गया: कोरोना महामारी के बीच चमकी बुखार ने प्रदेश में दस्तक दी है. इसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट नजर आ रहा है. जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, पीएचसी के एमओआईसी, डॉक्टर, सीडीपीओ से उनके प्रखंड की स्थिति के संबंध में जानकारी ली. उन्होंने सभी पीएचसी में एईएस/जेई की दवा की उपलब्धता, वैक्सीन की उपलब्धता और पर्याप्त बेड की उपलब्धता के बारे में पूछा.
जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा कि रोजाना मुख्यमंत्री खुद एईएस/जेई की प्रतिदिन मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जिलाधिकारी ने कहा कि एईएस के मरीज ज्यादातर नॉर्थ बिहार और नमी वाले जगहों पर पाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों की अपेक्षा इस साल काफी हद तक गर्मी कम है. जिसके कारण चमकी बुखार के मरीज के आने की संभावना अधिक है.
चमकी बुखार को रोकने के लिए काम कर रहा प्रशासन
बैठक में बताया गया कि अब तक चमकी बुखार के लिए 85% बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है. जिलाधिकारी ने इसे शत-प्रतिशत पूर्ण कराने का निर्देश दिया. जिलाधिकारी ने बताया कि 6 मई के बाद जेई का वैक्सीनेशन प्रारंभ होगा. जेई-1 और जेई -2 वैक्सीन डोज अभियान के रूप में चलाएं. जिसमें कोई बच्चा न छूट सके. जिलाधिकारी ने कहा कि फिलहाल आंगनबाड़ी सेंटर बंद हैं इसलिए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी और बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अपने प्रखंड के टी.एच.आर की जांच घर-घर कराते रहें. उन्होंने कहा कि चमकी बुखार के ज्यादातर केस सुबह 4 से 5 बजे आते हैं. उस समय काफी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है.
सिविल सर्जन को दिया गया है यह निर्देश
जिलाधिकारी अभिषेक कुमार ने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को प्रातःकाल में तैयार रखने की जिम्मेदारी गया सिविल सर्जन को दी गई है. उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन अपने स्तर से रोस्टर बनाकर यह सुनिश्चित करेंगे कि कौन डॉक्टर और नर्स सुबह की पाली में ड्यूटी करेंगे. उन्होंने सभी आयुष डॉक्टर और एमओआईसी को निर्देश दिया कि अर्ली मॉर्निंग सेटअप रखें ताकि समय पर प्रॉपर ट्रीटमेंट किया जा सके.उन्होंने यह भी कहा कि किसी गांव से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने के लिए पर्याप्त साधन की व्यवस्था रखें. मुखिया, वार्ड सदस्य, अन्य जनप्रतिनिधि, डॉक्टर, प्रखंड विकास पदाधिकारी इत्यादि सभी लोग अपने अपने क्षेत्र के पंचायत के वैसे व्यक्ति जिनके पास टैंपू या अन्य साधन जिससे चमकी बुखार के मरीज को अविलंब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जा सके, उसका मोबाइल नंबर उपलब्ध रखें.
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विशेष परिस्थिति में किया जाएगा रेफर
जिलाधिकारी ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी और एमओआईसी को निर्देश दिया है कि अपने-अपने क्षेत्र में माइकिंग कराते रहें. प्रखंड विकास पदाधिकारी की ओर से रूट चार्ट निर्धारण किया जाएगा. जिलाधिकारी ने कहा कि गया जिला अंतर्गत 10 प्रखंडों को चिह्नित किया गया है, जहां से चमकी बुखार के मरीज के आने की संभावना ज्यादा रहती है. उन्होंने कहा कि वैसे महादलित टोले जहां लोग सुअर के पास रहते हैं, वैसे लोगों को 4 से 5 महीना सुअरों से अलग रखने का निर्देश दें. उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में जलजमाव रहता है, उन जगहों से जल निकासी की व्यवस्था कराई जाए और वहां किरासन तेल, ब्लीचिंग पाउडर और फागिंग का छिड़काव कराया जाए.
कोई बच्चा भूखा न सोए- डीएम
डीएम ने कहा है कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के कर्मी यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके क्षेत्र में कोई भी बच्चा रात्रि में भूखा ना सोए. उन्होंने कहा कि यदि किसी बच्चे को बुखार होता है तो उसे आशा या डॉक्टर द्वारा सिर्फ पारासिटामोल का टेबलेट दिया जाएगा. इसके अलावा बुखार का कोई अन्य दवा नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बच्चे को यदि तेज बुखार रहता है तो उसके शरीर को सामान्य पानी से पोंछते रहें, ताकि बुखार को 100 डिग्री सेल्सियस के नीचे पहुंचाया जा सके. उन्होंने कहा कि सभी प्रखंडों में नोजल स्प्रे उपलब्ध कराया जा रहा है. चमकी बुखार में यदि कोई बच्चे बेहोश रहता है तो उस बच्चे के मुंह में कुछ नहीं दिया जाएगा, यह सतर्कता अनिवार्य रूप से रखें. चमकी बुखार का इलाज प्रोटोकॉल के अनुसार ही किया जाएगा.