गया: जिले में कोरोना वायरस से बचाव और सुरक्षा को लेकर किए गए लॉक डाउन पर डीएम अभिषेक सिंह और वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा की संयुक्त अध्यक्षता में बैठक हुई. इस दौरान लॉक डाउन के दौरान सामान्य चिकित्सा सेवा बहाल करने को लेकर शहर के निजी चिकित्सकों के साथ भी बैठक की गई. बैठक में निजी चिकित्सकों से अनुरोध किया गया कि वे रोस्टर प्रणाली से स्वेच्छा से अपनी सेवा जेपीएन अस्पताल में दें.
रोस्टर प्रणाली से करें काम
एएनएमएमसीएच को कोरोना के लिए विशेष हॉस्पिटल बनाये जाने के बाद जेपीएन अस्पताल में बढ़ने वाली मरीजों की संभावित भीड़ के मद्देनजर डीएम अभिषेक सिंह ने निजी चिकित्सकों से अनुरोध किया है कि वे रोस्टर प्रणाली से अपनी सेवा जेपीएन अस्पताल में दें. इसके लिए उन्हें सारी सुविधा मुहैया कराई जाएगी. अगर वो अपना क्लीनिक चलाना चाहते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य नॉर्म्स का अनुपालन करते हुए वे चला सकते हैं.
उन्होंने कहा कि एएनएमएमसीएच को कोरोना के लिए विशेष हॉस्पिटल बनाए जाने के कारण अब सभी प्रकार के मरीजों का इलाज जेपीएन हॉस्पिटल और महिलाओं के संस्थागत प्रसव और महिलाओं से संबंधित बीमारियों का इलाज प्रभावती अस्पताल में किया जाएगा.
7 जिलों के लिए विशेष हॉस्पिटल
डीएम ने कहा कि इसकी अवधि लंबी होने की संभावना है. क्योंकि अभी भी बहुत सारे संदिग्ध लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है. अगर उनमें किसी प्रकार के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखने की आवश्यकता पड़ेगी. साथ ही यह 7 जिलों के लिए विशेष हॉस्पिटल बनाया गया है. लॉक डॉउन के दौरान समाज के सभी वर्ग, सभी संस्थाओं ने बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया है. इसलिए चिकित्सा सेवा से भी समाज को अपेक्षा है. चिकित्सकों को समाज सेवा का इससे बेहतर अवसर नहीं मिल सकता.
कई चिकित्सक रहे मौजूद
बैठक में जिला सैनिक कल्याण के विंग कमांडेंट कंचन सिन्हा ने कहा कि उनके पास टेक्निकल स्टाफ है, जिसकी सेवा आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराई जा सकती है. बैठक में सिविल सर्जन गया बृजेश कुमार सिंह, डॉ.डी मजूमदार, डॉ. प्रांशु कुमार, डॉ. जय देव प्रसाद, डॉ. रतन कुमार, डॉ. भी भी सिंह, डॉ. डीके सहाय सहित शहर के कई प्रतिष्ठित चिकित्सक उपस्थित रहे.