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गया: चुनाव में नक्सलियों की 'लाल चाल' पर लगा लगाम, बेखौफ होकर प्रत्याशी कर रहे प्रचार - गया में विधानसभा चुनाव 2020

जिले में चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से कराने को लेकर जिला प्रशासन महीनों से लगा है. वहीं जिले में कुछ नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने से लोगों को काफी परेशानियां हो रही थी. लेकिन इस वर्ष प्रशासनिक व्यवस्था कड़ी होने से लोगों को किसी प्रकार का कोई भय नहीं है.

election campaigning in naxalite affected area
नक्सली प्रभावि क्षेत्रों में चुनाव का प्रचार
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Published : Sep 28, 2020, 8:46 AM IST

गया: बिहार विधानसभा चुनाव की तिथियों का घोषणा हो चुकी है. जिले में प्रथम चरण में चुनाव होने हैं. वहीं जिले में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव करवाना बड़ी चुनौती है. जिले के कई इलाकों में आज भी लाल आतंक की धमक है. वहीं चुनाव को लेकर प्रशासन ने भी अपनी कमर कस ली है. सुरक्षा बलों के सहारे अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी बेखौफ होकर प्रत्याशी चुनाव प्रचार कर रहे हैं.


चुनाव के लिए जिला प्रशासन तैयार
दरअसल, गया जिले के 24 में से 13 प्रखण्ड नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं. चुनाव आयोग ने चार हजार बूथों में से 980 बूथ को नक्सल प्रभावित बूथ माना है. इन 13 प्रखंडों के 980 बूथों पर विधानसभा चुनाव करवाना बड़ी चुनौती है. जिले में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव हो इसकी पूरी तैयारी जिला प्रशासन और सुरक्षा बलों ने कर ली है.

election campaigning in naxalite affected area
बैठक करते उच्च अधिकारी.


नक्सलियों को लेकर कार्रवाई
आगामी चुनाव में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव के लिए जिला प्रशासन की रणनीति अभी कारगर हो रही है. वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र के परसावा गांव में के ग्रामीण बताते हैं कि आज से 10 साल पूर्व नक्सलियों के डर से कोई प्रत्याशी नहीं आते थे. उनके एक कार्यकर्ता आते थे, वो भी दिन के उजाले में छिपकर. इन क्षेत्रों में उस वक्त चुनाव होता तो था, लेकिन ग्रामीण नक्सलियों के भय से मतदान नहीं करते थे. वहीं सुरक्षा बलों के कार्रवाई से नक्सली भाग गए, जिसकी वजह से अब दर्जनों नेता चुनाव प्रचार करने आते हैं.

देखें रिपोर्ट.


गांव में लोकतांत्रिक व्यवस्था
गांव में जनसंपर्क कर रहे प्रत्याशी ने कहा कि 10 सालों में एक दिन भी विधायक इस सुदूर इलाके में नहीं आए. उन्होंने कहा कि अब इस गांव का माहौल लोकतांत्रिक व्यवस्था से जुड़ गया है. अब यहां हर दल के नेता बेखौफ होकर चुनाव प्रचार करते हैं.

election campaigning in naxalite affected area
नक्सली प्रभावित क्षेत्र


सुबह 7 से शाम 4 बजे तक होगा मतदान
एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चुनाव सुबह 7 से शाम 4 बजे तक होगा. इन क्षेत्रों को लेकर रणनीति बनाई गई है. चुनाव के घोषणा के पूर्व नक्सलियों के अघोषित ठिकाना पर अर्धसैनिक बल और जिला पुलिस छापेमारी और जंगलों में सर्च ऑपरेशन किया गया. इससे नक्सली ठिकाना नहीं बना पाए. इसके साथ ही झारखंड के पड़ोसी राज्य के पड़ोसी जिले के एसएसपी और थाना स्तर पर वार्ता हुई है कि चुनाव के मद्देनजर वहां भी सर्च अभियान चलाया जा रहा है. इसके साथ ही बताया गया कि लोकसभा चुनाव में नक्सलियों ने बम प्लांट किया था. हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ. सुरक्षा बलों ने समय रहते ही उस बम को खोज निकाला और डिफ्यूज कर दिया था.

गया: बिहार विधानसभा चुनाव की तिथियों का घोषणा हो चुकी है. जिले में प्रथम चरण में चुनाव होने हैं. वहीं जिले में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव करवाना बड़ी चुनौती है. जिले के कई इलाकों में आज भी लाल आतंक की धमक है. वहीं चुनाव को लेकर प्रशासन ने भी अपनी कमर कस ली है. सुरक्षा बलों के सहारे अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी बेखौफ होकर प्रत्याशी चुनाव प्रचार कर रहे हैं.


चुनाव के लिए जिला प्रशासन तैयार
दरअसल, गया जिले के 24 में से 13 प्रखण्ड नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं. चुनाव आयोग ने चार हजार बूथों में से 980 बूथ को नक्सल प्रभावित बूथ माना है. इन 13 प्रखंडों के 980 बूथों पर विधानसभा चुनाव करवाना बड़ी चुनौती है. जिले में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव हो इसकी पूरी तैयारी जिला प्रशासन और सुरक्षा बलों ने कर ली है.

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बैठक करते उच्च अधिकारी.


नक्सलियों को लेकर कार्रवाई
आगामी चुनाव में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव के लिए जिला प्रशासन की रणनीति अभी कारगर हो रही है. वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र के परसावा गांव में के ग्रामीण बताते हैं कि आज से 10 साल पूर्व नक्सलियों के डर से कोई प्रत्याशी नहीं आते थे. उनके एक कार्यकर्ता आते थे, वो भी दिन के उजाले में छिपकर. इन क्षेत्रों में उस वक्त चुनाव होता तो था, लेकिन ग्रामीण नक्सलियों के भय से मतदान नहीं करते थे. वहीं सुरक्षा बलों के कार्रवाई से नक्सली भाग गए, जिसकी वजह से अब दर्जनों नेता चुनाव प्रचार करने आते हैं.

देखें रिपोर्ट.


गांव में लोकतांत्रिक व्यवस्था
गांव में जनसंपर्क कर रहे प्रत्याशी ने कहा कि 10 सालों में एक दिन भी विधायक इस सुदूर इलाके में नहीं आए. उन्होंने कहा कि अब इस गांव का माहौल लोकतांत्रिक व्यवस्था से जुड़ गया है. अब यहां हर दल के नेता बेखौफ होकर चुनाव प्रचार करते हैं.

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नक्सली प्रभावित क्षेत्र


सुबह 7 से शाम 4 बजे तक होगा मतदान
एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चुनाव सुबह 7 से शाम 4 बजे तक होगा. इन क्षेत्रों को लेकर रणनीति बनाई गई है. चुनाव के घोषणा के पूर्व नक्सलियों के अघोषित ठिकाना पर अर्धसैनिक बल और जिला पुलिस छापेमारी और जंगलों में सर्च ऑपरेशन किया गया. इससे नक्सली ठिकाना नहीं बना पाए. इसके साथ ही झारखंड के पड़ोसी राज्य के पड़ोसी जिले के एसएसपी और थाना स्तर पर वार्ता हुई है कि चुनाव के मद्देनजर वहां भी सर्च अभियान चलाया जा रहा है. इसके साथ ही बताया गया कि लोकसभा चुनाव में नक्सलियों ने बम प्लांट किया था. हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ. सुरक्षा बलों ने समय रहते ही उस बम को खोज निकाला और डिफ्यूज कर दिया था.

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