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लू लगने पर त्वरित इलाज से बच सकता है मरीज: डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद

डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि किसी व्यक्ति को लू लगे तो उसे तुरंत घेरलू उपचार दीजिए. सबसे पहले उसके शरीर का तापमान कम करने का प्रयास कीजिये.

डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद
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Published : Jun 18, 2019, 1:45 AM IST

गया: जिले में आसमानी कहर से अब तक 35 लोगों की जान चुकी है. ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. लू की चपेट में आने से इतनी बड़ी संख्या में मौत होने से लोग परेशान हैं. सनस्ट्रोक से बचाव और लक्षण पर ANMMCH के अधीक्षक डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि लू लगने के कई कारण हैं, लेकिन सभी कारण गर्मियों से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि आप बहुत समय तक धूप में रहते हैं तो आपको लू लग सकता है. कड़ी धूप में नंगे बदन रहने से और गर्मी में अधिक समय तक काम करने से भी लू लग सकता है.


ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि लू अधिक उम्र के लोगों को जल्दी अपने चपेट में ले लेता है. इसका मुख्य कारण है उम्र के ढ़लते पड़ाव के साथ शरीर के अंग तेजी से काम करना बंद कर देता है. जिससे उम्रदराज लोगों को लू अपने चपेट में ले लेता है. इस बार जितनी लोगों को मौत हुई, उसमें अधिकांश बुजुर्ग या उम्रदराज लोग थे. लू की समस्या बच्चों में कम आती है.

डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद से खास बातचीत

लू लगे तो तुरंत करें घेरलू उपचार
डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि किसी व्यक्ति को लू लगे तो उसे तुरंत घेरलू उपचार दीजिए. सबसे पहले उसके शरीर का तापमान कम करने का प्रयास कीजिये. कच्चे आम का लेप लगाइए, डब्ल्यूएचओ का घोल दीजिए, बदन पर से कपड़े को हंटा दीजिए, हल्का और सूती कपड़ा पहनाएं. शरीर के तापमान कम करने के लिए आईस पोड का प्रयोग करना चाहिए. उन्होंने बताया कि लू पीड़ित व्यक्ति को ठंडे स्थान, पेड़ के छांव के नीचे, कूलर या एसी वाले रूम में रखना चाहिए. अगर आप कुछ दवाइयां लेते हैं या आपको गर्मी लगने से संबंधित दिक्कतों का खतरा अधिक है तो गर्मी में जाने से परहेज करें. लू लगने से जुड़े थोड़े भी लक्षण नजर आए तो तुरंत उपचार करवाएं.

ये हैं लू लगने के लक्षण
डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि लू लगने के कई लक्षण दिखते हैं. शरीर उच्च तापमान पर पहुंच जाता है. शरीर का तापमान 104 डिग्री या उससे अधिक होना लू लगने का संकेत है. आपकी सांस लेने की गति तेज और छोटे-छोटे अंतराल पर हो यह भी एक कारण है. लू लगने से आपको सिर दर्द हो सकता है. लू लगने से आपको पेट में गड़बड़ लग सकती है और उल्टी भी आ सकती है. शरीर का तापमान बढ़ने के कारण आपकी त्वचा लाल हो सकती है.

लू लगने हो सकता है ब्रेन हैमरेज
डॉक्टर ने बताया कि लू लगने पर घेरलू उपचार के साथ अतिआवश्यक समझकर मरीज को चिकित्सक से दिखाना चाहिए. मरीज का तापमान घेरलू उपचार कम हो जाये तब भी एक बार डॉक्टर से दिखाना चाहिए. शरीर का तापमान परिस्थितियों के अनुसार बदलता है. लू लगने से ब्रेन हैमरेज हो सकता है और किडनी में भी दिक्कत आ सकती है. कई बार लू पीड़ित को यूरिन निकलने में दिक्कत होती है. इससे बचाव के लिए मरीज को गुलकोज और एलोकट्रोल पानी चढ़ाते रहना चाहिए.

गया: जिले में आसमानी कहर से अब तक 35 लोगों की जान चुकी है. ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. लू की चपेट में आने से इतनी बड़ी संख्या में मौत होने से लोग परेशान हैं. सनस्ट्रोक से बचाव और लक्षण पर ANMMCH के अधीक्षक डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि लू लगने के कई कारण हैं, लेकिन सभी कारण गर्मियों से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि आप बहुत समय तक धूप में रहते हैं तो आपको लू लग सकता है. कड़ी धूप में नंगे बदन रहने से और गर्मी में अधिक समय तक काम करने से भी लू लग सकता है.


ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि लू अधिक उम्र के लोगों को जल्दी अपने चपेट में ले लेता है. इसका मुख्य कारण है उम्र के ढ़लते पड़ाव के साथ शरीर के अंग तेजी से काम करना बंद कर देता है. जिससे उम्रदराज लोगों को लू अपने चपेट में ले लेता है. इस बार जितनी लोगों को मौत हुई, उसमें अधिकांश बुजुर्ग या उम्रदराज लोग थे. लू की समस्या बच्चों में कम आती है.

डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद से खास बातचीत

लू लगे तो तुरंत करें घेरलू उपचार
डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि किसी व्यक्ति को लू लगे तो उसे तुरंत घेरलू उपचार दीजिए. सबसे पहले उसके शरीर का तापमान कम करने का प्रयास कीजिये. कच्चे आम का लेप लगाइए, डब्ल्यूएचओ का घोल दीजिए, बदन पर से कपड़े को हंटा दीजिए, हल्का और सूती कपड़ा पहनाएं. शरीर के तापमान कम करने के लिए आईस पोड का प्रयोग करना चाहिए. उन्होंने बताया कि लू पीड़ित व्यक्ति को ठंडे स्थान, पेड़ के छांव के नीचे, कूलर या एसी वाले रूम में रखना चाहिए. अगर आप कुछ दवाइयां लेते हैं या आपको गर्मी लगने से संबंधित दिक्कतों का खतरा अधिक है तो गर्मी में जाने से परहेज करें. लू लगने से जुड़े थोड़े भी लक्षण नजर आए तो तुरंत उपचार करवाएं.

ये हैं लू लगने के लक्षण
डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि लू लगने के कई लक्षण दिखते हैं. शरीर उच्च तापमान पर पहुंच जाता है. शरीर का तापमान 104 डिग्री या उससे अधिक होना लू लगने का संकेत है. आपकी सांस लेने की गति तेज और छोटे-छोटे अंतराल पर हो यह भी एक कारण है. लू लगने से आपको सिर दर्द हो सकता है. लू लगने से आपको पेट में गड़बड़ लग सकती है और उल्टी भी आ सकती है. शरीर का तापमान बढ़ने के कारण आपकी त्वचा लाल हो सकती है.

लू लगने हो सकता है ब्रेन हैमरेज
डॉक्टर ने बताया कि लू लगने पर घेरलू उपचार के साथ अतिआवश्यक समझकर मरीज को चिकित्सक से दिखाना चाहिए. मरीज का तापमान घेरलू उपचार कम हो जाये तब भी एक बार डॉक्टर से दिखाना चाहिए. शरीर का तापमान परिस्थितियों के अनुसार बदलता है. लू लगने से ब्रेन हैमरेज हो सकता है और किडनी में भी दिक्कत आ सकती है. कई बार लू पीड़ित को यूरिन निकलने में दिक्कत होती है. इससे बचाव के लिए मरीज को गुलकोज और एलोकट्रोल पानी चढ़ाते रहना चाहिए.

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गया में आसमानी कहर से अब तक 35 लोगो की जान चुकी है ये सिलसिला थम नही रहा है। लू की चपेट में आने से इतनी बड़ी संख्या में मौत होने से खास व आम व्यक्ति परेशान हैं। सनस्ट्रोक से बचाव और लक्षण पर ईटीवी ने मगध क्षेत्र के सबसे बड़ा अस्पताल एएनएमसीएच के अधीक्षक से खास बातचीत किया।




Body:लगता है जून माह मौत औऱ मातम का माह बनकर इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा। चमकी बुखार से सैकड़ों बच्चों की मौत हो गयी वही मगध क्षेत्र में सैकड़ों लोगों का मौत लू लगने से हो गया हैं। शासन- प्रशासन द्वारा अब सरकारी व्यवस्था करना एक चर्चित कहावत को चरितार्थ करता है आग लगने पर कुआं खोदना। बहरहाल ईटीवी ने आपके लिए अहम जानकारी लाया है। लू लगने पर आपको सरकारी इंतजामो के तरफ जाने से पहले खुद से करना होगा घेरलू उपाय तब ही बच सकते है लू पीड़ित।

ईटीवी ने लू लगने का कारण क्या होता है, लू लगने का लक्षण क्या होता हैं और लू लगने पर बचाव कैसे किया जाता है इन सभी सवालों का जवाब लेकर मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ विजय कृष्ण प्रसाद से बातचीत किया।

डॉ विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया लू लगने के कई कारण है लेकिन सभी कारण गर्मियों से जुड़ा है। आप बहुत समय तक धूप में रहते हैं आपको लू लग सकता हैं। कड़ी धूप में नंगे बदन रहने से , गर्मी में अधिक समय तक कार्य करने से लू लग सकता हैं।

लू अधिक उम्र के लोगो को जल्दी अपने चपेट में ले लेता है इसका मुख्य कारण है उम्र के ढलते पड़ाव के साथ शरीर के अंग उस तेजी से काम करना बंद कर देते हैं। जिससे उम्रदराज लोगो को लू अपने चपेट में ले लेता हैं। इस बार जितनी लोगो को मौत हुई अधिकांश बुजुर्ग या उम्रदराज लोग थे। लू की समस्या सबसे कम बच्चों में आती है ।

कीसी व्यक्ति को लू लगा तो उसे तुरंत घेरलू उपचार दीजिए, सबसे पहले उसके शरीर का तापमान कम करने का प्रयास कीजिये। कच्चे आम का लेप लगाइए, डब्ल्यूएचओ का घोल दीजिए, बदन पर से कपड़े को हटा दीजिए, हल्का और सूती कपड़ा पहनाए। शरीर के तापमान कम करने के लिए आईस पोड का प्रयोग करना चाहिए। लू पीड़ित व्यक्ति को ठंडे स्थान पेड़ के छाँव के नीचे, कूलर या एसी वाले रूम में रखना चाहिए।


Conclusion:अगर आप कुछ दवाइयां लेते हैं या आपको गर्मी लगने से संबंधित दिक्कतों का खतरा अधिक है। तो गर्मी में जाने से परहेज करें।लू लगने से जुड़े थोड़े भी लक्षण नजर आए तो तुरंत उपचार करवाएं।

लू लगने का कई लक्षण दिखते हैं।शरीर उच्च तापमान पर पहुंच जाता है शरीर का तापमान 104 डिग्री या उससे अधिक होने पर लू लगने का संकेत है। आपकी सांस लेने की गति तेज और छोटे-छोटे अंतराल पर हो यह भी एक कारण है। लू लगने से आपको सिर दर्द हो सकता है लू लगने से आपको पेट में गड़बड़ लग सकती हैं और उल्टी भी आ सकती है। शरीर का तापमान बढ़ने के कारण आपकी त्वचा लाल हो सकती है।

लू लगने पर घेरलू उपचार के साथ अतिआवश्यक समझकर मरीज को चिकित्सक से दिखाना चाहिए। मरीज का तापमान घेरलू उपचार कम हो जाये तब भी एक बार डॉक्टर से दिखाना चाहिए। शरीर का तापमान परिस्थितियों के अनुसार बदलता है।

लू लगने से ब्रेन हेमरेज हो सकता है और किडनी में भी दिक्कत आ सकती है। कई बार लू पीड़ित को यूरिन निकलने में दिक्कत होता हैं। इसके बचाव के लिए मरीज को गुलकोज़ और एलोकट्रोल पानी चढ़ाते रहना चाहिए।
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