गया: विभिन्न राज्यों के मेलों और सर्कस आयोजनों के आकर्षण का केंद्र रहे गया के दिव्यांग जुड़वा भाईयों ने आखिरकार बुधवार को दम तोड़ दिया. यह दोनों भाई बीते 40 वर्षों से कमर के हिस्से से एक-दूसरे से जुड़कर जीवन यापन कर रहे थे. जुड़वा राम-श्याम ने अहले सुबह मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दम तोड़ दिया.
दोनों भाई लगातार प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे थे. लेकिन, कोई लाभ नहीं मिला. आलम इतना बदतर है कि मरने के बाद इन्हें एम्बुलेंस तक नसीब नहीं हुआ. परिजन इनके शव को ठेले पर लाद कर घर लाए.
सरकार और प्रशासन से नाराज है मां
राम-श्याम ने एक साथ जीवन के 40 साल गुजार दिये. मेला और सर्कस में जाकर अपने शरीर को प्रदर्शित कर जीवनयापन के लिये कुछ पैसे कमा लेते थे. लेकिन, पिछले छः महीने से बीमार होने के कारण वह बेड पर ही पड़े थे. दोनों का दिव्यांग प्रमाण पत्र भी नहीं बना था. वह लगातार सरकार और समाजसेवियों से मदद मांग कर रहे थे. राम और श्याम की मां लड़खड़ाती जुबान में कहती हैं कि दोनों बेटों को स्वस्थ्य करना था लेकिन वह मर गए. इसके जन्म पर इतना अफसोस नहीं हुआ था, जितना आज हो रहा है. सरकार थोड़ी मदद कर देती तो मेरा बेटे नहीं मरते.
लंबे समय से बीमार थे दोनों
आसपास के लोगों ने बताया कि पिछले चार महीने से ये बीमार थे. पैर से लाचार हो गए थे. पटना, गया और रांची में डॉक्टरों को दिखाया. लेकिन, बीमारी ठीक नहीं होने पर घर ले आए. घर पर पिछले रविवार से बड़ा भाई राम बेहोश हो गया. बीती रात छोटा भाई श्याम की हालत भी खराब होने लगी. तब उन्हें मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करवाया गया. सुबह राम ने दम तोड़ा और उसके बाद श्याम ने. उनकी मौत से ग्रामीण काफी दुखी हैं.