गया: जिले में आसमानी कहर से अब तक 35 लोगों की जान चुकी है. ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. लू की चपेट में आने से इतनी बड़ी संख्या में मौत होने से लोग परेशान हैं. सनस्ट्रोक से बचाव और लक्षण पर ANMMCH के अधीक्षक डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि लू लगने के कई कारण हैं, लेकिन सभी कारण गर्मियों से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि आप बहुत समय तक धूप में रहते हैं तो आपको लू लग सकता है. कड़ी धूप में नंगे बदन रहने से और गर्मी में अधिक समय तक काम करने से भी लू लग सकता है.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि लू अधिक उम्र के लोगों को जल्दी अपने चपेट में ले लेता है. इसका मुख्य कारण है उम्र के ढ़लते पड़ाव के साथ शरीर के अंग तेजी से काम करना बंद कर देता है. जिससे उम्रदराज लोगों को लू अपने चपेट में ले लेता है. इस बार जितनी लोगों को मौत हुई, उसमें अधिकांश बुजुर्ग या उम्रदराज लोग थे. लू की समस्या बच्चों में कम आती है.
लू लगे तो तुरंत करें घेरलू उपचार
डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि किसी व्यक्ति को लू लगे तो उसे तुरंत घेरलू उपचार दीजिए. सबसे पहले उसके शरीर का तापमान कम करने का प्रयास कीजिये. कच्चे आम का लेप लगाइए, डब्ल्यूएचओ का घोल दीजिए, बदन पर से कपड़े को हंटा दीजिए, हल्का और सूती कपड़ा पहनाएं. शरीर के तापमान कम करने के लिए आईस पोड का प्रयोग करना चाहिए. उन्होंने बताया कि लू पीड़ित व्यक्ति को ठंडे स्थान, पेड़ के छांव के नीचे, कूलर या एसी वाले रूम में रखना चाहिए. अगर आप कुछ दवाइयां लेते हैं या आपको गर्मी लगने से संबंधित दिक्कतों का खतरा अधिक है तो गर्मी में जाने से परहेज करें. लू लगने से जुड़े थोड़े भी लक्षण नजर आए तो तुरंत उपचार करवाएं.
ये हैं लू लगने के लक्षण
डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि लू लगने के कई लक्षण दिखते हैं. शरीर उच्च तापमान पर पहुंच जाता है. शरीर का तापमान 104 डिग्री या उससे अधिक होना लू लगने का संकेत है. आपकी सांस लेने की गति तेज और छोटे-छोटे अंतराल पर हो यह भी एक कारण है. लू लगने से आपको सिर दर्द हो सकता है. लू लगने से आपको पेट में गड़बड़ लग सकती है और उल्टी भी आ सकती है. शरीर का तापमान बढ़ने के कारण आपकी त्वचा लाल हो सकती है.
लू लगने हो सकता है ब्रेन हैमरेज
डॉक्टर ने बताया कि लू लगने पर घेरलू उपचार के साथ अतिआवश्यक समझकर मरीज को चिकित्सक से दिखाना चाहिए. मरीज का तापमान घेरलू उपचार कम हो जाये तब भी एक बार डॉक्टर से दिखाना चाहिए. शरीर का तापमान परिस्थितियों के अनुसार बदलता है. लू लगने से ब्रेन हैमरेज हो सकता है और किडनी में भी दिक्कत आ सकती है. कई बार लू पीड़ित को यूरिन निकलने में दिक्कत होती है. इससे बचाव के लिए मरीज को गुलकोज और एलोकट्रोल पानी चढ़ाते रहना चाहिए.