गया: जिलाधिकारी अभिषेक सिंह और वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने मगध मेडिकल अस्पताल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद अधीक्षक चैम्बर में आयोजित बैठक में उन्हें डॉक्टरों ने बताया कि अनाधिकृत रूप से दो व्यक्ति कोरोना के मरीजों के लिए बनाए गए वार्ड में प्रवेश किया. वो दोनों अपने आप को एम्स का डॉक्टर बता रहे थे. जिसके बाद जिलाधिकारी ने एएनएमएमसीएच में सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने का आदेश दिया.
डॉक्टरों ने बताया कि वो दोनों जब कोरोना के मरीज के लिए बनाए गए वार्ड में प्रवेश कर रहे थे तो मेडिकल के स्टाफ ने उसके बारे में डॉक्टरों को जानकारी दी. जिसके बाद डॉक्टर ने उससे पूछताछ की तो उनके पास कोई आई कार्ड नहीं था और ना ही उन्हें पर्सनल प्रोटेक्टेड किट पहना था. जब उन्हें पीपीइ पहनने को दिया गया तो वो इसे ठीक से नहीं पहन पाए. जिससे वहां के वार्ड बॉय और डॉक्टरों को संदेह हुआ और वार्ड बॉय की सतर्कता से दोनों को पकड़ लिया गया. उनसे पूछताछ की गई तो वो खुद को पीएमसीएच का डॉक्टर बताया और कहा कि वे दोनों मरीज का ब्लड सैंपल लेने आए हैं.
कोरोना वार्ड में जाने वालों के जारी किया गया निर्देश
इतनी जानकारी मिलने के बाद जिलाधिकारी ने अस्पताल के अधीक्षक से एक्सेस कंट्रोल के विषय पर विस्तृत जानकारी ली. उन्होंने अस्पताल अधीक्षक से पूछा कि कोई भी व्यक्ति कोरोना मरीज के लिए बनाए गए वार्ड में कैसे प्रवेश कर सकता है? साथ ही उन्होंने आदेश देते हुए कहा कि अब से गेट के पास जो भी पदाधिकारी या दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त रहेंगे उन्हें पहचान पत्र दिखाकर ही प्रवेश दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जिन पालियों में जिस कर्मी या डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति होगी. उस दिन उस समय का फोटोयुक्त रोस्टर संबंधित दरवाजे पर चिपकाया जाए. वहां उपस्थित मजिस्ट्रेट से रोस्टर में अंकित नाम से उनके पहचान पत्र का मिलान किया जाए.
मामले की जांच के आदेश
इसके अलावे जिलाधिकारी ने अस्पताल प्रबंधन से पूछा कि यदि कोई व्यक्ति कोरोना वार्ड में जाना चाहता हो तो उसे पर्सनल प्रोटेक्टेड ड्रेस कैसे मिल जाएगा? साथ ही उन्होंने पूछा कि किन-किन लोगों को पर्सनल प्रोटेक्टिव ड्रेस उपलब्ध करावाया जाता है? जिसके बाद उन्हें बताया गया कि केवल वार्ड अटेंडेंट और डॉक्टर जो अंदर जाते हैं. उनको पर्सनल प्रोटेक्टिव किट दिया जाता है. इसके बाद जिलाधिकारी ने अपर समाहर्त्ता और जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को इस मामले की जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिए. इसके अलावे जिलाधिकारी ने लेवल 1 और लेवल 2 के पास कुछ स्थानों पर बैरिकेडिंग कराने का निर्देश भवन विभाग के कार्यपालक अभियंता को दिया.