट - disaster based drone

आज इंजीनियर्स दिवस है. डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती के उपलक्ष्य में आज के दिन राष्ट्रीय इंजीनियर दिवस मनाया जाता है. इस दिन न केवल उनके योगदान को याद किया जाता है बल्कि उन इंजीनियरों की उपलब्धियों की भी चर्चा करते हैं, जो विकास में सहायक साबित होती है. बिहार के गया में इंजीनियरिंग छात्रों ने भी कुछ ऐसा ही किया है, जो राष्ट्र की सुरक्षा में कारगर साबित हो सकता है.

गया में इंजीनियरिंग छात्रों ने स्वदेशी ड्रोन बनाया
गया में इंजीनियरिंग छात्रों ने स्वदेशी ड्रोन बनाया
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 15, 2023, 6:04 AM IST

देखें रिपोर्ट

गया: बिहार के गया में स्थित गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्रों ने कमाल कर दिया है. ये छात्र वैसे ड्रोन के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, जो कि आपदा में बड़े काम की साबित होगी. फिलहाल आपदा आधारित ड्रोन का प्रोजेक्ट ट्रायल में है. अगर यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से सफल रहा तो यह देश के कई हिस्सों खासकर नॉर्थ ईस्ट जैसे इलाकों में आपदा प्रबंधन की चुनौती के बीच अपनी बड़ी भूमिका निभाएगा.

ये भी पढ़ें: बिहार के इंजीनियर का कमाल, तैयार किया ऐसा ईंधन कि किसानों का दिल होगा खुश

इंजीनियरिंग छात्रों ने स्वदेशी ड्रोन बनाया: गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग गया के फाइनल ईयर के छात्रों ने यह कमाल किया है. फाइनल ईयर के छात्रों के प्रोजेक्ट में एक अनमेनेड एरियल व्हीकल जिसे आमतौर पर ड्रोन कहा जाता है, का निर्माण किया है. गया इंजीनियरिंग कॉलेज के इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग ब्रांच के फाइनल ईयर छात्र दीपक कुमार, अभिनव राज, अमिताभ अंकुर, सपना कुमारी और तृप्ति कुमारी ने मिलकर यह प्रोजेक्ट तैयार किया है.

गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
गया में इंजीनियरिंग छात्रों ने स्वदेशी ड्रोन बनाया

देश के कई इलाकों में कारगर साबित होगा: फिलहाल इसका ट्रायल जारी है. छात्रों की मानें तो देश के कई इलाकों में यह कारगर साबित होगा. खास कर आपदा के समय में प्रोजेक्ट से बनने वाला यह ड्रोन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. नॉर्थ इंडिया के क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. छात्र बताते हैं कि यह प्रोजेक्ट हिंदुस्तान के उन इलाकों के लिए कारगर साबित होगा, जहां इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है. आपदा प्रबंधन के दौरान यह बहुत ही कारगर साबित हो सकता है.

"अभी इसे और विकसित किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट पर काफी कुछ काम होने हैं. इससे कई किलोग्राम राहत सामग्री जैसे दवा आदि भेजी जा सकती है. फिलहाल में ट्रायल में रहे इस ड्रोन का वजन कम है, लेकिन इसे और बढाया जाएगा ताकि राहत सामग्री भेजने की क्षमता को बढ़ाया जा सके. यह प्रोजेक्ट काफी महत्वाकांक्षी साबित हो सकता है"- इंजीनियरिंग छात्र, गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग

मेक इन इंडिया से मिली प्रेरणा: गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्र कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आह्वान है कि 2030 तक हिंदुस्तान को ड्रोन हब के रूप में स्थापित किया जाए. मेक इन इंडिया का उनका नारा है, जिससे उन्हें प्रेरणा मिली है और यही बातों को लेकर इस प्रोजेक्ट को हम पांच छात्रों ने मिलकर तैयार किया है.

गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग

कॉलेज के प्रिंसिपल ने क्या बताया?: इस संबंध में गया इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफ गया के प्रिंसिपल राजन सरकार बताते हैं कि बिहार के जो बच्चे इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं, उनके द्वारा अनमेनेड एरियल व्हीकल यानी कि ड्रोन बनाया जा रहा है. ड्रोन बनाने का प्रोजेक्ट काफी बेहतर है और आपदा आधारित है. काम ट्रायल में चल रहा है. यह ऐसा प्रोजेक्ट है, जिससे संभव है कि यह आपदा के समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. इसे विकसित करने की प्रक्रिया जारी है.

"चीन से ड्रोन शुरू हुआ था. अब गवर्नमेंट ने बैन कर दिया है. भारत अपने हाथ से ड्रोन बनाएगा और प्रदर्शन करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे बढ़ावा दिया है तो इससे प्रेरणा लेकर छात्रों ने यह काम किया है और फिलहाल यह प्रोजेक्ट ट्रायल में चल रहा है. इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में भागलपुर के अमिताभ कुमार, गया के अभिनव राज, रोहतास के दीपक कुमार, मधुबनी की सपना कुमारी और बेगूसराय की तृप्ति कुमारी शामिल हैं. अभी इस ड्रोन इसे विकसित करने की प्रक्रिया जारी है"- राजन सरकार, प्रिंसिपल, गया इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफ गया

देखें रिपोर्ट

गया: बिहार के गया में स्थित गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्रों ने कमाल कर दिया है. ये छात्र वैसे ड्रोन के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, जो कि आपदा में बड़े काम की साबित होगी. फिलहाल आपदा आधारित ड्रोन का प्रोजेक्ट ट्रायल में है. अगर यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से सफल रहा तो यह देश के कई हिस्सों खासकर नॉर्थ ईस्ट जैसे इलाकों में आपदा प्रबंधन की चुनौती के बीच अपनी बड़ी भूमिका निभाएगा.

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इंजीनियरिंग छात्रों ने स्वदेशी ड्रोन बनाया: गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग गया के फाइनल ईयर के छात्रों ने यह कमाल किया है. फाइनल ईयर के छात्रों के प्रोजेक्ट में एक अनमेनेड एरियल व्हीकल जिसे आमतौर पर ड्रोन कहा जाता है, का निर्माण किया है. गया इंजीनियरिंग कॉलेज के इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग ब्रांच के फाइनल ईयर छात्र दीपक कुमार, अभिनव राज, अमिताभ अंकुर, सपना कुमारी और तृप्ति कुमारी ने मिलकर यह प्रोजेक्ट तैयार किया है.

गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
गया में इंजीनियरिंग छात्रों ने स्वदेशी ड्रोन बनाया

देश के कई इलाकों में कारगर साबित होगा: फिलहाल इसका ट्रायल जारी है. छात्रों की मानें तो देश के कई इलाकों में यह कारगर साबित होगा. खास कर आपदा के समय में प्रोजेक्ट से बनने वाला यह ड्रोन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. नॉर्थ इंडिया के क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. छात्र बताते हैं कि यह प्रोजेक्ट हिंदुस्तान के उन इलाकों के लिए कारगर साबित होगा, जहां इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है. आपदा प्रबंधन के दौरान यह बहुत ही कारगर साबित हो सकता है.

"अभी इसे और विकसित किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट पर काफी कुछ काम होने हैं. इससे कई किलोग्राम राहत सामग्री जैसे दवा आदि भेजी जा सकती है. फिलहाल में ट्रायल में रहे इस ड्रोन का वजन कम है, लेकिन इसे और बढाया जाएगा ताकि राहत सामग्री भेजने की क्षमता को बढ़ाया जा सके. यह प्रोजेक्ट काफी महत्वाकांक्षी साबित हो सकता है"- इंजीनियरिंग छात्र, गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग

मेक इन इंडिया से मिली प्रेरणा: गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्र कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आह्वान है कि 2030 तक हिंदुस्तान को ड्रोन हब के रूप में स्थापित किया जाए. मेक इन इंडिया का उनका नारा है, जिससे उन्हें प्रेरणा मिली है और यही बातों को लेकर इस प्रोजेक्ट को हम पांच छात्रों ने मिलकर तैयार किया है.

गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग

कॉलेज के प्रिंसिपल ने क्या बताया?: इस संबंध में गया इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफ गया के प्रिंसिपल राजन सरकार बताते हैं कि बिहार के जो बच्चे इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं, उनके द्वारा अनमेनेड एरियल व्हीकल यानी कि ड्रोन बनाया जा रहा है. ड्रोन बनाने का प्रोजेक्ट काफी बेहतर है और आपदा आधारित है. काम ट्रायल में चल रहा है. यह ऐसा प्रोजेक्ट है, जिससे संभव है कि यह आपदा के समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. इसे विकसित करने की प्रक्रिया जारी है.

"चीन से ड्रोन शुरू हुआ था. अब गवर्नमेंट ने बैन कर दिया है. भारत अपने हाथ से ड्रोन बनाएगा और प्रदर्शन करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे बढ़ावा दिया है तो इससे प्रेरणा लेकर छात्रों ने यह काम किया है और फिलहाल यह प्रोजेक्ट ट्रायल में चल रहा है. इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में भागलपुर के अमिताभ कुमार, गया के अभिनव राज, रोहतास के दीपक कुमार, मधुबनी की सपना कुमारी और बेगूसराय की तृप्ति कुमारी शामिल हैं. अभी इस ड्रोन इसे विकसित करने की प्रक्रिया जारी है"- राजन सरकार, प्रिंसिपल, गया इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफ गया

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