गया: बिहार के गया के ग्रामीण इलाकों में पेयजल की काफी समस्या (Water problem serious in Gaya) है. शहर के कई इलाकों के ग्रामीण मजबूरी में नदी का पानी छानकर पीते हैं. कुछ इलाकों में यह समस्या काफी ज्यादा है. बताया जाता है कि गया के सुदूरवर्ती बाराचट्टी, इमामगंज के कई क्षेत्रों में कुआं, चापाकल सब सूख गए हैं. इन ग्रामीणों को पीने के लिए पानी भी नहीं मिल पाता है. इसी तरह से इमामगंज स्थित विराज पंचायत के कई गांव की स्थिति बनी हुई है.
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नदी का पानी छानकर पीते हैं लोग: शहर के इमामगंज अंतर्गत विराज पंचायत के कुछ गांवों की हालत तो पूरी तरह से बदतर बनी हुई है. इन गांवों के कुएं तक सूख चुके हैं. सबसे बड़ी बात है कि इस इलाके में नल जल योजना सिर्फ कागजों पर ही पानी दे रही है. वहीं पानी के कुछ स्त्रोत से भी किसी तरह लोग पानी ले रहे हैं. जबकि इस पंचायत के सैकड़ों घरों की आबादी पानी की समस्या को लेकर चिंतित और हताशा में रहने लगी है. वहीं गर्मी बढ़ते ही इन इलाकों में पेयजल की समस्या काफी बढ़ गई है. स्थिति यह होती है कि ग्रामीण नदी का पानी लाकर फिर उसे छानकर पीते हैं.
नल जल योजना का नहीं मिलता लाभ: इस पंचायत के कई गांव टोले में नल जल योजना कागजों पर ही नजर आते हैं. नतीजतन ग्रामीणों को कागजों पर तो पानी मिल रही है, जबकि जमीनी हकीकत है कि लोग पानी के लिए सुबह से लेकर शाम तक परेशान रहते हैं. ग्रामीण बताते हैं कि कुछ गांव और टोलों में जल का स्त्रोत एकदम से खत्म हो गया है. इन इलाकों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. प्रशासनिक अधिकारियों के पास कई बार इस बारे में शिकायत की गई. इस बारे में कोई सुनने वाला नहीं है. बल्कि पानी को लेकर चल रही योजनाओं में बंदरबांट हो रही है. जिला प्रशासन के जरिए भी नल जल योजना या फिर चापाकल लगाने की योजना हो सभी में कई प्रकार की विसंगतियां है.
नदी के पानी से हो रहा सारा काम: विराट पंचायत के विराट, गोरडीहा, सामो, सिवा समेत कई टोलों में यही स्थिति है. वहीं, ग्रामीण महिला गुड़िया देवी, सोनी देवी, अनीता देवी ने बताया कि हमारे गांव में पानी का स्त्रोत सूख चुका है. कुआं में एकाध बाल्टी पानी है, वह भी गंदा है. मजबूरन हमें नदी से पानी लाना पड़ रहा है. उसी पानी को हमलोग छानकर पीने में इस्तेमाल करते हैं. उसी पानी से नदी में ही कपड़े धोते हैं. गांव की महिलाएं बताती है कि पानी नहीं रहने के कारण काफी दिक्कतें हो रही है. इनका कहना है कि हमारे लिए कोई नहीं सोचता. वहीं, स्थानीय वार्ड सदस्य भी कहते हैं कि समस्या गंभीर है, इसका जल्द निवारण होना चाहिए.
"विराज पंचायत के कई गांवों को चापाकल नहीं दिया गया. यहां पानी की समस्या व्यापक तौर पर व्याप्त हो गई है. पंचायत के मुखिया समेत प्रशासन के अधिकारियों से भी बात की गई लेकिन सभी किसी न किसी तरह से टालमटोल करते हैं. मेरी सरकार और प्रशासन से मांग है कि जल्द से जल्द गांव में पानी की समस्या को दूर किया जाए"- नाजलिस खां, वार्ड सदस्य